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पहले गर्भस्थ शिशु फिर प्रसूता की मौत

भागलपुर : जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के लेबर रूम में भरती प्रसूता ने पहले तो अपने गर्भ में पल रहे मासूम बेटे को गंवा दिया. फिर शनिवार को चिंता देवी ने भी दम तोड़ दिया. मरने के बाद भी मुश्किल कम नहीं हुई. चिंता देवी का पति चिंता की लाश को ले […]

भागलपुर : जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के लेबर रूम में भरती प्रसूता ने पहले तो अपने गर्भ में पल रहे मासूम बेटे को गंवा दिया. फिर शनिवार को चिंता देवी ने भी दम तोड़ दिया. मरने के बाद भी मुश्किल कम नहीं हुई. चिंता देवी का पति चिंता की लाश को ले जाने के लिए एंबुलेंस चालक के आगे हाथ जोड़ कर गुहार लगाता रहा लेकिन बेरहम एंबुलेंस चालक ने लाश ले जाने से इनकार कर दिया. पूरे छह घंटे तक अस्पताल परिसर स्थित सीमेंट के चबूतरे पर उसकी लाश पड़ी रही. बाद में दूसरे एंबुलेंस से अस्पताल प्रबंधन ने उसकी लाश को भिजवाया.

मुंगेर जिले के चानमली थान मुल्ला मुसहरी गांव निवासी प्रमोद मांझी की पत्नी चिंता देवी (30 वर्ष) को प्रसव दर्द होने पर उसे मायागंज अस्पताल के प्रसूति कक्ष में 13 जनवरी की सुबह में भरती कराया गया. प्रमोद के मुताबिक, यहां पर इलाजरत चिकित्सकों ने बताया कि उसकी पत्नी के पेट में पल रहा बच्चा मर चुका है. चिंता का हीमोग्लोबिन मापा गया तो चार एमजी प्रति डीएल(गंभीर रूप से एनिमिक) मिला. शुक्रवार को दिन में ही उसे एक यूनिट खून चढ़ाया गया.
चिकित्सकों के अनुसार उसे शुक्रवार को एक यूनिट खून चढ़ाया गया था. एक और यूनिट खून चढ़ाये जाने की जरूरत थी. शुक्रवार की दोपहर बाद से लेकर सुबह छह बजे तक तीन महिला चिकित्सकों की ड्यूटी रही. लेकिन किसी ने भी उसे दूसरा यूनिट खून चढ़ाना उचित नहीं समझा. चिंता देवी की शनिवार की सुबह 6:55 बजे मौत हो गयी.
आठ घंटे बाद गयी लाश
चिंता देवी की माैत के बाद उसकी लाश को ले जाने के लिए 1099 एंबुलेंस(शव वाहन) के चालक राजू यादव को इमरजेंसी में बुलाया गया. लेकिन उसने शव ले जाने से इनकार कर दिया. चिंता का पति प्रमोद मांझी लगातार हाथ जोड़े खड़े रहा. स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की हेल्थ मैनेजर आभा कुमारी से लेकर इमरजेंसी के स्वास्थ्य मैनेजर की भी बात चालक ने नहीं मानी. करीब आठ घंटे तक लाश अस्पताल परिसर के बाहर सीमेंट के चबूतरे पर पड़ी रही. दोनों हेल्थ मैनेजर ने दूसरे एंबुलेंस को बुलवाया और दोपहर बाद तीन बजे लाश को भिजवाया.
हाथ जोड़ने पर भी एंबुलेंस चालक ने शव ले जाने से किया इनकार
आठ घंटे तक चबूतरे
पर पड़ी रही लाश
मुंगेर जिले के चानमली थान मुल्ला मुसहरी गांव की थी रहनेवाली

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