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महज दूध पिला कर सेहतमंद बनाये जा रहे कुपोषित बच्चे
भागलपुर : सदर हॉस्पिटल परिसर स्थित पोषण स्वास्थ्य केंद्र (एनआरसी) की व्यवस्था बीमार हो गयी है. कुपोषित बच्चों को संपूर्ण आहार के बजाय सिर्फ दूध से ही उन्हें सेहतमंद बनाया जा रहा है. यहां तक बच्चों की मां के खाने के मेन्यू में कटाैती की जाती है. इन्हें भोजन में सलाद नहीं मिलता है. सिर्फ […]
भागलपुर : सदर हॉस्पिटल परिसर स्थित पोषण स्वास्थ्य केंद्र (एनआरसी) की व्यवस्था बीमार हो गयी है. कुपोषित बच्चों को संपूर्ण आहार के बजाय सिर्फ दूध से ही उन्हें सेहतमंद बनाया जा रहा है. यहां तक बच्चों की मां के खाने के मेन्यू में कटाैती की जाती है. इन्हें भोजन में सलाद नहीं मिलता है. सिर्फ एक ही टाइम दाल मिलता है. सुबह-शाम को दिया जाने वाला चाय-बिस्किट भी इनके मेन्यू के गायब कर दिया गया है. यहीं नहीं इस केंद्र से फल के नाम पर सिर्फ केला ही दिया जाता है.
मिल रही रोटी-सब्जी : जिले के गौराचक निवासिनी रुबी देवी का बेटा सत्यम कुमार बेहद ही कमजोर था. आशा उसे लेकर आयी और 22 जनवरी को पोषण पुनर्वास केंद्र पर भरती करा दिया. बीते तीन दिन से सिर्फ एक बार (रविवार की दोपहर में)डॉक्टर देखने के लिए आये. लेकिन बताया कुछ भी नहीं. भोजन के नाम पर रुबी को तीन दिन से सुबह चावल, दाल-सब्जी तो शाम को रोटी-सब्जी मिल रहा है.
कुपोषित को सिर्फ दूध : एनआरसी में भरती दो साल के सुमित को कुपोषण के वजह से टीबी हो गया है. यह 14 जनवरी से यहां पर भरती है. बच्चे को एफ 75 भोजन के नाम पर सिर्फ दूध ही दिया जा रहा है. सुमित की मां खुश्बू देवी के अनुसार, उन्हें दोनों टाइम खाना मिलता है लेकिन चाय-बिस्किट कभी नहीं मिला. हलवा, सेब, केला तो आज तक दिखा ही नहीं.
ये है एफ 75, एफ 100 व मिक्स भोजन
एफ 75 के तहत कुपोषित बच्चे को पहले सात दिन तक 100 एमएल के पूरक आहार (एनर्जी डेंस न्यूट्रीट रीच फूड) में 28 एमएल दूध, रिफाइंड, पानी, पीसा मूढ़ा व आवश्यकतानुसार चीनी मिला कर दिन में छह बार दिया जाता है. जब बच्चे की हालत ठीक हो जाती है तो उसे आठवें से 11वें दिन एफ 100 दिया जाता है. इसमें 100 एमएल के पूरक आहार में अन्य सामग्री वहीं होती है सिर्फ दूध की मात्रा बढ़ा कर 75 एमएल कर दी जाती है. 12 वें 16 दिन एफ 100 व मिक्स भोजन दिन में छह बार, 17-21वें दिन इसी भोजन को दिन में पांच बार दिया जाता है. मिक्स भोजन में खिचड़ी, दलिया, दाल, रोटी, आलू, केला, सेब व हलुआ होता है.
बच्चों के डाइट चार्ट पर चूने की पुताई : यहां की दीवारों पर बच्चों व मां के लिए दिये जाने वाले डाइट का चार्ट बना हुआ था. इसमें चूने की पुताई में बच्चों का डाइट चार्ट गुम हो गया. मां को दिया जाने वाला चार्ट चमचमा रहा है. इसके अलावा वार्ड में कहीं भी डाइट चार्ट नहीं लगा हुआ है.
कुपोषित बच्चाें व उनकी मां के आहार में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी बरदाश्त नहीं की जायेगी. इसकी जांच करा कर दोषी के खिलाफ कार्रवाई होगी.
डॉ विजय कुमार, सिविल सर्जन, भागलपुर
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