भागलपुर: शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ आरके सिन्हा के क्लिनिक में बांका जिला के दुधारी स्थित चुबिया गांव के आठ वर्षीय दिलशार अहमद एवं बारह वर्षीय रजिया की पहचान सिक्स सेल के एनीमिक के रूप में की गयी है.
डॉ सिन्हा ने बताया कि दोनों भाई-बहन का इलाज बहुत जगह कराया गया, पर खून की कमी दूर नहीं हो रही थी. जांच में पता चला कि ऐसे मरीज विरले होते हैं. 1910 में हेटिक द्वारा हिंदुस्तानी छात्रों में इस बीमारी की पहचान पहली बार की गयी थी. यह आम तौर पर सउदी अरब, अफ्रीका एवं उत्तरी व दक्षिणी अमेरिका में पाया जाता है.
मध्य भारत के महाराष्ट्र एवं मध्य प्रदेश में इस तरह के मरीज मिलते हैं, पर बिहार में कम मरीज हैं. इस बीमारी पर शिशु विभाग में सेमिनार आयोजित किया गया. इसके बाद उक्त मरीज को जेएलएनएमसीएच के शिशु विभाग में भरती किया गया. इस मौके पर डॉ केके सिन्हा, डॉ खलील अहमद, डॉ राकेश, डॉ राजीव, डॉ गौतम, डॉ अमित, डॉ अंकिता के अलावा अन्य मौजूद थे.