सबौर/भागलपुर: विक्रमशिला सेतु पर लगने वाला जाम अब जानलेवा हो गया है. शुक्रवार से लगा महाजाम शनिवार को और विकराल हो गया. 30 किलोमीटर से अधिक लंबे जाम में हजारों बड़े-छोटे वाहन फंसे रहे. विक्रमशिला सेतु से घोघा व नवगछिया तक ट्रकों व अन्य वाहनों की लंबी कतार लगी रही. शनिवार को जाम में फंसे दो मरीजों ने दम तोड़ दिया. मृतकों में एक गर्भवती महिला भी शामिल है.
प्रसव पीड़ा शुरू होने पर परिजन उसे इलाज के लिए भागलपुर लेकर आ रहे थे. विक्रमशिला पुल पर उनकी एंबुलेंस जाम में फंस गयी और महिला ने दम तोड़ दिया. महिला की मौत के साथ ही उसका गर्भस्थ शिशु भी दुनिया में आने से पहले ही चल बसा. जाम में फंसे यात्री अपने सामान के साथ पैदल अपने गंतव्य पर जाने को विवश रहे. सबसे ज्यादा बुरी स्थिति वृद्धों, महिलाओं और बच्चों की थी. स्थिति यह थी कि पैदल यात्रियों को भी जाम से निकलने में भारी मशक्कत करनी पड़ी. जाम के कारण कई लोग समय पर अपने कार्यालय नहीं पहुंच पाये.
कई छात्रों की परीक्षा छूट गयी तो कई लोगों की ट्रेन. जाम में प्रेस की गाड़ियों के फंसने के कारण ग्रामीण इलाकों में समाचार पत्र नहीं पहुंच पाया. जाम को हटाने में पुलिस व प्रशासनिक व्यवस्था असफल रही. शनिवार की शाम से लोगों को जाम से राहत मिली.
जाम में फंसी एंबुलेंस
रंगरा के नंदकिशोर साह की पुत्री रजनी मां बनने वाली थी. प्रसव पीड़ा होने पर परिजन उसे प्राइवेट एंबुलेंस से बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के लिए भागलपुर ला रहे थे. इसी दौरान उनका एंबुलेंस विक्रमशिला सेतु पर लगे महाजाम में फंस गया और दिन के डेढ़ बजे रजनी ने दम तोड़ दिया. परिजनों का आरोप है कि प्रशासन अगर मुस्तैद होकर जाम हटाता तो आज उनकी पुत्री व उसके गर्भस्थ शिशु की मौत नहीं होती. इधर, एसएसवी कॉलेज कहलगांव के प्राचार्य आरपीसी वर्मा के पिता शत्रुघनप्रसाद सिंह (हरदासचक, खगड़िया निवासी) की मौत भी जाम के कारण हो गयी. परिजनों का कहना है कि खगड़िया से श्री सिंह को बेहतर इलाज के लिए भागलपुर ला रहे थे. पुल पर 11 बजे से ही एंबुलेंस जाम में फंसी रही और दो बजे उनकी मौत हो गयी. जब पुल पर जाम था तो परिजनों ने भागलपुर में अपने कुछ रिश्तेदारों को फोन पर दवा लाने को कहा. इस दौरान बरारी श्मशान घाट के पास जब गाड़ी पहुंची तो श्री सिंह की मौत हो चुकी थी. तब तक भागलपुर से परिजन दवा भी लेकर आ गये थे पर काफी देर हो चुकी थी. श्री वर्मा का कहना है कि उन्हें इस बात का अफसोस है कि भागलपुर में भी वे पिता का बेहतर इलाज नहीं करा पाये और उनकी मौत हो गयी.
क्यों लगा जाम
दरअसल रानी तालाब के पास एनएच 80 पर निर्माण कार्य चल रहा है. निर्माण कार्य सुचारू रखने के लिए वन-वे व्यवस्था के तहत वाहनों का परिचालन कराया जा रहा है. शुक्रवार को वन-वे के दौरान एक ट्रक का आगे का एक्सल टूट गया जिस वजह से दिन भर जाम लगा रहा. शाम में गाड़ियां सरकने लगी. पुन: रात को बीच सेतु पर दो ट्रकों में खराबी आ गयी जिस वजह से जाम लग गया और शनिवार को जाम विकराल होता चला गया.
सेतु पर ट्रक के खराब होने के कारण यह जानलेवा जाम लगा था. इससे निबटने के लिए पुलिस प्रशासन के साथ-साथ पुल निर्माण निगम के अधीक्षण अभियंता को भी अलग से क्रेन आदि की व्यवस्था रखने का निर्देश दिया जा रहा है. इस तरह की घटना में पुलिस पदाधिकारियों को त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए.
मिन्हाज आलम, प्रमंडलीय आयुक्त
पुल पर जाम न लगे, इसके लिए पहले से ही 20 होमगार्ड के जवानों की ड्यूटी पुल के दोनों ओर लगा दी गयी है. तीन-तीन गाड़ियों का गुल्ला टूट जाने के कारण ऐसी स्थिति पैदा हुई. जीरोमाइल, बरारी थानाध्यक्षों को विशेष निर्देश जारी किया गया है कि किसी भी सूरत में पुल पर जाम न लगे, इसका ध्यान पुलिसकर्मी रखेंगे. गाड़ियों को हटाने के लिए विभाग में क्रेन नहीं है. क्रेन की मांग को लेकर मुख्यालय को लिखा जा रहा है, ताकि गाड़ियां खराब होते ही उसे तुरंत खींच कर किनारा किया जाये और आवागमन को सुचारू रूप से चालू किया जाये. पुलिस अपने स्तर से शुक्रवार से ही जाम हटाने में लगी है. चार एसएचओ समेत पुलिस के जवान लगातार जाम हटाने के काम से पुल पर मुस्तैद थे, लेकिन तीन-तीन बड़े वाहनों का गुल्ला टूट गया. काफी मशक्कत के बाद जाम हटा.
राजेश कुमार, एसएसपी, भागलपुर