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विवि कर्मचारियों को हाइकोर्ट ने किया तलब तोमरप्रकरण

विवि गेस्ट हाउस में विश्वनाथ सिंह विधि संस्थान मुंगेर और विवि कर्मचारियों से हुई पूछताछ मामले से जुड़े कर्मियों पर गिर सकती है गाज तोमर प्रकरण में दिल्ली पुलिस के आने की सूचना मुझे नहीं है. विवि अधिकारी के माध्यम से भी कुछ नहीं बताया गया है. प्रो रमा शंकर दुबे, कुलपति, टीएमबीयू तोमर प्रकरण […]

विवि गेस्ट हाउस में विश्वनाथ सिंह विधि संस्थान मुंगेर और विवि कर्मचारियों से हुई पूछताछ

मामले से जुड़े कर्मियों पर गिर सकती है गाज
तोमर प्रकरण में दिल्ली पुलिस के आने की सूचना मुझे नहीं है. विवि अधिकारी के माध्यम से भी कुछ नहीं बताया गया है.
प्रो रमा शंकर दुबे, कुलपति, टीएमबीयू
तोमर प्रकरण में दिल्ली पुलिस आयी जरूर है लेकिन अपने स्तर से काम कर रही है. इस बारे में विवि प्रशासन को किसी प्रकार की कोई सूचना नहीं है. मामला हाइकोर्ट में है.
प्रो एके राय, प्रतिकुलपति, टीएमबीयू
भागलपुर : जितेंद्र सिंह तोमर प्रकरण में दिल्ली पुलिस ने विवि कर्मचारियों से शनिवार देर शाम तक विवि गेस्ट हाउस में लंबी पूछताछ की. दिल्ली के हौज खास थाना के इंस्पेक्टर व दारोगा ने परीक्षा विभाग से कुछ कागजात की मांग की है. विवि सूत्रों के अनुसार तोमर प्रकरण में परीक्षा विभाग के कर्मचारियों की संलिप्तता के संकेत मिले हैं. उन कर्मचारियों पर गाज गिरना तय माना जा रहा है.
विवि कर्मियों को…
कर्मचारियों ने पहले भी दिल्ली हाईकोर्ट में उपस्थित होकर अपना पक्ष रखा था. फिर से उनको पूछताछ के लिए अप्रैल के पहले सप्ताह में दिल्ली हाइकोर्ट में उपस्थित होने के लिए कहा गया है. इसके लिए तीन अप्रैल रविवार को कर्मचारी दिल्ली के लिए रवाना होंगे.
आरोपित कर्मियों के बीच हड़कंप : दिल्ली पुलिस शुक्रवार को ही भागलपुर पहुंच गयी थी. विवि परीक्षा विभाग के कर्मचारी व विश्वनाथ सिंह विधि संस्थान मुंगेर के कर्मचारी को पूछताछ के लिए बुलाया गया था. दिल्ली पुलिस पूछताछ के लिए तीसरी बार विवि पहुंची है. तोमर प्रकरण में नामजद हुए आरोपित कर्मचारियों के बीच हड़कंप है. कोई कुछ बताने से बच रहा है. विवि में भी दिनभर दिल्ली पुलिस के पहुंचने व पूछताछ की चर्चा रही.
दोषी कर्मचारियों पर कार्रवाई होनी तय मानी जा रही है.
क्या है मामला : दिल्ली के पूर्व विधि मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर के शैक्षणिक प्रमाणपत्रों के भौतिक सत्यापन के बाद मामला प्रकाश में आया था कि प्रोविजनल सर्टिफिकेट तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के नहीं हैं. दिल्ली पुलिस ने विश्वनाथ सिंह लॉ कॉलेज की भी जांच की थी. पूरे प्रकरण में हाइकोर्ट ने तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय प्रशासन से तोमर के डिग्री की रिपोर्ट मांगी थी. विवि प्रशासन ने भेजे रिपोर्ट में कहा कि तोमर के सर्टिफिकेट का अस्तित्व ही नहीं है.
यही रिपोर्ट हाइकोर्ट को समर्पित कर दी गयी. जितेंद्र सिंह तोमर ने विश्वनाथ सिंह विधि संस्थान से वर्ष 1999 में लॉ की डिग्री प्राप्त की थी. टीएमबीयू के प्रशासनिक भवन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली हाइकोर्ट की ओर से तोमर का प्रोविजनल सर्टिफिकेट सत्यापन करने के लिए भेजा गया था. सर्टिफिकेट में लिखे नंबर का विश्वविद्यालय में उपलब्ध रिकाॅर्ड से मिलान किया गया, तो उस नंबर का सर्टिफिकेट किसी दूसरे के नाम से मिला.
जितेंद्र सिंह तोमर के सर्टिफिकेट का उल्लेख नहीं मिला. जितेंद्र सिंह तोमर ने वर्ष 1994 में विश्वनाथ सिंह विधि संस्थान मुंगेर में छात्र के रूप में दाखिला लिया था. वर्ष 1995 में प्रथम एवं 1996 में द्वितीय खंड की परीक्षा दी थी. किंतु वे 1997 के तृतीय खंड के परीक्षा में शामिल नहीं हो पाये थे. इस कारण 1998 में तृतीय खंड की परीक्षा दी थी और वर्ष 1999 में कॉलेज से पास आउट हुए थे.

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