भागलपुर : बिहार के भागलपुर समाहरणालय परिसर में जन संसद के अनशनकारी कार्यकर्ताओं पर गुरुवार को हुए लाठीचार्ज की घटना काे लेकर शुक्रवार को पूरा शहर दिन भर गरमाया रहा. कई जगहों पर विरोध भी दर्ज किया गया, तो कई लोग इस मामले पर गंभीर चर्चा करते दिखे. कई संगठन विरोध में सड़क पर उतर आये. वहीं दूसरी ओर प्रशासन की ओर से लोगों से शांति बनाये रखने की अपील की गयी और शिकायतों के निबटारे का भरोसा दिलाया गया. इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था बनाये रखने को लेकर शहर भर में पुलिस तैनात रही.
साजिश को किया गया नाकाम : पुलिस महानिरीक्षक सुशील मानसिंह खोपड़े, प्रमंडलीय आयुक्त अजय कुमार चौधरी, पुलिस उपमहानिरीक्षक वरुण कुमार सिन्हा ने संयुक्त रूप से प्रमंडलीय आयुक्त के कार्यालय में प्रेसवार्ता आयोजित की. अधिकारियों का कहना था कि अनशन के दौरान उग्र हो जाना न्यायोचित नहीं है. कुछ बाहरी तत्वों ने महिलाओं को उकसाया और उन्हें डीएम के चैंबर तक ले गये. इससे पुलिस को वहां से लोगों को बाहर निकालने पर मजबूर होना पड़ा. इस बीच भीड़ में शामिल बाहरी तत्वों के निशाने पर डीएम थे. उनकी साजिश को नाकाम किया गया.
मंत्री के पास पहुंची शिकायत : जन संसद सुलतानगंज के प्रखंड अध्यक्ष सह जदयू कार्यकर्ता शंकर बिंद ने घटना पर विरोध जताया. उन्होंने शुक्रवार को जदयू जिलाध्यक्ष विभूति गोस्वामी के आवास पर आयोजित पत्रकारवार्ता में कहा कि इस घटना की शिकायत भागलपुर प्रभारी राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह से की है. उन्हाेंने आश्वासन दिया है कि वे इस मामले की जांच करायेंगे और दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जायेगा. जायज मांगों को लेकर डीएम को फरियाद करने पहुंचे बेबस भीड़ पर जिस तरह से प्रशासन के इशारे पर पुलिस की लाठियां बरसी, ऐसा कृत्य कर प्रशासन सूबे की नीतीश सरकार को बदनाम करना चाहती है.
डीएम व एसडीओ पर मुकदमा दर्ज करने की मांग
वामदलों के कार्यकर्ताओं ने घंटाघर से स्टेशन चौक तक प्रतिरोध मार्च निकाला और स्टेशन चौक पर विरोध प्रदर्शन किया. नेताओं का कहना था कि नीतीश सरकार लाठी के बल पर गरीबों के हक की आवाज दबाना चाहती है. न्याय मंच ने डीएम और एसडीओ पर मुकदमा दर्ज कराने की मांग की. प्रगतिशील छात्र संगठन के कार्यकर्ताओं ने स्टेशन चौक पर मुंह पर काली पट्टी बांध कर विरोध प्रकट किया. लोजपा की जिला इकाई ने मुख्यमंत्री का पुतला दहन कर विरोध जताया.
उच्च स्तरीय बैठक में आया सामने, डीएम थे बाहरी तत्वों के निशाने पर
समाहरणालय में जन संसद के बैनर तले लोगों को बहला फुसलाकर धरना स्थल पर लाया गया. यहां कुछ बाहरी बाहरी तत्वों ने भोली-भाली महिलाओं को उकसाया और उन्हें डीएम के चैंबर तक ले गये. यहां पर महिलाओं के पीछे खड़े कुछ बाहरी तत्वों ने हंगामा किया. जिससे पुलिस को वहां से लोगों को बाहर निकालने पर मजबूर होना पड़ा. भीड़ में शामिल बाहरी तत्वों के निशाने पर डीएम थे और साजिश के तहत उनके साथ अप्रिय घटना हो सकती थी. उनकी साजिश को नाकाम किया गया. इस घटना के दौरान पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा, जिससे कुछ निर्दोष भी चपेटे में आ गये. पूरा घटनाक्रम निंदनीय है और इससे प्रशासन सकते में है. यह बातें शुक्रवार को एक संयुक्त पत्रकार वार्ता में प्रमंडलीय आयुक्त अजय कुमार चौधरी, पुलिस महानिरीक्षक सुशील मानसिंह खोपड़े, पुलिस उपमहानिरीक्षक वरुण कुमार सिन्हा ने कही.
तीनों प्रशासिनक पदाधिकारियों के साथ गुरुवार की घटना को लेकरहुए तीन घंटे मंत्रणा की. उन्होंने आम लोगों से अपील करते हुए कहा कि हिंसा का सहारा लेने से समस्या का समाधान नहीं होगा. लोक शिकायत के कई तरह के समाधान के तरीके के बावजूद अिनिश्चिकालीन धरने को उग्र रूप में तब्दील करना न्यायोचित नहीं है.
भयावह स्थित से पुलिस थी अनजान : डीआइजी वरुण कुमार सिन्हा ने कहा कि जन संसद के धरना स्थल पर सामान्य तौर पर 4:1 का पुलिस बल तैनात था. ऐसे में पुलिस की सोची-समझी रणनीति का आरोप बेबुनियाद है. धरना स्थल पर अचानकभीड़ को उकसाया गया और डीएम पर हमला करने के लिए कहा गया. अगर पुलिस को इतनी भयावह स्थित का पता होता, तो वहां पर पहले से डीएसपी व एसडीओ तैनाती कर दिये जाते. लेकिन ऐसी स्थित का अनुमान नहीं था.
एसडीओ से कहा, नाम बताओ, फिर चाहो तो गोली मार दो : डीआइजी ने कहा कि सदर एसडीओ कुमार अनुज को भीड़ में से एक व्यक्ति ने धमकी दी. कहा कि तुम अपना नाम बताओ. इसके बाद चाहे तुम गोली मार दो. संबंधित व्यक्ति का अंदाज यह बताता है कि उसका इरादा ठीक नहीं था. इस बात को लेकर भी पुलिस व प्रशासन दोनों गंभीर हैं. संबंधित व्यक्तियों की सुरक्षा बढ़ा दी गयी है और साथ ही समाहरणालय व अहम पुलिस पदाधिकारी के कार्यालय व आवास पर भी सुरक्षा बढ़ा दी गयी है.
किसी भी कीमत पर नहीं फसेंगे निर्दोष : आइजी
भागलपुर के जोनल आइजी सुशील मानसिंह खोपड़े ने कहा कि समाहरणालय में हंगामा करने के मामले में छह लोग गिरफ्तार किये गये हैं. पुलिस हर पहलु कीजांच कर रही है. अभी किसी संगठन के संलिप्त होने के पुख्ता प्रमाण नहीं मिले हैं. यह जरूर है कि घटना के पीछे बाहरी तत्व का हाथ है. जल्द ही मामले की जड़ तलाशी जायेगी और साजिश करनेवाले पकड़े जायेंगे. पुलिस पूरी तरह अलर्ट है. किसी निर्दोष को जबरन नहीं फंसाया जायेगा, क्योंकि मामले की मॉनीटरिंग सभी स्तर से की जा रही है.
आइएएस अभ्यर्थी अजीत के जन संसद को कई का समर्थन
समाहरणालय में गुरुवार को हुए पथराव और लाठीचार्ज से कुछ देर पहले तक जनसंसद के बैनर तले लोग धरना पर बैठे हुए थे. एक सोशल प्लेटफॉर्म के रूप में जन संसद की स्थापना करने वाला अजीत आर्यन यादव भी गरीब महिलाओं के साथ वहां मौजूद थे. यूपीएससी सिवल सविर्सेज के इंटरव्यू में शामिल होने के बाद भी असफल होने की खीज कहें या दिल्ली में रहकर तैयारी करने के दौरान एक खास
विचारधारा का प्रभाव. सुलतानगंज नयी सीढ़ी घाट के रहनेवाले अशोक यादव
के पुत्र अजीत ने लोगों के बीच अपनी पहचान बनाने का एक अलग तरीका खोजा और जन संसद बना डाला. सूत्रों की माने तो गुरुवार को जो भी हुआ उसके लिए सिर्फ जन संसद ही जिम्मेवार नहीं है, उस दुखद घटना के लिए एक खास विचारधारा के लोग भी उतने ही जिम्मेवार हैं.
सुल्तानगंज के कुछ खास लोगों का समर्थन मिला जन संसद को
अजीत आयर्न यादव ने सुलतानगंज में ही पढ़ाई की. भागलपुर से 2004 में दिल्ली गया. वहां लगभग 10 साल रहा. यूपीएससी सिविल सविर्सेज की तैयारी की. दिल्ली से लौटने के बाद अजीत ने जब जनसंसद की स्थापना की तो उसका अध्यक्ष बनाया गया पूर्व जिला पारिषद सदस्य के पति शंकर बिंद को. पूर्व वार्ड पार्षद मो इजराइल को सचिव बनाया और प्रवक्ता बने 15 नंबर वार्ड के पार्षद रामानंद पासवान.
सी-सैट का भी विरोध किया, आंदोलन में भाग लिया
यूपीएससपी सिविल सविर्सेज में 2011 में जब परीक्षा के पुराने पैटर्न को खत्म कर सी-सैट की शुरुआत की गयी तो उसका छात्रों ने जबरदस्त विरोध किया था. सी-सैट पैटर्न का विरोध करने वाले छात्रों में अजीत आर्यन भी शामिल था. लोगों के मुद्दों को उठाना और उनके बीच नेता बनने का शौक अजीत को पहले से ही रहा है.
कन्हैया का समर्थन नहीं करता, बस लोगों का सहयोग करना चाहता हूं
अजीत आर्यन यादव का कहना है कि दिल्ली में रहते हुए कई विद्वान लोगों से उसकीमुलाकात तो हुई पर उसपर किसी भी विचारधारा का प्रभाव नहीं पड़ा. उसका कहना है कि वह सिर्फ उन लोगों की मदद करना चाहता है जो लाचार हैं और उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा. अजीत का कहना है कि वह बिहार के रहने वाले जेएनयू छात्र कन्हैया का भी उसके विचारों की वजह से सपोर्ट नहीं करता. अजीत आयर्न यादव ने फेसबुक पर भी अपना प्रोफाइल पिक्चर जनसंसद का ही लगा रखा है.
उसने खुद को फेसबुक पर आइएएस अभ्यर्थी और सोशल वर्कर के रूप में दिखा रखा है. फेसबुक पर अजीत जिन ग्रुप से जुड़ा हुआ है उनमें यूपीएससी टेस्ट सीरिज, यूपीएससी टारगेट, आइएएस एंड पीसीएस ग्रुप और सरकारी नीतियों और कल्याणकारी योजनाएं तथा इसका यथार्थ जैसे ग्रुप शामिल हैं. अजीत ने फेसबुक पर कुछ फोटो डाली हैं जिसमें प्रतियोगी परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर आंदोलन करते दिखाया जा रहा है.