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जयकिशन हत्याकांड: इमरान ने जय किशन को मारी गोली

भागलपुर: जय किशन हत्याकांड में आखिरकार शूटर इमरान (पंखा टोली, हबीबपुर) को पुलिस ने संदिग्ध बना दिया. पुलिस का दावा है कि सीसीटीवी फुटेज में बाइक पर सवार तीन अपराधियों में बीच वाला इमरान ही है. एएसपी हरि किशोर राय ने दावा किया है कि बीच वाले बाइक सवार की कद-काठी व हुलिया इमरान से […]

भागलपुर: जय किशन हत्याकांड में आखिरकार शूटर इमरान (पंखा टोली, हबीबपुर) को पुलिस ने संदिग्ध बना दिया. पुलिस का दावा है कि सीसीटीवी फुटेज में बाइक पर सवार तीन अपराधियों में बीच वाला इमरान ही है.

एएसपी हरि किशोर राय ने दावा किया है कि बीच वाले बाइक सवार की कद-काठी व हुलिया इमरान से मिलता है. हालांकि पुलिस ने अब तक इस मामले में लूट की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है. इमरान को पुलिस ने जगदीशपुर लूटकांड में गिरफ्तार किया है. एएसपी ने बताया कि जगदीशपुर लूट और जय किशन शर्मा की हत्या का मोडस अपरेंडी एक जैसा है. दोनों कांडों में अपराधी ने 7.65 की गोली का उपयोग किया है. यह गोली पिस्टल की है. दोनों ही कांडों में अपराधियों की संख्या तीन है और एक बाइक पर तीनों अपराधी सवार हैं. पुलिस अभी इस हत्याकांड में इमरान को संदिग्ध बता रही है. एएसपी का कहना है कि इस दिशा में छानबीन जारी है.

टिंकू मियां देता है हथियार व गाड़ी
इमरान ने पुलिस को बताया कि फेकू मियां का बेटा टिंकू मियां उसे हत्या करने के लिए हथियार व गाड़ी देता है. इस एवज में सुपारी के रकम का तीन चौथाई हिस्सा वह ले लेता है. बाकी का एक हिस्सा शूटरों को मिलता है. रवि से लूटपाट करने के लिए टिंकू ने ही उसे बाइक और हथियार उपलब्ध कराया था. इन कामों के एवज में समय-समय पर हमलोगों को टिंकू खर्चा-पानी व अन्य सभी तरह की मदद करता है. इमरान ने बताया कि टिंकू से उसकी मुलाकात जेल में हुई थी. टिंकू के अलावा वह राणा मियां के लिए भी काम करता है. राणा मियां अपना घर बेच कर फरार है.

एएसपी का तर्क इमरान ऐसे है संदिग्ध
जय किशन की हत्या और रवि यादव से लूटपाट की घटना को मोडस अपरेंडी एक जैसा है. दोनों कांडों में अपराधियों ने 7.65 की गोली का प्रयोग किया है. यह गोली पिस्टल की है. दोनों कांडों में अपराधी बाइक पर सवार थे. अपराधियों की संख्या भी एक सामान है. सीसीटीवी फुटेज में बीच वाले बाइक सवार का हुलिया इमरान से मिलता है. इमरान शार्प शूटर है और कई हत्या, लूट, आर्म्स एक्ट में वांछित रहा है.

दीपक शर्मा का तर्क नहीं है
लूट का मामला अपराधी जय किशन शर्मा से क्या लुटने आया थे. उनके टिफिन में कुछ भी नहीं था. अगर लूट की घटना होती है जय किशन शर्मा विरोध अवश्य करते. गोली लगने के बाद जय किशन शर्मा एक घंटे तक होश में थे. लूट के बारे में कुछ तो बताते. घटनास्थल के पास ही मामा ऑटो है. लूट की वारदात होती तो छीना-झपटी में हो-हल्ला तो होता. लूट के लिए सात अपराधी जय किशन की इतनी रेकी क्यों करते.

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