कहलगांव : गंगा के जलस्तर में तेज वृद्धि जारी है. चौर क्षेत्र के खेतों में लगी मक्के की फसल डूब रही है. आनन-फानन में लोग अपरिपक्व भुट्टे को तोड़ कर बेच रहे हैं तथा मक्के के पौधों को काट कर पशु चारे के उपयोग में ला रहे हैं. गंगा के लगातार बढ़ते जलस्तर में लोग धान की फसल लगााने से भी डर रहे हैं.
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कहलगांव के चौर क्षेत्र में मक्का की फसल डूबी
कहलगांव : गंगा के जलस्तर में तेज वृद्धि जारी है. चौर क्षेत्र के खेतों में लगी मक्के की फसल डूब रही है. आनन-फानन में लोग अपरिपक्व भुट्टे को तोड़ कर बेच रहे हैं तथा मक्के के पौधों को काट कर पशु चारे के उपयोग में ला रहे हैं. गंगा के लगातार बढ़ते जलस्तर में लोग […]
आज छू सकता है खतरे का निशान : कहलगांव में गंगा के खतरे का निशान 31.090 मीटर है. मंगलवार की रात आठ बजे तक जलस्तर 30.650 मीटर था. केंद्रीय जल आयोग कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार प्रति घंटे एक सेमी की दर से जलस्तर बढ़ रहा है. गंगा के ऊपरी हिस्से में पानी तेजी से बढ़ रहा है.
संभावना है कि बुधवार तक जलस्तर खतरे के निशान को छू सकता है.
कोसी के खाली रहने से हो रहा बचाव : बाढ़ के विशेषज्ञों के अनुसार अभी कोसी नदी खाली है. इसलिए गंगा तेजी से ढलान की ओर बढ़ रही है और गंगा की रफ्तार भी तेज है. इससे गंगा में आने वाला पानी गंगा में ठहर नहीं पा रहा है और तेजी से निकल रहा है. इसका फायदा यह हो रहा है कि गंगा के पानी का फैलाव ज्यादा नहीं हो रहा है और बाढ़ से लोग बचे हुए हैं. हालांकि, कटाव से दियारा के लोग परेशान हैं.
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