भागलपुर: 16 वें लोकसभा चुनाव ने दस्तक दे दी है. राजनीतिक दल कमर कस कर चुनावी अखाड़े में कूद गये हैं. सभी दलों में राजनीतिक गतिविधियां जोर-शोर से चल रही हैं. पहली से लेकर 15वीं लोक सभा तक के चुनाव की तरह 16वें लोक सभा चुनाव में भी महिला व मुसलिम कार्ड सभी दल खेलेंगे. लेकिन इसका स्याह सच यही है कि मुसलिम व महिला सिर्फ चुनावी कार्ड होते हैं.
किशनगंज की बात छोड़ दें तो कोसी व पूर्व बिहार की 11 लोक सभा सीटों में से आठ सीट पर आज तक कोई मुसलिम प्रत्याशी चुनाव मैदान में जीत दर्ज नहीं करा सके. हालांकि कई दलों ने टिकट दिया, लेकिन मतदाताओं ने भरोसा नहीं किया. इसी तरह इस इलाके से अब तक मात्र छह महिलाएं ही लोकसभा पहुंच सकीं. 1957 में पहली बार बांका लोक सभा सीट से शकुंतला देवी चुनाव जीतीं थीं. मुसलिम प्रत्याशियों में पूर्व बिहार में पहली जीत का सेहरा 2006 के उप चुनाव में भागलपुर से सैयद शाहनवाज हुसैन व कोसी इलाके में 1971 के आम चुनाव में किशनगंज सीट से जमीउलुर रहमान को जाता है.
पूर्व बिहार की चार लोकसभा सीटों में से जमुई नवोदित लोकसभा सीट है तथा अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित है. इसके अलावा पूर्व बिहार में भागलपुर, बांका व मुंगेर सीट है. कोसी क्षेत्र में सुपौल नवोदित सीट है.
अररिया पहले सुरक्षित सीट की श्रेणी में था, वह अब सामान्य सीट है. सहरसा पहले लोकसभा सीट था, लेकिन पिछले परिसीमन में इसे समाप्त कर दिया गया. कोसी में इसके अलावा किशनगंज, कटिहार, मधेपुरा, पूर्णिया और खगड़िया लोकसभा की सीटें हैं. किशनगंज सीट पर आजतक सिर्फ मुसलिम प्रत्याशी ही जीत दर्ज करा पाये. कोसी क्षेत्र में जीत दर्ज करानेवाले पहले मुसलिम प्रत्याशी थे जमीउलुर रहमान. कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में उन्होंने किशनगंज सीट पर जीत दर्ज करायी थी.
पूर्व बिहार में भाजपा के सैयद शाहनवाज हुसैन ने 2006 में भागलपुर में हुए उप चुनाव में जीत दर्ज करायी थी. सहरसा लोक सभा सीट (अब नहीं) पर आजतक कोई मुसलिम प्रत्याशी जीत तो दर्ज नहीं करा पाया, लेकिन 2004 में यहां से महिला प्रत्याशी रंजीत रंजन जीती थीं. कोसी व पूर्व बिहार में 2009 के चुनाव में कोई महिला प्रत्याशी चुनाव नहीं जीत पायी थीं. बांका, मुंगेर, जमुई, सुपौल, अररिया, खगड़िया और मधेपुरा लोकसभा सीट से आज तक कोई मुसलिम प्रत्याशी नहीं जीत पाया. इसी तरह भागलपुर, मुंगेर, जमुई, सुपौल, अररिया, कटिहार और मधेपुरा सीट पर कोई महिला प्रत्याशी जीत नहीं दर्ज करा पायी. बांका, पूर्णिया व खगड़िया के मतदाताओं ने ही महिला उम्मीदवारों पर भरोसा किया. किशनगंज, भागलपुर, पूर्णिया व कटिहार लोकसभा सीट पर ही अब तक कोई मुसलिम प्रत्याशी चुनाव जीत सका है.