भागलपुर : पाकिस्तान और सउदी अरब के लोगों के साथ मिलकर यहां के लोगों से पैसे ठगने वाले गिरोह में शामिल मिरजानहाट के रहने वाले जितेंद्र कुमार से पुलिस की पूछताछ और उसके पास मिले बैंक एटीएम, जमा पर्ची, पासबुक और मोबाइल से कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आये हैं.
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कारगिल व अटारी में भी निकले पैसे
भागलपुर : पाकिस्तान और सउदी अरब के लोगों के साथ मिलकर यहां के लोगों से पैसे ठगने वाले गिरोह में शामिल मिरजानहाट के रहने वाले जितेंद्र कुमार से पुलिस की पूछताछ और उसके पास मिले बैंक एटीएम, जमा पर्ची, पासबुक और मोबाइल से कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आये हैं. पुलिस द्वारा की गयी जांच […]
पुलिस द्वारा की गयी जांच में पता चला है कि जनवरी 2015 में जितेंद्र द्वारा भेजा गया ठगी का पैसा जम्मू-कश्मीर के कारगिल और भारत-पाक बॉर्डर बाघा से तीन किमी की दूरी पर स्थित अटारी से निकाले गये. इससे यह साफ हो गया कि इस गिरोह में पाकिस्तान और सउदी अरब के लोगों के साथ ही भारत-पाकिस्तान के बॉर्डर एरिया के लोग भी जुड़े हैं. यह गठजोड़ आतंकी संगठनों को फायदा पहुंचाने की तरफ इशारा कर रहे हैं. कारगिल और अटारी से लाखों रुपये की निकासी
की गयी.
60 हजार देकर पाकिस्तान के युनूस को गिरोह में शामिल किया : जितेंद्र कुमार ने पुलिस को दिये बयान में कहा कि 2014 में होली के बाद मंटा उर्फ मंटू कुमार मंडल से अलग हटकर उसने स्वयं का कारोबार प्रारंभ किया. अपने इस काले धंधे को आगे बढ़ाने के लिए उसने सबसे पहले पाकिस्तान के फैसलाबाद के रहने वाले युनूस नाम के व्यक्ति से संपर्क किया. जितेंद्र ने उसे अपने साथ काम करने के एवज में 60 हजार रुपये दिये. उसके बाद से युनूस भारतीय लोगों को फोन कर ठगता और उससे मिलने वाले पैसे जितेंद्र द्वारा उपलब्ध कराये गये एकाउंट में डाला जाता.
जितेंद्र उस एकाउंट से अपना कमीशन रख कर बांकी का पैसा पाकिस्तानी एजेंट के एकाउंट में डाल देता. युनूस के बाद जितेंद्र पाकिस्तान और सउदी अरब के जिन लोगों से संपर्क में आया उनमें मंशा, गफूर, राजगोविंद और मनीष आदि शामिल थे.
पहली बार एटीएम उपलब्ध कराया तो 500 मिले थे
जितेंद्र ने पुलिस से कहा है कि कि 2013 में उसकी मुलाकात जमुई के दिग्घी के रहने वाले मंटा उर्फ मंटु कुमार मंडल से हुई जो मिरजान में ही किराये के मकान में रहता था. उस समय मंटा इस गिरोह का मास्टर माइंड था. मंटा ने जितेंद्र से कहा कि बाहर से पैसा आयेगा उसके लिए एटीएम उपलब्ध कराने को कहा. जितेंद्र ने उसे एक एटीएम कार्ड दिया. बदले में मंटा ने जितेंद्र को उसी दिन शाम में पांच सौ रुपये दिये. जितेंद्र ने बताया कि ठगी में मिलने वाले कमीशन के पैसे से ही उसने अपना घर बनाया और होंडा साइन बाइक भी खरीदी.
पास देकर एटीएम रख लेता था : जितेंद्र ने स्वीकार किया है कि लोगों को लालच देकर बैंक में एकाउंट खुलवाता था. जिसके नाम से एकाउंट होता उसे पासबुक देकर एटीएम जितेंद्र अपने पास रख लेता था.
उसने कहा कि मंटा ने सूर्यगढ़ा थाना के लक्ष्मीपुर के रहने वाले गोपाल कुमार गाेयल से मिलवाया था. गोपाल ने उसकी मुलाकात मुंदीचक के नवीन कुमार साह से मिलवाया. नवीन कुमार साह के घर किराये पर रहने वाले पवन को भी इन लोगों ने अपने गिरोह में शामिल कर लिया. सभी पाकिस्तानी और सउदी अरब के एजेंट से व्हाट्सएप के माध्यम से संपर्क में रहते थे.
छह महीने से जितेंद्र की गतिविधियों पर पुलिस की नजर थी : मिरजान के रहने वाले जितेंद्र की गतिविधियों पर पुलिस की नजर पिछले छह महीनों से थी. मोजाहिदुपर इंस्पेक्टर जून 2015 से ही उसपर नजर रख रहे थे. उसके बारे में पता चला था कि वह पैसे के लेन देन की बात करता है. जितेंद्र किसे कॉल करता है और उसके नंबर पर कहां-कहां से कॉल आता है इसकी पूरी जानकारी रखी जा रही थी.
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