भागलपुर: जय किशन शर्मा की हत्या के 17 वें दिन पुलिस ने घटना का कारण खोज निकाला है. 17 दिनों की जांच और गवाहों के बयान से यह स्पष्ट हो गया है कि महज एक टिफिन के लिए जय किशन शर्मा को गोली मारी गयी. पुलिस का दावा है कि लूट की मंशा से अपराधियों ने जय किशन को निशाना बनाया. अपराधियों को लगा कि टिफिन में पेट्रोल पंप के दिन भर का कलेक्शन है.अपराधियों ने टिफिन लुटने के दौरान ही जय किशन को गोली मारी. घटना के बाद से ही टिफिन गायब है.
एएसपी हरि किशोर ने बताया कि घटना के बाद जय किशन शर्मा के पास सबसे पहले पहुंचे दुकानदार पवन शर्मा और मिथिलेश झा ने पुलिस को बताया कि गोली लगने के बाद जय किशन कह रहे थे कि टिफिन लेना था तो गोली क्यों मारी. दोनों के बयानों के बाद पुलिस को लूट की थ्योरी को एक आधार मिल गया है. पुलिस घटना के बाद से ही इस कांड को लूट मान रही थी, लेकिन कोई आधार नहीं रहने के कारण पुलिस खुल कर यह नहीं बता रही थी. पवन शर्मा और मिथिलेश झा के बयान से सारा मामला स्पष्ट हो गया.
पप्पू साह के अन्य मोबाइल नंबरों की तलाश
पुलिस ने प्रापर्टी डीलर पप्पू साह के एक मोबाइल नंबर का कॉल डिटेल्स निकाला है. हालांकि इसमें पुलिस को कुछ हाथ नहीं लगा. पुलिस पप्पू के अन्य नंबरों की तलाश कर रही है. जल्द ही अन्य सारे मोबाइल का भी पुलिस सीडीआर निकालेगी.
फर्जी नाम, पते पर जारी हुआ चार नंबर
इस कांड में जिन नंबरों को पुलिस ने टावर लोकेशन के जरिये चिह्न्ति किया है, उसमें चार नंबर फर्जी नाम, पते पर जारी हुआ है. इस कांड के सिलसिले में पुलिस ने दो हजार से अधिक मोबाइल नंबरों को स्कैन किया. इसमें पांच मोबाइल नंबर संदिग्ध मिले. पांच में चार मोबाइल नंबर फेक आइडी पर इशू हुआ है, जबकि चार अन्य नंबरों पर पुलिस ने जब फोन किया तो पहली बार तो बात हुई, लेकिन उसके बाद से वह स्वीच ऑफ हो गया.
एक दिन में ढ़ाई लाख का कलेक्शन
एएसपी ने बताया कि पेट्रोल पंप मालिक व कर्मियों से पूछताछ के बाद यह जानकारी मिली है कि एक दिन में पंप का कलेक्शन करीब ढ़ाई लाख रुपये है. ढ़ाई लाख रुपये दो किश्तों में जाता है. दोपहर तक की बिक्री को शाम होने से पहले भेजा जाता है, जबकि दोपहर बाद से रात तक की बिक्री को रात में ले जाया जाता है. हालांकि कभी भी जय किशन शर्मा कैश लेकर आते-जाते नहीं थे. अपराधियों ने धोखे में उन्हें गोली मार दी.
जमीन, पंप से कोई विवाद नहीं
17 दिनों की छानबीन व पूछताछ के बाद पुलिस इस नतीजे पर पहुंची है कि घटना में जमीन विवाद या पेट्रोल पंप से जु़ड़ा कोई विवाद नहीं है. जिस जमीन को लेकर हत्या की बात कही जा रही है, वह जमीन सूरज शर्मा की पत्नी (जय किशन के बड़े पुत्र) के नाम से है. इस जमीन में छेदी शर्मा और पप्पू साह से सूरज का कोई विवाद नहीं है. पप्पू व छेदी से पूछताछ के बाद पुलिस इस नतीजे पर पहुंची.
टिफिन लूट की बात 17 दिन बाद क्यों उठी: दीपक
जय किशन शर्मा के पुत्र दीपक शर्मा ने कहा कि अगर टिफिन लूट की मंशा से उनके पिता को गोली मारी गयी तो यह बात 17 दिन बाद क्यों सामने आयी. दीपक ने कहा कि पुलिस जिन गवाहों का बयान के आधार पर टिफिन लुटने की बात कह रही है, उन गवाहों ने कभी भी हमलोगों को इस बारे में नहीं बताया. एक गवाह मिथिलेश झा मेरे पिता जी के जिगरी दोस्त हैं, जबकि दूसरे गवाह पवन शर्मा पड़ोसी. ऐसे में पुलिस से पहले दोनों गवाह टिफिन लूट की बात हमलोगों को बताते. दीपक ने कहा कि टिफिन लूट की बात बता पुलिस मामले को दूसरा रूप देना चाहती है.
टिफिन लूट की बात नहीं बतायी
दीपक ने बताया कि गोली लगने के बाद पिता जी करीब डेढ़ घंटा तक जीवित रहे, लेकिन इन डेढ़ घंटों में कभी भी उन्होंने टिफिन लूट की बात नहीं बतायी. सिर्फ इतना कहा कि गोली मार दिया. क्यों गोली मारा, इसका कभी भी उल्लेख नहीं किया. गोली लगने के बाद पिता जी घटनास्थल से पैदल चल कर यश मेडिकल के पास पहुंचे. फिर उनके दोस्त ने हमलोगों को फोन कर घटना के बारे में बताया. मेरी बड़ी मां सबसे पहले मौके पर पहुंची और पिता जी के कहने पर उनका चश्मा उतारा, लेकिन कभी भी टिफिन लुटने की बात नहीं कही. फिर टेंपो से सीधे अस्पताल पहुंचे, वहां भी कुछ नहीं बताया. ऐसे में 17 दिन बाद टिफिन लूट की बात का उठाना पुलिस के अनुसंधान पर संदेह पैदा करता है.
गिरफ्तारी हो, तब मामला स्पष्ट होगा
दीपक की बड़ी मां ने कहा कि जब तक असली हत्यारे गिरफ्तार नहीं होते हैं, तब तक इस मामले में पुलिस तरह-तरह की कहानी बना रही है. हत्यारे गिरफ्तार होंगे तो सच सामने आ जायेगा.