भागलपुर: स्थानीय जिला स्कूल में जिला परिषद माध्यमिक शिक्षक नियोजन के तहत 121 की नियुक्ति हुई. विभिन्न विषयों में 201 पदों पर होने वाले नियोजन कैंप में श्रेणीवार योग्य अभ्यर्थी नहीं होने के कारण 80 पद रिक्त रह गये. नियोजन के लिए सुबह नौ बजे से ही केंद्र पर हजारों की संख्या में अभ्यर्थियों की भीड़ थी. केंद्र पर प्रशासन की कड़ी व्यवस्था थी, बावजूद इसके पहले चरण में नियोजन के दौरान अभ्यर्थियों ने खूब हो-हंगामा किया, जबकि दूसरे चरण में नियोजन शांतिपूर्ण रहा.
क्यों हुआ हंगामा
अभ्यर्थियों द्वारा किये गये हंगामे का पहला कारण सुबह 11:30 बजे के बाद प्रवेश द्वार पर ताला लगा दिया जाना था़ नियोजन इकाई का कहना था कि नियोजन प्रक्रिया 10:30 बजे से ही शुरू होती है और उस समय अनुपस्थित होने के बाद नियमानुसार अभ्यर्थी की पात्रता रद्द हो जाती है़ पहले चरण की नियोजन प्रक्रिया खत्म होने के बाद ताला खोल दिया गया था़
हंगामे का दूसरा कारण महीनों पूर्व वेबसाइट पर डाली गयी पुरानी मेधा सूची और वर्तमान अंतिम मेधा सूची में अंतर होना था़ परेशान अभ्यर्थियों की भीड़ ने नियोजन इकाई के सहायक कर्मी को घंटे भर घेर रखा था़ सहायक कर्मी द्वारा मामले को विस्तार से समझाने के बाद भीड़ शांत हुई़
क्यों था मेधा सूची में अंतर
बिहार सरकार द्वारा जिला शिक्षा विभाग को भेजे गये नियोजन संबंधी पत्र के अनुसार 2011-12 में प्रशिक्षित अभ्यर्थियों को इस नियोजन में शामिल नहीं करना था़
ऐसे अभ्यर्थियों का नाम हटा कर पूर्व में जो मेधा सूची तैयार की गई थी, उसे जिले की वेबसाइट पर डाल दिया गया था़ पुन: उच्च न्यायालय, पटना के आदेश से 2011-12 में प्रशिक्षित अभ्यर्थियों को मेधा सूची में शामिल किये जाने का निर्देश आया और विभाग द्वारा पुन: मेधा सूची तैयार की गयी़ इसी संशय में अभ्यर्थी परेशान थे कि जिनका नाम मेधा सूची (पुरानी) में नहीं है उन्हें कैसे शामिल किया जा रहा है़ नियोजन कर्मी द्वारा स्पष्टीकरण के बाद मामला शांत हुआ़ जिन अभ्यर्थियों को अन्य किसी भी प्रकार की आपत्ति थी, नियोजन इकाई द्वारा उचित कार्रवाई के लिए उनका आवेदन लेकर अभिस्वीकृति दे दी गयी़
यह भी थे परेशान
आनंद बाग निवासी 39 वर्षीय मनोज चौधरी के अनुसार संस्कृत विषय में नियोजन के लिए उनका मेधा क्रमांक 154 और मेधा योग 66़18 प्रतिशत है़ उम्र के आधार पर भी उन्हें वरीयता दी जानी चाहिये थी, जबकि मेधा क्रमांक 159 व 160 वाले अभ्यर्थी नियोजित हो गय़े आदमपुर की अर्चना की भी ऐसी ही कहानी है़
अर्चना की मानें तो विज्ञान विषय में पिछड़ा वर्ग के तहत उनका मेधा अंक 63 प्रतिशत है, जबकि 60 व उससे कम प्रतिशत वाले अभ्यर्थियों का नियोजन हुआ है़