लेकिन परीक्षा में अनुपस्थित बताते हुए रिजल्ट रोक दिया गया था. पार्ट वन व पार्ट थ्री का रिजल्ट क्लियर है. पार्ट टू का रिजल्ट क्लियर नहीं होने के कारण उन्हें बीए का फाइनल रिजल्ट नहीं मिल पा रहा है. पार्ट टू के रिजल्ट के लिए वह 2010 से ही परीक्षा विभाग की दौड़ लगा रहे हैं. हर बार कहा जाता रहा कि हफ्ता 10 दिन में रिजल्ट मिल जायेगा. इस आश्वासन में पांच वर्ष गुजर गये, लेकिन रिजल्ट नहीं मिला.
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छात्र ने विवि में किया आत्मदाह का प्रयास
भागलपुर: हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय में शोध छात्र रोहित के आत्महत्या करने का सदमा अभी देश से समाप्त भी नहीं हुआ और गुरुवार को तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय परिसर में एक छात्र सुधीर कुमार ने आत्मदाह करने का प्रयास किया. गनीमत थी कि छात्र द्वारा अपने शरीर पर केरोसिन छिड़कने के तुरंत बाद विश्वविद्यालय के कर्मियों की […]
भागलपुर: हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय में शोध छात्र रोहित के आत्महत्या करने का सदमा अभी देश से समाप्त भी नहीं हुआ और गुरुवार को तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय परिसर में एक छात्र सुधीर कुमार ने आत्मदाह करने का प्रयास किया. गनीमत थी कि छात्र द्वारा अपने शरीर पर केरोसिन छिड़कने के तुरंत बाद विश्वविद्यालय के कर्मियों की नजर पड़ गयी और उसे पकड़ लिया. बाद में छात्र ने वहां मौजूद लोगों को बताया कि वर्ष 2010 से वह पेंडिंग रिजल्ट में सुधार के लिए दौड़ लगा रहे हैं, पर रिजल्ट नहीं मिला.
सुधीर कुमार केएसएस कॉलेज, लखीसराय का इतिहास ऑनर्स का छात्र है और लखीसराय के अलसी थाना क्षेत्र का रहनेवाला है. 13 जनवरी को उसने कुलपति को आवेदन देकर चेतावनी दी थी कि 20 जनवरी तक रिजल्ट में सुधार नहीं हुआ, तो 21 जनवरी को विवि के गेट पर आत्मदाह कर लेंगे. इसे लेकर वह विवि गेट पर केरोसिन छिड़का और माचिस जलाने का प्रयास किया. लेकिन लोगों ने उसे पकड़ लिया. छात्र ने बताया कि वर्ष 2009 में उसने पार्ट टू की परीक्षा दी थी.
आत्महत्या के लिए शरीर पर केरोसिन छिड़कने के बाद विविकर्मियों की नजर पड़ गयी और उसे पकड़ लिया गया. इस दौरान प्रतिकुलपति प्रो एके राय स्नातकोत्तर भूगोल विभाग में आयोजित विशेष व्याख्यान समारोह में शिरकत करने गये हुए थे. जब प्रतिकुलपति लौटे, तो छात्र को उनके कार्यालय में उपस्थित कराया गया. प्रो राय ने उन्हें काफी समझाया. इसके बाद छात्र को खुद के किये पर ग्लानि हुई और लिखित रूप में माफीनामा दिया.
बिक चुकी है कॉपी टीआर में है अनुपस्थित
प्रतिकुलपति प्रो एके राय ने बताया कि वर्ष 2010 तक की उत्तरपुस्तिकाएं बेची जा चुकी हैं. कॉपी बेचने से पहले अखबारों में विज्ञप्ति जारी की गयी थी, जिसमें कहा गया था कि वर्ष 2010 तक की उत्तरपुस्तिकाओं से संबंधित किसी की शिकायत है, तो निर्धारित अवधि के भीतर निराकरण करा लें. छात्र ने निराकरण नहीं कराया होगा. इसमें विश्वविद्यालय की क्या गलती है. छात्र के टीआर (टेबलेशन रजिस्टर) की जांच की गयी, तो उसके अनुपस्थित होने का उसमें उल्लेख है.
एक ही उपाय से रिजल्ट देना संभव : प्रतिकुलपति ने बताया कि अब रिजल्ट तभी दिया जा सकता है, जब परीक्षा बोर्ड की अनुमति मिलेगी. इसमें लिए छात्र का आवेदन परीक्षा बोर्ड की बैठक में रखा जायेगा. बोर्ड का जो निर्देश होगा, उसके अनुरूप कार्रवाई की जायेगी.
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