आरपीएम सभागार में कार्यशाला आयोेजित
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मातृत्व व शिशु मृत्यु दर पर नियंत्रण के लिए परिवार नियोजन जरूरी
आरपीएम सभागार में कार्यशाला आयोेजित भागलपुर : जपाइगो मुंगेर प्रमंडल की प्रोग्राम आॅफिसर जयश्री व्यंक्टेश ने कहा कि बिहार की 15-49 साल तक की महिला को औसतन तीन से चार बच्चे होते हैं जो कि पूरे देश में सबसे ज्यादा है. प्रजनन दर को कम कर इसे राष्ट्रीय स्तर पर लाने के लिए एएनएम और […]
भागलपुर : जपाइगो मुंगेर प्रमंडल की प्रोग्राम आॅफिसर जयश्री व्यंक्टेश ने कहा कि बिहार की 15-49 साल तक की महिला को औसतन तीन से चार बच्चे होते हैं जो कि पूरे देश में सबसे ज्यादा है. प्रजनन दर को कम कर इसे राष्ट्रीय स्तर पर लाने के लिए एएनएम और काउंसलरों की भूमिका अहम है. स्वस्थ-सुखी जीवन के लिए परिवार नियोजन के विभिन्न उपायों को अपनाना बेहतर विकल्प है.
सदर अस्पताल परिसर स्थित क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक कार्यालय के सभागार में आयोजित एएनएम एवं काउंसलरों की कार्यशाला को बतौर प्रशिक्षक जयश्री संबोधित कर रही थी. उन्होंने कहा कि इससे प्रजनन दर के साथ-साथ मातृ एवं शिशु मृत्यु दर पर नियंत्रण किया जा सकता है.
इस अवसर पर जपाइगो भागलपुर के समन्वयक विजय विक्रम ने कहा कि प्रसव के बाद कॉपर टी, सात दिन के अंदर बंध्याकरण या 48 घंटे के अंदर पीपीआइयूसीडी का इस्तेमाल कर महिलाएं अनचाहे गर्भधारण से मुक्ति पा सकती हैं. श्री विक्रम ने कहा कि मां प्रसव के बाद छह माह तक अपने बच्चे को स्तनपान करायें. इससे वे अनचाहे गर्भधारण से बच सकती हैं. कार्यशाला का उद्घाटन क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक अरुण प्रकाश ने किया. इस अवसर पर काउंसलर नंद किशोर, स्वर्णलता, धर्मेंद्र कुमार, मनोज कुमार, वंदना कुमारी, प्रियंका कुमारी व एएनएम मुन्नी कुमारी, सुनीता कुमारी समेत 11 एएनएम मौजूद रही.
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