भागलपुर: एक फरवरी से खाद्य सुरक्षा योजना लागू होने के बाद गरीब खाद्यान्न को तरसने लगे हैं. योजना के लागू होने से पूर्व जिन बीपीएल परिवारों के थोड़ा-बहुत खाद्यान्न मिल भी जाया करता था, जनवरी से उन्हें वह भी खाद्यान्न मिलना बंद हो गया है.
दिसंबर माह में करीब 40 प्रतिशत ही खाद्यान्न का उठाव हो पाया था तो जनवरी में भी केवल पीरपैंती, नाथनगर व जगदीशपुर प्रखंड में ही खाद्यान्न का उठाव हुआ है.
इसको लेकर जनवितरण प्रणाली (पीडीएस) के डीलर भी परेशान हैं. फेयर प्राइस डीलर एसोसिएशन के सचिव चंदन कुमार ने बताया कि डीलरों का दो माह का करोड़ों रुपया एसएफसी (राज्य खाद्य निगम) के पास जमा है, लेकिन उन्हें खाद्यान्न नहीं मिल पा रहा है. अब फरवरी माह में मार्च महीने के खाद्यान्न का उठाव के लिए पैसा जमा किया जा रहा है. हालांकि एक फरवरी से खाद्य सुरक्षा योजना लागू होने के बाद डीलरों को इस संबंध में अभी तक कोई जानकारी नहीं दी गयी है कि उनके अंतर्गत कितने लाभुक हैं जिनके बीच खाद्यान्न का वितरण होना है और उन्हें किस दर पर खाद्यान्न के लिए पैसा जमा कराना है.
इसको लेकर डीलरों के बीच भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है. उन्होंने बताया कि पिछले दिनों इसको लेकर उन्होंने जिलाधिकारी से भी मार्गदर्शन मांगा था. दूसरी ओर दिसंबर, जनवरी व फरवरी माह में खाद्यान्न का उठाव नहीं होने के कारण उपभोक्ता परेशान हो रहे हैं और वह इसके लिए डीलरों पर दोषारोपण कर रहे हैं.
नहीं बन पाये राशन कार्ड
खाद्य सुरक्षा योजना के तहत अभी तक जिला में लाभुक के राशन कार्ड नहीं बन पाये हैं. विभागीय पदाधिकारी ने बताया कि सॉफ्टवेयर अपडेट होने के बाद एक्यूरेट आंकड़ा प्राप्त हो जायेगा. सॉफ्टवेयर में ऐसी व्यवस्था है कि वहां से सीधा लाभुक चिह्न्ति हो जायेंगे और उनका राशन कार्ड प्रिंट हो जायेगा. विदित हो कि मुख्य सचिव अशोक कुमार सिन्हा ने 15 फरवरी तक लाभुकों के बीच राशन कार्ड का वितरण करने का निर्देश दिया है, लेकिन जिला में इस दिन तक राशन कार्ड का वितरण तो दूर सभी लाभुकों का कार्ड प्रिंट होना भी मुश्किल लग रहा है. बताया जाता है कि जिला के ग्रामीण क्षेत्रों में लाभुकों की संख्या करीब 14 से 15 लाख व शहरी क्षेत्र में ढाई से तीन लाख के करीब होगी. ऐसे में समय पर इतने लाभुकों के कार्ड की छपाई और फिर वितरण पर सवालिया निशान लग रहे हैं.