लघु सिंचाई विभाग Â कनेक्शन कट, एक माह से बिना बिजली के चल रहा दफ्तर, बिल चुकाने के पैसे नहीं
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कंप्यूटर छोड़ा, टाइपराइटर के भरोसे काम
लघु सिंचाई विभाग Â कनेक्शन कट, एक माह से बिना बिजली के चल रहा दफ्तर, बिल चुकाने के पैसे नहीं शहर में एक सरकारी दफ्तर ऐसा भी है, जिसको कामकाज के लिए कंप्यूटर छोड़ टाइपराइटर अपनाना पड़ रहा है. बिजली कनेक्शन कटने के बाद से यह नौबत आयी है. यह हालात डीएम आवास के ठीक […]
शहर में एक सरकारी दफ्तर ऐसा भी है, जिसको कामकाज के लिए कंप्यूटर छोड़ टाइपराइटर अपनाना पड़ रहा है. बिजली कनेक्शन कटने के बाद से यह नौबत आयी है. यह हालात डीएम आवास के ठीक नजदीक लघु सिंचाई विभाग के दफ्तर का है. लगभग एक माह से बिना बिजली के दफ्तर चल रहा है. बिजली कनेक्शन इसलिए कटा है कि विभाग के पास फ्रेंचाइजी कंपनी बीइडीसीपीएल के बिल को चुकाने के लिए पैसे नहीं है. कर्मचारी शिवशंकर प्रसाद सिंह ने बताया कि बिजली नहीं रहने से कंप्यूटर बंद पड़ा है. फिर भी मुख्यालय के अधिकारियों द्वारा रिपोर्ट के लिए दबाव डाला जा रहा है. इस वजह से टाइपराइटर पर काम करना मजबूरी है.
भागलपुर : शहर में एक सरकारी दफ्तर ऐसा भी है, जिसको कामकाज के लिए कंप्यूटर छोड़ टाइपराइटर अपनाना पड़ रहा है. बिजली कनेक्शन कटने के बाद से यह नौबत आयी है. यह हालात डीएम आवास के ठीक नजदीक लघु सिंचाई विभाग के दफ्तर का है. लगभग एक माह से बिना बिजली के दफ्तर चल रहा है. बिजली कनेक्शन इसलिए कटा है कि विभाग के पास फ्रेंचाइजी कंपनी बीइडीसीपीएल के बिल को चुकाने के लिए पैसे नहीं है. कर्मचारी शिवशंकर प्रसाद सिंह ने बताया कि बिजली नहीं रहने से कंप्यूटर बंद पड़ा है. फिर भी मुख्यालय के अधिकारियों द्वारा रिपोर्ट के लिए दबाव डाला जा रहा है. इस वजह से टाइपराइटर पर काम करना मजबूरी है.
बिजली के अभाव में परेशान हो रहे कर्मी व बंद पड़ा कंप्यूटर. एक बार तो दफ्तर में तैनात कर्मचारियों ने आपस में चंदा कर बिल जमा करने सोचा मगर, बाद में पता चला कि फ्रेंचाइजी कंपनी का बकाया लगभग 14 लाख रुपये है तो सबने हाथ खड़े कर दिये. लगभग एक माह से दफ्तर में काम बिना बिजली के ही चल रहा है.
क्वार्टर से लेकर दफ्तर तक परेशानी : दफ्तर के साथ क्वार्टर का भी बिजली कनेक्शन कट है. इस वजह से कर्मचारी क्वार्टर से लेकर दफ्तर तक परेशानी झेलने को विवश हैं. गरमी में कर्मचारी सारा दिन हाथ पंखल लेकर काम करते हैं.
1982 में कनेक्शन, बिल भुगतान एक पैसा नहीं : लघु सिंचाई विभाग के कर्मचारियों की मानें, तो बिजली का कनेक्शन 1982 में हुआ था और तब से अभी तक में बिल भुगतान एक पैसा नहीं किया है. हालांकि इसके पीछे उन सभी का तर्क यह रहा कि सरकारी तो दूर, प्राइवेट बिजली कंपनी ने भी बिल विपत्र उपलब्ध नहीं कराया.
डीएम आवास के पानी से प्यास बुझाते कर्मचारी : विभागीय कर्मचारियों ने अपनी आपबीती सुनायी. उन्होंने बताया कि जब प्यास लगती है, तो जिलाधिकारी के आवास से पानी मंगाते हैं. क्वार्टर के लिए भी सुबह से लेकर दफ्तर जाने से पहले तक केवल पानी ढोने का काम होता है. दफ्तर के बाद पुन: पानी ढुलाई से रात का गुजारा होता है.
14 लाख रुपये बकाया, अबतक प्राप्त नहीं हुआ आवंटन
बिना नोटिस के फ्रेंचाइजी कंपनी ने बिजली कनेक्शन काट दिया है. इससे विभागीय कामकाज ठप है. फ्रेंचाइजी कंपनी बिल भी उपलब्ध नहीं करा रही थी. बिल भुगतान को लेकर आवंटन मांगा गया है. रिमाइंडर भी भेजा जा रहा है.
आलोक कुमार, कार्यपालक अभियंता, लघु सिंचाई कार्य प्रमंडल, भागलपुर
करोड़ों के बकायेदार नगर निगम की नहीं कटी बिजली
अधिकारी व कर्मचारी ने फ्रेंचाइजी कंपनी पर आरोप लगाया कि करोड़ों के बकायेदार नगर निगम की जब बिजली नहीं काटी जा रही है, तो फिर लघु सिंचाई विभाग के दफ्तर का कनेक्शन क्यों काटा गया. अगर कनेक्शन काटा भी गया, तो पहले नोटिस क्यों नहीं दिया. कंपनी बिल विपत्र क्यों नहीं उपलब्ध करा रही थी.
बकाया बिल भुगतान नहीं होने से लघु सिंचाई विभाग के दफ्तर का कनेक्शन काटा गया है. पहले नोटिस दिया गया था. दो दिन पहले चीफ इंजीनियर मिलने आये थे, उनसे कहा गया कि तुरंत कनेक्शन कर दिया जायेगा, केवल लिखित में देना होगा कि कब तक भुगतान किया जायेगा. इस संबंध में उनकी ओर से लिखित नहीं मिला है. अगर लिखित मिल जाये, तो तुरंत कनेक्शन करा दिया जायेगा.
कुलदीप कौल, सीइओ, बीइडीसीपीएल (फ्रेंचाइजी कंपनी)
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