भागलपुर: सुंदर वन की सुंदरता पर व्यवस्था की उदासीनता का बुरा असर पड़ना शुरू हो गया है. मुख्य द्वार से अंदर प्रवेश करते ही टूटी-फूटी सड़कें और सूख रहे पेड़ आपके स्वागत करते हैं. थोड़ा आगे बढ़ने के बाद रेंज कार्यालय की ओर एक तालाब है, जो वर्षो से सूखा पड़ा है. उसकी चहारदीवारी भी टूट चुकी है. पेड़ों में पानी देने के लिए बनाये गये कुआं के आकार का पानी स्टोर भी खराब हो चुका है. वन के पेड़ों में दीमक भी लग चुके हैं.
यहां बहुत पहले तेंदु पत्ते का कार्यालय व गोदाम भी था, जो वर्षो से बंद पड़ा है. एकीकृत बिहार-झारखंड में दुमका, देवघर, गोड्डा, पाकुड़, साहेबगंज सहित अन्य जिलों से तेंदु पत्ता लाया जाता था और यहां से दूसरे जगह इसे भेजा जाता था.
कार्यालय के पास ट्रक व अन्य वाहन रखे-रखे खराब हो चुका है. हर वर्ष सुंदर वन से लाखों राजस्व के रूप में विभाग को प्राप्त होता है. वन परिसर में आम के 147 पेड़, लीची के 85 पेड़ सहित टिम्बर व अन्य पेड़ हैं. 2012-13 में फलदार पेड़ों से विभाग को छह लाख 49 हजार की राशि प्राप्त हुई थी.
सुंदर वन के पीछे मेडिकल वेस्टेज के लिए लगाये गये प्लांट के बारे में कर्मचारियों का कहना है कि जब से प्लांट लगा है, कई पेड़ सूख चुके हैं. इसके लिए कई बार वरीय पदाधिकारियों को सूचना दी गयी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो पायी. रेंज अधिकारी बीपी सिन्हा ने बताया कि पेड़ों में लगे दीमक को हटाने के लिए पिछली बार पेंट किया गया था. इस बार वरीय अधिकारियों के निर्देश आने पर आगे का कार्य किया जायेगा.