भागलपुर: तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के डीएसडब्ल्यू कार्यालय में बुधवार को आंतरिक कार्यप्रणाली सुधार समिति की बैठक हुई. बैठक में कई अहम फैसले लिये गये. डीएसडब्ल्यू डॉ गुरुदेव पोद्दार ने बताया कि विश्वविद्यालय में कोई भी काम जिस किसी वजह से अधर में लटका है, समिति उसकी जांच कर उसके कारण का पता करेगी.
समिति यह भी जानने का प्रयास करेगी कि किस काम में गड़बड़ी है. इसके बाद अलग-अलग कामों की अलग-अलग जांच रिपोर्ट तैयार कर कुलपति को सौंपी जायेगी. जो भी दोषी पाये जायेंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई तय है.
डॉ पोद्दार ने बताया कि समिति का गठन इसलिए भी किया गया है कि कोई भी फाइल किसी भी टेबल पर किसी सटीक कारण के बिना फंसी नहीं रहे. पिछले कुलपति के कार्यकाल में समिति के सदस्यों को लगता था कि उस पर एक्शन नहीं हो पायेगा. पूर्व में कॉपी खरीद व उसकी उपयोगिता की जांच शुरू की गयी थी. जांच आगे नहीं बढी़ कि कॉपी खरीद का ऑर्डर दे दिया गया. इससे समिति के सदस्यों का मनोबल टूट गया और जांच शिथिल पड़ गयी.
गत 15 फरवरी को हुई सिंडिकेट की बैठक में समिति के सदस्यों का सिंडिकेट सदस्यों ने मनोबल ऊंचा किया और कुलपति ने भी पूरा सहयोग देने की बात कही है. बैठक में निर्णय लिया गया कि जांच के लिए निर्धारित 12 बिंदुओं पर पहले कुलपति से विचार-विमर्श कर लिया जाये. इसके बाद छात्रों का पंजीयन व कॉपी की खरीदारी व इसकी उपयोगिता, विवि के कैश बुक, एग्जामनर की प्रतिनियुक्ति, कर्मचारी कल्याण, पेंशन आदि के पेंडिंग मामलों की जांच फिर से आरंभ की जायेगी. मौके पर समिति के सदस्यों में सीनेट व वित्त कमेटी के सदस्य डॉ राजीव रंजन सिंह व सीनेट सदस्य डॉ विलक्षण रविदास मौजूद थे.