शाहकुंड/नाथनगर : बिहार राज्य खादी ग्रामोद्योग पटना से आये मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी बृजनंदन प्रसाद मंगलवार को दरियापुर में बुनकरों के लिए सरकार द्वारा चलायी जा रही खादी पुनरुद्धार योजना सह कटाई के ट्रेनिंग का निरीक्षण किया. इस दौरान वे बुनकरों से मिले और उनकी समस्या से अवगत हुए. मौके पर उन्होंने कहा कि दरियापुर गांव के उत्थान के लिए खादी बोर्ड ने पूंजी तथा मार्केटिंग मुहैया कराने के लिए एक योजना बनायी जायेगी, ताकि सरकार से राशि स्वीकृति कराई जा सकेगी. मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी ब्रिज नंदन प्रसाद ने बुनकरों के बीच 180 पीस त्रिपुरारी मॉडल चरखा बांटा.
श्री प्रसाद ने ग्रामोद्योग के बारे में कहा कि हम इस ओर भी ध्यान दे रहे हैं. छोटे-छोटे ग्रामोद्योग की खोज चल रही है. इसके लिए आने वाले समय में हम लोग सर्वे करेंगे और उसके बीच प्रशिक्षण भी दिया जाएगा. हम लोगों के यहां जो भी खादी वस्त्र तैयार होता है उसकी अॉनलाइन बिक्री की जायेगी. खादी वस्त्र को तैयार करने के लिए बुनकरों के बीच 600 पीस हस्त करघा भी बांटा जाएगा. सरकार द्वारा चलायी गयी खादी पुनरुद्धार योजना के तहत जिस बुनकर का रजिस्ट्रेशन है उसी बुनकर को चरखा, करघा तानी मशीन पर 90% अनुदान राशि दिया जाएगा. रेशम उद्योग ग्रामीण के सचिव अली अंसारी ने बताया कि बुनकरों के लिए सिर्फ दरियापुर ही नहीं, बल्कि पूरे बिहार में हमने आवाज उठाई है. उन्होंने मांग की कि हॉस्पिटल में सतरंगी चादर बिहार के बुनकरों से लिया जाये तथा सभी सरकारी कार्यालय पोशाक योजना मे जो भी कपड़े इस्तेमाल में लाए, वह कपड़ा बिहार के बुनकरो का बना हुआ हो. ग्रामोद्योग के लिए सरकारी या गैर सरकारी स्कूलों में जो जूते इस्तेमाल किए जाएं वो ग्रामोद्योग के माध्यम से सीधे दिया जाए. उन्होंने यह भी मांग की कि 60 वर्ष के बुनकरों और धागा कटाई करनेवालों को पांच हजार रुपये प्रति माह पेंशन की व्यवस्था की जाये.