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एक अपराधी को भी लगी थी गोली

विनोद हत्याकांड के आराेपी अरविंद यादव, मानकेश्वर सिंह उर्फ मंटू, छोटुआ व कुमोदी यादव (बाये से) नवगछिया : राजद नेता की हत्या के दौरान एक अपराधी के घायल होने की भी बात कही जा रही है. कहा जा रहा है कि जब बाइक से उतरे अपराधियों ने राजद नेता को चारों तरफ से घेर लिया […]

विनोद हत्याकांड के आराेपी अरविंद यादव, मानकेश्वर सिंह उर्फ मंटू, छोटुआ व कुमोदी यादव (बाये से)

नवगछिया : राजद नेता की हत्या के दौरान एक अपराधी के घायल होने की भी बात कही जा रही है. कहा जा रहा है कि जब बाइक से उतरे अपराधियों ने राजद नेता को चारों तरफ से घेर लिया था तो इसी बीच चली एक गोली विनोद की कमर के पास लगी. फिर अपराधियों की ही गोली से एक अपराधी घायल हो गया.
गोली उस अपराधी के दायें हाथ में लगी और उसके हाथ से हथियार छूट कर जमीन पर जा गिरा. उस हथियार को ही पुलिस ने घटना स्थल से बरामद किया था. प्रत्यक्षदर्शियों व पुलिस सूत्रों से जानकारी मिली है कि गोली लगते ही अपराधी बाइक की ओर भाग गया था. इसके बाद तीन अपराधियों ने छह गोली विनोद यादव के शरीर में उतार दी थी. बताया जाता है कि घायल अपराधी ने अपना प्राथमिक उपचार लोदीपुर में कराया था. फिर भागलपुर में भी एक चिकित्सक के यहां उसने इलाज कराया. फिलहाल उसे जिले से बाहर भेज दिया गया है.
विनोद का मोबाइल भी ले गये अपने साथ
यह भी कहा जा रहा है कि घटना स्थल से अपराधियों ने राजद नेता का मोबाइल भी ले लिया था. हत्या के क्रम में मोबाइल जमीन पर गिरते ही उसे अपराधियों ने उठा लिया था और अपने पास रख लिया था. कहा जा रहा है कि बाद में राजद नेता के मोबाइल से ही उसके एक परिजन को धमकी भी दी थी. नवगछिया पुलिस को भी उक्त मामले की जानकारी है. हालांकि किसी भी परिजन ने अब तक पुलिस को उक्त मामले की लिखित जानकारी नहीं दी है. लेकिन फिलहाल राजद नेता का मोबाइल स्विच आॅफ आ रहा है जो कि पूरी तरह से ट्रेसलेस हो गया है.
राजद नेता की हत्या करने के मकसद से ही अपराधी बना था छोटुवा
इलाके में चर्चा है कि छोटुवा ने वर्ष 2011 में अपने भाई की हत्या के बाद अपराध की दुनियां में कदम रखा. मालूम हो कि छोटुवा के भाई की हत्या में गोपालपुर के प्रखंड प्रमुख के प्रमुख डब्लू यादव, राजद नेता विनोद यादव और सधुवा चापर के मोती यादव को नामजद किया गया था. डब्लू यादव की हत्या उसी वर्ष प्रखंड प्रमुख के गोपालपुर स्थित प्रखंड मुख्यालय कक्ष में ही कर दी गयी थी. उस वक्त छोटुवा काफी कम उम्र का था.
इसके बाद छोटुवा अपराध की दुनिया में आ गया और वह पेशेवर हो गया. लोग कह रहे हैं कि छोटुवा इसके बाद विनोद यादव की हत्या के लिए प्रयासरत था. लेकिन ताकतवर लोगों के संरक्षण नहीं मिलने के कारण छोटुवा अपने मकसद में कामयाब नहीं हो पा रहा था. लेकिन जब प्रखंड प्रमुख की राजनीति में विनोद के दुश्मनी के कई ध्रुव बन गये तो छोटुवा को जिस आका की तालाश थी वह पूरी हो गयी.
हत्याकांड में शामिल सभी अरोपियों का पुराना आपराधिक इतिहास रहा है. इनमें दो ने नवगछिया के पूर्व प्रखंड प्रमुख व रालोसपा के मानकेश्वर सिंह उर्फ मंटू यादव और साधोपुर के अरविंद यादव ने राजनीति का सुरक्षा कवच ओढ़ने की भी पूरी कोशिश की थी. इस हत्याकांड में छोटुवा, मंटू और अरविंद के अलावा विनोद के चचेरे भाइयों अजीत कुमार, फौजी रुपेश, राजीव कुमार, सचिन उर्फ सच्ची यादव, पिंटू सिंह, सौरभ सिंह, कमांडो राय, कुमोदी यादव आदि को नामजद आरोपी बनाया गया है.
जल्द ही सभी अपराधियों की गिरफ्तारी : एसपी
नवगछिया के एसपी पंकज सिन्हा ने कहा कि दो संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. जल्द ही हत्याकांड में शामिल सभी अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया जायेगा.
कमजोर सूचना तंत्र या अपराधियों के आगे नतमस्तक है पुलिस
भागलपुर : विनोद यादव की हत्या के आरोपी फरार हैं. पुलिस छापेमारी की बात कह रही है. कई जगहों पर अपराधियाें की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी भी हुई, लेकिन अपराधी पकड़े नहीं जा सके. विनाेद की हत्या के पीछे का समय देखें, तो कई चर्चित हत्याएं हुई. इसके अलावा एक बड़ी घटना रंगरा में हुई. पुलिस की मौजूदगी में गोलियां चली. इस गोलीबारी में दोनों पक्षों की ओर से प्राथमिकी दर्ज हुई थी. एक पक्ष के आरोपी ही विनोद हत्याकांड में भी नामजद हैं.
लोगों का कहना है कि पुलिस यदि उसी समय कार्रवाई करती तो शायद यह घटना नहीं होती. ऐसा भी नहीं है कि नये अपराधी हर घटनाओं में सामने आ रहे हैं. जो भी नाम हैं, उसमें तो कई पहले भी पुलिस की पकड़ में आ चुके हैं या फिर सफेदपोश हैं. कई महत्वपूर्ण मौके या फिर सार्वजनिक कार्यक्रमों में यह चेहरे बने रहते हैं. ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी है कि क्या पुलिस का सूचना तंत्र कमजोर है या फिर नवगछिया पुलिस अपराधियों के सामने नतमस्तक हो गयी है.
रंगरा कांड के आरोपियों पर होती कार्रवाई तो बच जाती विनोद की जान
रंगरा प्रखंड प्रमुख के चुनाव में अरविंद यादव की जीत हुई तो मोती यादव को हार का सामना करना पड़ा. रंगरा की राजनीति में दोनों की अदावत जगजाहिर है. ऐसे में जब विजय जुलूस निकला तो सधुआ में दोनों पक्षों में गोलीबारी शुरू हो गयी. दर्जनों राउंड गोलियां चली. स्थिति इतनी तनावपूर्ण थी कि अतिरिक्त पुलिस बल को भेज कर मामले को संभाला गया. घटनास्थल से हथियार भी बरामद हुआ. इस मामले में दोनों पक्षों से प्राथमिकी दर्ज हुई.
मोती यादव पक्ष की ओर से दर्ज प्राथमिकी में अरविंद यादव, मानकेश्वर सिंह उर्फ मंटू सहित कई लोगाें के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हुई. वहीं दूसरी ओर अरविंद की ओर से दर्ज प्राथमिकी में विनोद यादव, मोती यादव सहित कई नामजद किये गये. इस मामले में कार्रवाई सिफर रही. दोनों पक्षों में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई. ऐसे में लोगों का कहना है कि यदि नवगछिया पुलिस इस घटना के बाद ही यदि दोनों पक्षों पर कार्रवाई करती तो आज यह घटना ही नहीं होती.

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