भागलपुर : बिजली आपूर्ति की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है. रविवार को भी आधे शहर में बिजली गुल रही. फ्रेंचाइजी कंपनी पर अधिकारी का आदेश व लोगों के आक्रोश का कोई असर नहीं पड़ रहा है. थोड़ी-सी हवा चली नहीं कि आपूर्ति ठप हो जाती है.
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आंदोलन बेअसर, बिजली संकट बरकरार
भागलपुर : बिजली आपूर्ति की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है. रविवार को भी आधे शहर में बिजली गुल रही. फ्रेंचाइजी कंपनी पर अधिकारी का आदेश व लोगों के आक्रोश का कोई असर नहीं पड़ रहा है. थोड़ी-सी हवा चली नहीं कि आपूर्ति ठप हो जाती है. कर्मियों की लापरवाही के कारण गड़बड़ी […]
कर्मियों की लापरवाही के कारण गड़बड़ी दूर करने में देर की जाती है. इसका खामियाजा उपभोक्ताओं को उठाना पड़ता है. लोगों का धैर्य जवाब दे रहा है. रविवार को मेन लाइन ब्रेकडाउन हुआ और आधा से अधिक शहर सहित जगदीशपुर व नाथनगर की बिजली दोपहर से देर शाम तक ठप रही.
आंदोलन बेअसर, बिजली…
दूसरी ओर सबौर के उपभोक्ताओं को भी निर्बाध रूप से बिजली नहीं मिल सकी. बिजली नहीं रहने के कारण लोगों को पानी संकट से भी जूझना पड़ा. जिले के 10 लाख आबादी के बीच त्राहिमाम की स्थिति रही.
जानकारी के अनुसार सबौर ग्रिड से अलीगंज विद्युत उपकेंद्र जानेवाली आपूर्ति लाइन भागलपुर-वन और सिविल सर्जन विद्युत उपकेंद्र की 33 केवीए की मेन लाइन दोपहर लगभग एक बजे ब्रेक डाउन हुआ. इस लाइन पर स्थापित नाथनगर, जगदीशपुर व टीटीसी विद्युत उपकेंद्र की बिजली ठप हो गयी. दरअसल, ब्रेकडाउन की घोषणा के बाद जल्द कार्रवाई शुरू नहीं हुई. पावर रिस्टोर करने की पहल विलंब से की गयी.
इस वजह से उपभोक्ताओं की बिजली सुचारू होने में छह घंटे लग गये. प्रमंडलीय आयुक्त अजय कुमार चौधरी का एक माह में लाइन सुधारने का निर्देश, उपभोक्ताओं और संगठनों द्वारा तोड़फोड़ व धरना-प्रदर्शन का कोई असर फ्रेंचाइजी कंपनी पर नहीं पड़ा. रविवार को लाइनें दुरुस्त रहने की बजाय उपभोक्ताओं के लिए सिरदर्द बना रहा.
उपभोक्ताओं ने आरोप लगाया कि फ्रेंचाइजी कंपनी जानबूझ कर नौटंकी कर रही है. उनका उद्देश्य कम बिजली आपूर्ति कर पैसा बचाने की है और इसका खामियाजा उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है. सरकारी बिजली कंपनी भी हाथ पर हाथ धरे बैठी है. फ्रेंचाइजी कंपनी पर मॉनीटरिंग केवल दिखावा है. मालूम हो कि बिजली को ले आक्रोशित उपभोक्ताओं ने सबौर विद्युत उपकेंद्र में तोड़फोड़ की थी और कर्मचारियों को खदेड़ दिया था.
वहीं विभिन्न संगठनों के प्रदर्शनकारियों ने कंपनी के काॅरपोरेट कार्यालय में तोड़फोड़ के उपरांत धरना-प्रदर्शन किया था. इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई थी.
भागलपुर : बिजली आपूर्ति की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है. रविवार को भी आधे शहर में बिजली गुल रही. फ्रेंचाइजी कंपनी पर अधिकारी का आदेश व लोगों के आक्रोश का कोई असर नहीं पड़ रहा है. थोड़ी-सी हवा चली नहीं कि आपूर्ति ठप हो जाती है.
कर्मियों की लापरवाही के कारण गड़बड़ी दूर करने में देर की जाती है. इसका खामियाजा उपभोक्ताओं को उठाना पड़ता है. लोगों का धैर्य जवाब दे रहा है. रविवार को मेन लाइन ब्रेकडाउन हुआ और आधा से अधिक शहर सहित जगदीशपुर व नाथनगर की बिजली दोपहर से देर शाम तक ठप रही.
आंदोलन बेअसर, बिजली…
दूसरी ओर सबौर के उपभोक्ताओं को भी निर्बाध रूप से बिजली नहीं मिल सकी. बिजली नहीं रहने के कारण लोगों को पानी संकट से भी जूझना पड़ा. जिले के 10 लाख आबादी के बीच त्राहिमाम की स्थिति रही.
जानकारी के अनुसार सबौर ग्रिड से अलीगंज विद्युत उपकेंद्र जानेवाली आपूर्ति लाइन भागलपुर-वन और सिविल सर्जन विद्युत उपकेंद्र की 33 केवीए की मेन लाइन दोपहर लगभग एक बजे ब्रेक डाउन हुआ. इस लाइन पर स्थापित नाथनगर, जगदीशपुर व टीटीसी विद्युत उपकेंद्र की बिजली ठप हो गयी. दरअसल, ब्रेकडाउन की घोषणा के बाद जल्द कार्रवाई शुरू नहीं हुई. पावर रिस्टोर करने की पहल विलंब से की गयी.
इस वजह से उपभोक्ताओं की बिजली सुचारू होने में छह घंटे लग गये. प्रमंडलीय आयुक्त अजय कुमार चौधरी का एक माह में लाइन सुधारने का निर्देश, उपभोक्ताओं और संगठनों द्वारा तोड़फोड़ व धरना-प्रदर्शन का कोई असर फ्रेंचाइजी कंपनी पर नहीं पड़ा. रविवार को लाइनें दुरुस्त रहने की बजाय उपभोक्ताओं के लिए सिरदर्द बना रहा. उपभोक्ताओं ने आरोप लगाया कि फ्रेंचाइजी कंपनी जानबूझ कर नौटंकी कर रही है. उनका उद्देश्य कम बिजली आपूर्ति कर पैसा बचाने की है और इसका खामियाजा उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है.
सरकारी बिजली कंपनी भी हाथ पर हाथ धरे बैठी है. फ्रेंचाइजी कंपनी पर मॉनीटरिंग केवल दिखावा है. मालूम हो कि बिजली को ले आक्रोशित उपभोक्ताओं ने सबौर विद्युत उपकेंद्र में तोड़फोड़ की थी और कर्मचारियों को खदेड़ दिया था. वहीं विभिन्न संगठनों के प्रदर्शनकारियों ने कंपनी के काॅरपोरेट कार्यालय में तोड़फोड़ के उपरांत धरना-प्रदर्शन किया था. इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई थी.
आयुक्त के निर्देश का भी पालन नहीं कर रही बिजली कंपनी
इधर बोले जीएम
इंजीनियरों की मेहनत से कम समय में रिस्टोर हो रहा पावर : जीएम विनोद अश्वाल ने कहा कि सबौर विद्युत उपकेंद्र के पावर ट्रांसफॉर्मर को चालू कर दिया गया है. फिलहाल तीन फीडर का लोड दिया गया है. सोमवार को चौथे फीडर का लोड दिया जायेगा. ट्रांसफॉर्मर एक बार खराब हो जाये, तो यह जल्दी बनता नहीं है. टेक्निकल इंजीनियर की मेहनत है कि पावर ट्रांसफॉर्मर को दुरुस्त किया है. भागलपुर-वन की लाइन में भी मेजर फॉल्ट आया था.
इंजीनियरों की मेहनत से ही इसे कम समय में दुरुस्त किया जा सका है. उपभोक्ताओं को धैर्य रखने की जरूरत है, उन्हें निर्बाध रूप से बिजली मिलती रहेगी.
10 लाख आबादी को बिजली-पानी संकट से जूझना पड़ा
अलीगंज और सीएस उपकेंद्र का मेन लाइन ब्रेक डाउन
छह घंटे बिजली ठप
उपभाेक्ताओं का आरोप, जानबूझ कर नौटंकी कर रही फ्रेंचाइजी कंपनी
14 फीडर से नहीं हो सकी बिजली आपूर्ति
इन फीडरों से नहीं हुई आपूर्ति : तातारपुर, चंपानगर, नाथनगर, यूनिवर्सिटी, बैजानी, जगदीशपुर, टेकानी, जगदीशपुर बाजार, भीखनपुर, घंटाघर, खलीफाबाग, मशाकचक व नयाबाजार फीडरों से आपूर्ति नहीं हो सकी.
10 मिनट के लिए मिलती है बिजली
सबौर और आसपास के उपभोक्ताओं द्वारा आंदोलन के बाद भी उन्हें अब तक सही से बिजली मिलनी शुरू नहीं हुई है. पावर ट्रांसफॉर्मर की वजह से बिजली संकट गहराया है. हर दो-तीन घंटे पर 10-20 मिनट के लिए बिजली मिलती है. उपभोक्ता बड़े आंदोलन के लिए गोलबंद हो रहे हैं.
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