भागलपुर : वृंदावन धाम से पधारे पुंडरिक गोस्वामी जी महाराज ने कहा कि मन तो चंचल होता ही है. साथ ही यह मन विषयेंद्रियाें को भटकाने का भी काम करता है. इसलिए मन में हमेशा अच्छे विचार रहे, इसके लिए सत्संग रूपी श्रीमद्भागवत कथा का रसास्वादन हर किसी को करना चाहिए. इससे मन विषय कामना […]
भागलपुर : वृंदावन धाम से पधारे पुंडरिक गोस्वामी जी महाराज ने कहा कि मन तो चंचल होता ही है. साथ ही यह मन विषयेंद्रियाें को भटकाने का भी काम करता है. इसलिए मन में हमेशा अच्छे विचार रहे, इसके लिए सत्संग रूपी श्रीमद्भागवत कथा का रसास्वादन हर किसी को करना चाहिए. इससे मन विषय कामना से दूर रहता है और सदा प्रभु के चरणों में लीन रहता है. गोस्वामी जी गौशाला भागलपुर में जगत गुरू सेवा समिति द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन मौजूद श्रद्धालुओं को कथा का रसपान करा रहे थे. श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर भगवान श्री कृष्ण को 56 व्यंजनों का भोग लगाया गया.
श्रीकृष्ण कथा प्रसंग के तहत पूतना वध का उल्लेख करते हुए पुंडरिक गोस्वामी जी ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण को मृत्यु देने के उद्देश्य से पूतना ने अपने स्तन पर विष लगाकर आयी. लेकिन श्री कृष्ण की माया ने पूतना के माया को असफल कर दिया. और भगवान ने पूतना का वध करते हुए उसे मोक्ष दे दिया.
मन श्रीकृष्ण में लगाया तो गोपियां बनी मोर पंख : श्रीकृष्ण लीला कथा के तहत बाल लीला कथा का विस्तार करते हुए गोस्वामी ने कहा कि ब्रज की गोपियों का मन भगवान श्रीकृष्ण में लग गया. भगवान श्रीकृष्ण ने भी कहा था कि अगर तुमने अपना मन मुझ में लगाया तो तुम मोर पंख बन जाओगी. पुंडरीक गोस्वामी ने कहा कि मुक्ति दो प्रकार की होती है. पहली क्रम मुक्ति जो धीरे-धीरे आती है. दूसरी सद्मुक्ति, जो जल्दी आती है. स्वामीजी ने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण के नाम पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कृष्ण नाम उनके गुरु कृषक के विस्तार से बना. गौ माता पर प्रकाश डालते हुए पुंडरीक गोस्वामी ने कहा कि गौ माता के शरीर में 36 करोड़ देवता रहते हैं. गौ माता का गोबर एवं मूत्र बहुत ही पवित्र है. इस अवसर पर मन एवं कामना पर कटाक्ष करते हुए स्वामी जी ने कहा कि हम अपनी कामनाओं की पूर्ति के लिए अलग-अलग देवताओं को रिझाते हैं. अगर हम विषय-कामना रहित पूजा करें तो हमारा जीवन भवसागर से पार हो जायेगा. इस अवसर पर गिरिराज पूजा भी की गयी. इस अवसर पर मुख्य यजमान के रूप में शिव अग्रवाल, विमल अग्रवाल, सुनील झुनझुनवाला, रंजीत झुनझुनवाला, श्रवण बाजोरिया, प्रशांत बाजोरिया, रतन संथालिया, सुरेश भिवानीवाला, ओम झुनझुनवाला, रवि बुधिया, चांद झुनझुनवाला, ओमप्रकाश कानोडिया, अशोक जालान, अनिल खेतान आदि मौजूद रहे.
गौशाला में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में शामिल लोग व कथावाचन करते पुंडरिक गोस्वामी जी महाराज (इनसेट में).
माखन भोग की लीला ने घोली मन में भक्ति की मिठास
इस अवसर पर माखन भोग की लीला ने मौजूद श्रद्धालु श्रोताआें के मन में भक्ति की मिठास घोल दी. लीला कर रहे वृंदावन से आये श्यामाश्याम लीला संस्थान के कलाकारों ने भगवान श्रीकृष्ण द्वारा अपने साथियों संग गोकुल में किये गये माखन भोग कथा प्रसंग को जीवंत कर दिया. इस अवसर भगवान श्रीकृष्ण द्वारा माखन खाने और पकड़े जाने पर भोली सूरत बनाने और खुद के बच निकलने की मनमोहक प्रस्तुति दी. बेहतरीन प्रस्तुति देख कर श्रोताओं ने जयकारा भी लगाया.