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युवाओं को पैकेज नहीं, चाहिए स्थायित्व व सुकून

भागलपुर : इन दिनों में शहर के युवाओं का इंजीनियरिंग समेत मल्टी नेशनल कंपनियों में बड़े-बड़े पदों पर नौकरी से मन उबने लगा है. बैंकिंग, रेलवे, एसएससी आदि में सामान्य नौकरी पाने की चाहत रखनेवालों की संख्या बढ़ गयी है. अब युवा लाखों के पैकेज की नहीं, बल्कि हजारों रुपये के वेतन पर सुकून भरी […]

भागलपुर : इन दिनों में शहर के युवाओं का इंजीनियरिंग समेत मल्टी नेशनल कंपनियों में बड़े-बड़े पदों पर नौकरी से मन उबने लगा है. बैंकिंग, रेलवे, एसएससी आदि में सामान्य नौकरी पाने की चाहत रखनेवालों की संख्या बढ़ गयी है. अब युवा लाखों के पैकेज की नहीं, बल्कि हजारों रुपये के वेतन पर सुकून भरी नौकरी चाह रहे हैं.

यूनिवर्सम ने देश के 157 यूनिवर्सिटी के 29448 छात्रों पर सर्वे कराया. इसमें रिजर्व बैंक को पसंदीदा एम्पलॉयर के रूप में तीसरा स्थान मिला. मोस्ट अट्रैक्टिव एम्प्लॉयर्स रैंकिंग 2016 में आरबीआइ को यह स्थान मिला. इस सर्वे में भारतीय युवाओं ने फेसबुक, बीएमडब्ल्यू और माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियों से ऊपर आरबीआइ और एसबीआइ को महत्व दिया. सर्वे में दो स्थानों पर दिग्गज आइटी कंपनी गूगल और एप्पल का कब्जा है.
स्थायी जॉब पहली पसंद
भागलपुर के युवा भविष्य में स्थायी रूप से जॉब करने की चाहत रख रहे हैं. अभिभावक भी अधिक पैसा नहीं, बल्कि कम वेतन में ही सुकून भरी नौकरी की चाह अपने बेटा-बेटी के लिए रख रहे हैं. इस बारे में यहां के छात्रों से बात की गयी.
छात्र फेसबुक, इंजीनियरिंग, माइक्रोसॉफ्ट, बीएमडब्ल्यू समेत मल्टीनेशनल कंपनी की बजाय बैंकिंग, रेलवे व अन्य सरकारी नौकरियों पर दे रहे ध्यान
12वीं में 95 प्रतिशत अंक लाकर टीएनबी कॉलेज में स्नातक में नामांकन कराया. साथ ही सरकारी नौकरी के लिए तैयारी भी जारी है. इंजीनियरिंग व अन्य मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब की जगह सुकूनवाली नौकरी चाहिए.
शुभम राज
12वीं में 93 प्रतिशत अंक लाया हूं. हाल ही में दिल्ली विश्वविद्यालय में स्नातक में दाखिला लिया है. यहां पर रहकर सामान्य प्रतियोगिता के साथ यूपीएससी की तैयारी कर रहा हूं.
राम मनोहर
केवल बड़ी-बड़ी कंपनी में अधिक पैसा कमाने से अच्छी जिंदगी नहीं जी सकते. घर-परिवार व समाज के लिए स्थायी जाॅब से ही काम कर सकते हैं.
कार्तिक शर्मा
12वीं में 89 प्रतिशत अंक लाया. दिल्ली विश्वविद्यालय में एडमिशन कराया, ताकि वहां पर सिविल सर्विसेज की तैयारी कर सकूं. इसमें पैसे के साथ-साथ अपनी गरिमा भी है.
रिचा कुमारी
बैंकिंग क्षेत्र या अन्य स्थायी सेक्टर में काम करने का अलग मजा है. इसके लिए ही इंजीनियरिंग नहीं करके भागलपुर विश्वविद्यालय से ही स्नातक की पढ़ाई कर रही हूं. साथ ही प्रतियोगिता की तैयारी.
कुमारी सोनल
अब पैकेज की कम, बल्कि स्थायित्व की चिंता हरेक छात्र-छात्राओं को है. इसके लिए ही साइंस से 12वीं पास करने के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय में स्नातक में नामांकन कराया.
स्वाति नुपूर

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