तार टूटने, फ्यूज उड़ते रहने सहित मीटर टेस्टिंग की वजह से 10 घंटे कटी रही बिजली
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गहराया रहा बिजली संकट, गरमी से लोग हुए परेशान
तार टूटने, फ्यूज उड़ते रहने सहित मीटर टेस्टिंग की वजह से 10 घंटे कटी रही बिजली बाल्टी कारखाना चौक पर दिन भर में दो बार टूट कर गिरा तार, ठप रही बिजली आज सबौर में 10 से एक बजे तक नहीं रहेगी बिजली भागलपुर : छले सप्ताह भर से शहर में व्याप्त बिजली संकट का […]
बाल्टी कारखाना चौक पर दिन भर में दो बार टूट कर गिरा तार, ठप रही बिजली
आज सबौर में 10 से एक बजे तक नहीं रहेगी बिजली
भागलपुर : छले सप्ताह भर से शहर में व्याप्त बिजली संकट का निदान सोमवार को भी नहीं हो सका. तार टूटने का सिलसिला जारी रहा, तो फ्यूज उड़ते रहे. कई इलाके में तो एक ही स्थान पर कई बार तार टूट कर गिरा और बिजली ठप रही. इसके अलावा मीटर टेस्टिंग के कारण पूर्वी शहर की बिजली घंटों बंद रह गयी. इन तमाम कारणों से शहर की बिजली 10 घंटे तक कटी रही. इस दौरान शहर के लिए सबौर ग्रिड को 70 मेगावाट बिजली मिलती रही, मगर खपत 50 मेगावाट से ज्यादा नहीं हो सकी. लो वोल्टेज मिलने वाली बिजली लोगों के लिए परेशानी का कारण बनी रही.
इससे बिजली-पानी का संकट गहराया रहा. बाल्टी कारखाना चौक पर दिन भर में दो बार तार टूट कर गिरा. एलटी तार रहने के बावजूद फ्रेंचाइजी कंपनी के इंजीनियर ने मिरजानहाट फीडर की बिजली ढाई-ढाई घंटे तक बंद रखी. इसके अलावा यह फीडर शाम के बाद आधी रात तक लोड शेडिंग के कारण बंद करके रखा गया. इस वजह से मिरजानहाट फीडर के दो लाख से अधिक उपभोक्ताओं को दिन में ही नहीं, रात में भी बिजली संकट से जूझना पड़ा.
मीटर टेस्टिंग के कारण बरारी विद्युत उपकेंद्र को दोपहर बाद बिजली बंद की गयी. इसके साथ-साथ सेंट्रल जेल और मायागंज विद्युत उपकेंद्र की भी बिजली बंद रही. दरअसल उक्त विद्युत उपकेंद्र बरारी, सेंट्रल जेल और मायागंज एक ही लाइन पर स्थापित है. यानी, बरारी के कारण सेंट्रल जेल व मायागंज विद्युत उपकेंद्र के तीन लाख आबादियों के लिए बिजली परेशानी का कारण बना रहा.
लोड शेडिंग से अंधेरे में राह आधी रात तक आधा शहर : शाम पांच बजते ही लोड शेडिंग का खेल शुरू हो गया. लोड शेडिंग में सबसे ज्यादा देर तक मिरजानहाट और विक्रमशिला फीडर की बिजली बंद रही. रात लगभग 12 बजे के बाद ही थोड़ी-थोड़ी देर के लिए आपूर्ति शुरू हो सकी. यही हाल भीखनपुर और घंटा घर फीडर का रहा.
एक को बंद किया जाता था, तो दूसरा चालू होता था. इस तरह से दोनों में से किसी एक फीडर को भी निर्बाध रूप से बिजली नहीं मिल सकी. मायागंज विद्युत उपकेंद्र का भी यह हाल रहा कि कभी मायागंज, तो कभी हॉस्पिटल या आदमपुर फीडर को ही दो घंटे पर आधा घंटा बिजली आपूर्ति हो रही थी.
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