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बाढ़ की िस्थति और गंभीर, हर तरफ दिख रहा पानी ही पानी

आफत. भागलपुर-लखीसराय एनएच-80 पर एक दर्जन स्थानों पर बह रहा पानी भागलपुर : भागलपुर, मुंगेर, लखीसराय, खगड़िया और कटिहार में बाढ़ की स्थिति भयावह है. जगह-जगह सड़कें टूट गयी हैं. एनएच पर पानी बह रहा है. मुंगेर, लखीसराय और भागलपुर में स्थिति और भी गंभीर है. एनएच-80 पर एक दर्जन जगहों पर दो से ढाई […]

आफत. भागलपुर-लखीसराय एनएच-80 पर एक दर्जन स्थानों पर बह रहा पानी

भागलपुर : भागलपुर, मुंगेर, लखीसराय, खगड़िया और कटिहार में बाढ़ की स्थिति भयावह है. जगह-जगह सड़कें टूट गयी हैं. एनएच पर पानी बह रहा है. मुंगेर, लखीसराय और भागलपुर में स्थिति और भी गंभीर है. एनएच-80 पर एक दर्जन जगहों पर दो से ढाई फीट पानी बह रहा है. बाढ़ पीड़ितों के लिए प्रशासन ने राहत शिविर खोला है लेकिन वह नाकाफी है. मुंगेर में गंगा खतरे के निशान से 60 सेमी उपर बह रही है.
लखीसराय में किऊल व हरुहर नदियों का जलस्तर भी बढ़ गया है. खगड़िया में जीएन बांध पर दबाव बना हुआ है. कुछ जगहों पर पानी का रिसाव होने से ग्रामीण दहशत में हैं. भागलपुर व लखीसराय में डूबने से दो लोगों की मौत हो गयी. पिपरिया में कई मवेशियों के माैत की खबर है.
कटिहार
दो दर्जन गांव हैं प्रभावित
कुरसेला, बरारी, मनिहारी प्रखंड के चार दर्जन गांवों में गंगा का पानी फैल गया है. रविवार को बरारी का रिंग बांध टूटने के बाद कई गांव में बाढ़ का पानी फैल चुका है. लोग ऊंचे स्थलों में शरण लिए हुए हैं. खासकर रिंग बांध टूटने के बाद गुरूमेला सीज टोला, दास टोला में चार फीट से अधिक पानी बह रहा है. सैंकड़ों परिवार बेघर हो चुके हैं. यही स्थिति कुरसेला प्रखंड की भी है. इस प्रखंड के एक दर्जन गांव में बाढ़ का पानी घुस चुका है. यहां भी कटरिया के रिंग बांध पर मिट्टी का क्षरण शुरू हो चुका है.
बाढ़ की िस्थति…
वहीं कोसी का जलस्तर भी बढ़ रहा है. दोनों प्रमुख नदियों के जलस्तर में लगातार वृद्धि होने से लोगों में दहशत व्याप्त है.
भागलपुर : सुलतानगंज से भागलपुर का संपर्क भंग
गंगा विकराल रूप धारण कर चुकी है. सोमवार को सुलतानगंज में डूबने से एक की मौत हो गयी. भागलपुर का कहलगांव से पिछले तीन दिनों से संपर्क टूटा हुआ है. सोमवार को एनएच-80 पर अकबरनगर व भवनाथपुर के बीच दो किलोमीटर तक पानी बहने से सुलतानगंज से भी संपर्क भंग हो गया.
इन स्थानों पर जाने के लिए एकमात्र ट्रेन ही और बाढ़ पीड़ितों के समक्ष सिर्फ नाव ही सहारा रह गया है. अन्य राज्यों व जिलों से अपने-अपने वाहनों से सुलतानगंज जानेवाले कांवरियों के सामने बड़ी दिक्कत हो गयी है. बरारी स्थित इंटक वेल में पानी घुसने-घुसने को है. इंटक वेल के बंद होने से कभी भी शहर की जलापूर्ति ठप हो सकती है. सबौर इलाके में इंजीनियरिंग कॉलेज से लेकर ममलखा तक कई जगह एनएच-80 पर पानी बह रहा है.
मुंगेर : तीन लाख लोग बाढ़ से प्रभावित
जिले की लगभग तीन लाख आबादी बेघर है. चारों ओर पानी ही पानी है. मुंगेर-भागलपुर एनएच-80 पर बरियारपुर में पानी का तेज बहाव हो रहा तो दूसरी ओर बरियारपुर-खड़गपुर मार्ग पर पानी भर जाने के कारण आवागमन ठप हो गया है. मुंगेर शहर के दो दर्जन मुहल्लों के हजारों घरों में पानी प्रवेश कर गया है. प्रशासनिक स्तर पर बाढ़ पीड़ितों के लिए कुल 31 राहत शिविर खोले गये हैं. वैसे कई राहत शिविरों में भोजन की व्यवस्था नहीं होने के कारण त्राहिमाम मचा हुआ है.
मुंगेर में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 60 सेंटीमीटर उपर बह रहा है. मुंगेर में जलस्तर 39.93 पर पहुंच चुकी है. जबकि यहां खतरे के निशान 39.33 निर्धारित है. केंद्रीय जल आयोग के अनुसार गंगा का जलस्तर धीमी गति से बढ़ रही है. जिससे और प्रलय की संभावना जतायी जा रही है.
खगड़िया : जीएन बांध से हो रहा है पानी का रिसाव
खगड़िया जिला के गोगरी प्रखंड में गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि के बाद एक दर्जन पंचायतों पर बाढ़ का कहर जारी है. जीएन बांध पर भी दबाव बना हुआ है. जगह-जगह पानी का रिसाव हो रहा है. दबाव देख लोगों में भय व्याप्त है. वहीं, असामाजिक तत्वों द्वारा फैलाए जा रहे बांध टूटने की अफवाह से प्रशासन के साथ साथ लोग भी परेशान हैं. सोमवार की सुबह जब रामपुर के पास जीएन बांध से रिसाव होने लगा तो लोग बांध टूटने की अफवाह से भयाक्रांत रहे तथा दिन भर लोग सड़क व बांधों पर जमे रहे.
लखीसराय : किऊल व हरुहर में भी उफान: जिले में बाढ़ का कहर जारी है़ रविवार की रात को हुई भारी बारिश ने इसमें और भी इजाफा कर दिया़ बारिश की वजह से किऊल व हरुहर नदी में उफान आ गया है़
इस वजह से बाढ़ की स्थिति और विकराल हो गयी है. नदियों के किनारे बसे लोगों को आसपास के ऊंचे इलाके में शरण लेने के लिए विवश होना पड़ रहा है़ गंगा के जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि से बड़हिया नगर परिषद क्षेत्र से होकर गुजरने वाले एनएच-80 पर भी जगह-जगह बाढ़ का पानी पार होने लगा है़ एनएच-80 पर हृदनबीघा गांव के पास पुल के बाढ़ की चपेट में आने से क्षतिग्रस्त होने की सूचना के बाद डीएम, एसपी व अन्य प्रशासनिक पदाधिकारियों ने सोमवार को पुल का निरीक्षण किया
तथा इसके बचाव से संबंधित पदाधिकारियों को दिशा निर्देश दिया़ बाढ़ से बड़हिया नगर परिषद के आधा दर्जन से अधिक वार्ड प्रभावित हैं. वहीं बड़हिया, पिपरिया, सूर्यगढ़ा एवं सदर प्रखंड के दो दर्जन से अधिक पंचायतों के 86 गांव के लोग बाढ़ की विभीषिका झेलने को विवश हैं. बड़हिया में एक व्यक्ति की बाढ़ के पानी में डूबने मौत हो गयी है.
भागलपुर व लखीसराय में डूबने से दो की मौत
अकबरनगर व भवनाथपुर के बीच एनएच-80 पर दो किमी तक बह रहा पानी
कटिहार
बाढ़ प्रभावित राज्यों को पूर्ण केंद्रीय सहायता का वादा
नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तराखंड में बाढ़ की विकराल होती स्थिति पर चिंता जतायी आैर वायदा किया कि राहत व बचाव अभियानों के लिए केंद्र से पूर्ण सहायता दी जायेगी. पीएम मोदी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से बात की. मोदी ने कहा कि गृहमंत्री राजनाथ सिंह स्थिति पर करीब से नजर रखे हुए हैं और उन्होंने स्थिति का जायजा लेने के लिए पांच राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात की है.
पूर्ण केंद्रीय सहायता…
मोदी ने एक ट्वीट में कहा कि मैं बिहार,उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान और मध्य प्रदेश के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों की सुरक्षा और कुशलक्षेम के लिए प्रार्थना करता हूं. केंद्र राहत व बचाव अभियानों में पूर्ण मदद का आश्वासन देता है. मैं प्रभावित क्षेत्रों में स्थिति के जल्द से जल्द सामान्य होने की उम्मीद करता हूं. मध्य प्रदेश के पश्चिमी हिस्सों में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. पश्चिम बंगाल, बिहार और उससे लगते उत्तर प्रदेश के जिलों में गंगा खतरे के निशान को पार कर गयी. उत्तर प्रदेश में यमुना नदी भी उफान पर है.
खगड़िया में जीएन बांध से हो रहा रिसाव
खुले दिमाग वाले विशेषज्ञ अधिकारियों को भेजें : नीतीश
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार से बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने के लिए विशेषज्ञों की टीम भेजने की मांग की है. सोमवार को बाढ़ की स्थिति जानने के लिए जब केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सीएम नीतीश कुमार से फोन पर बात की तो उन्होंने यह अपील की. नीतीश ने केंद्रीय गृह मंत्री से कहा कि विशेषज्ञों की टीम में उन्हें भेजियेगा जिनका दिमाग खुला हो, जो पहले से वायस्ड हैं, उन्हें मत भेजिये. नहीं तो वे आयेंगे और कुछ बोल कर चले जायेंगे. हमलोगों की कोई कुछ सुनेंगे नहीं. फरक्का बांध तक शिल्ट जमा है. बांध को ध्वस्त करना संभव नहीं है. उसके कारण जो समस्या हुई है, उसका वैज्ञानिक
खुले दिमाग वाले विशेषज्ञ…
विशेषज्ञ रास्ता निकाले. मुख्यमंत्री ने बिहार विधान परिषद में झारखंड के मंत्री सरयू राय की मासिक पत्रिका ”युगांतर प्रकृति” के विमोचन पर गंगा के जल स्तर में वृद्धि पर चिंता भी जाहिर की. मुख्यमंत्री ने कहा कि गाद (शिल्ट) के कारण गंगा छिछली होती जा रही है. जब से फरक्का बराज का निर्माण हुआ है,
शिल्ट बढ़ रहा है. गंगा छिछली हो गयी है और गहरी नहीं है. धार भी सिमटती जा रही है. ऐसे में दूसरी नदियों का पानी गंगा में आता है तो वह फैलती है. गंगा बेसिन रिवर अथोरिटी की बैठक में नेशनल शिल्ट मैनेजमेंट पॉलिसी चलाने का मुद्दा उठाया था. गंगा के पानी को निर्मल और अविरल रखना है तो गाद को हटाना होगा,
नहीं तो नामामि गंगे को सफलता नहीं मिलेगी. पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन बंसल ने स्थिति का जायजा भी लिया था और कहा कि फरक्का बांध को तोड़ने के अलावा कोई उपाय नहीं होगा, जबकि इंजीनियर कहते हैं कि शिल्ट रुकता नहीं, डिस्चार्ज होता है, जबकि शिल्ट का जमाव हो रहा है. उन्होंने कहा कि गंगा नदी पर बना फरक्का बांध का क्या लाभ? इससे केंद्र, राज्य या फिर किन देशों को लाभ मिल रहा है वह ही जानें.

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