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दो लाख की रंगदारी नहीं दी, तो मार दी गोली

घायल मनीष रजक के बयान पर मुखिया प्रतिनिधि सहित चार पर प्राथमिकी दर्ज लत्तीपुर उत्तर पंचायत में मंगलवार की शाम मुखिया प्रत्याशी रहे मनीष को मार दी थी गोली बिहपुर : थाना क्षेत्र की लत्तीपुर उत्तर पंचायत में मंगलवार की शाम गोली से घायल मुखिया प्रत्याशी मनीष रजक का बुधवार को भी जेएलएनएमसीएच, भागलुपर में […]

घायल मनीष रजक के बयान पर मुखिया प्रतिनिधि सहित चार पर प्राथमिकी दर्ज

लत्तीपुर उत्तर पंचायत में मंगलवार की शाम मुखिया प्रत्याशी रहे मनीष को मार दी थी गोली
बिहपुर : थाना क्षेत्र की लत्तीपुर उत्तर पंचायत में मंगलवार की शाम गोली से घायल मुखिया प्रत्याशी मनीष रजक का बुधवार को भी जेएलएनएमसीएच, भागलुपर में इलाज चल रहा है. मनीष के बयान पर बिहपुर थाना में प्राथमिकी दर्ज की गयी है. पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि विजय यादव, ब्रजेश उर्फ हकरा यादव, गन्नी यादव व राबील उर्फ रोबिन यादव को आरोपी बनाया गया है. इस मामले में मंगलवार की शाम पुलिस ने लत्तीपुर के तीन युवकों राजीव, दिलखुश व हिटलर को पूछताछ के लिए थाना लाया था. बुधवार को एसपी पंकज सिन्हा ने भी तीनों युवकों से नवगछिया में पूछताछ की. एसआइ दिनेश्वर सिंह मामले की जांच कर रहे हैं.
मनीष रजक का बयान
मनीष ने अपने बयान में कहा है कि 10 जुलाई को वह अपनी बहन के बीमार ससुर खगड़िया जिला के परबत्ता थाना क्षेत्र निवासी कमलेश्वरी रजक का इलाज कराने मायागंज जा रहा था. रास्ते में ही उनकी मौत हो गयी. उसी दिन उसकी बहन की ससुराल में लड़की की शादी होने वाली थी. ससुराल पक्ष के लोगों ने कहा कि शादी के माहौल में शव यहां लाने के बजाय अपने ही घर में रख लें. हमलोग अगले दिन जा कर दाह संस्कार करेंगे.
मनीष ने बताया कि उसने शव को अपने घर में रखा. इसकी जानकारी होने पर अगले दिन मुखिया प्रतिनिधि विजय यादव घर पर आकर कहने लगा कि अपने रिश्तेदार को क्यों मार दिया. उसने हल्ला कर समाज में संशय की स्थिति उत्पन्न कर दी और बिहपुर थाना को भी सूचित कर दिया. पुलिस ने पहुंच कर समाज में पूछताछ की. सच का पता चल जाने के बाद पुलिस वापस लौट गयी. इसके बाद मुखिया प्रतिनिधि ने मुझसे कहा कि समाज व पुलिस से बचा दिया, इसलिए तुम मुझे दो लाख रुपये दो. अगले दिन ब्रजेश उर्फ हकरा यादव, गन्नी यादव व राबील उर्फ रोबिन यादव मेरे घर पर आया.
उन लोगों ने कहा कि मुखिया जी ने भेजा है. जल्दी से दो लाख रुपये दो, नहीं तो अंजाम बुरा होगा. मैंने रुपये देने में असमर्थता जतायी, तो वे तीनों चले गये. 12 जुलाई को फिर तीनों मेरे घर पर आ कर कहा कि मुखिया जी ने बुलाया है. तीनों मुझे घर न ले जाकर बहियार की ओर ले जाने लगे. इस पर जब मैं हिचकिचाने लगा तो मेरा मुंह बांध दिया और
कहा कि अभी भी समय है दो लाख दे दो. इस दौरान तीनो मुखिया प्रतिनिधि से फोन से संपर्क में थे. उन तीनों ने मुझे दो-तीन घंटे तक कई बहियारों में जगह बदल-बदल कर रखा. इस बीच मुखिया प्रतिनिधि ने तीनों को निर्देश दिया कि काम तमाम कर दो. इसके बाद हकरा ने मुझ पर गोली चला दी. गोली मेरी पीठ की बायीं ओर लगी. मैं किसी तरह सड़क पर पहुंच कर लोगों की मदद से थाना पहुंचा.

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