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आपकी सहभागिता से ऊंचाइयों को छूने की है चाहत : वीसी
भागलपुर: बिहार कृषि विश्वविद्यालय की आज राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बन गयी है. आप सभी के सहयोग से इसे और अधिक ऊंचाइयों पर ले जाने की मेरी चाहत है. विश्वविद्यालय में शैक्षणिक माहौल कायम करना और छात्र-छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कराना मेरी पहली प्राथमिकता होगी. किसानों के आर्थिक लाभ को बढ़ाने वाले […]
भागलपुर: बिहार कृषि विश्वविद्यालय की आज राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बन गयी है. आप सभी के सहयोग से इसे और अधिक ऊंचाइयों पर ले जाने की मेरी चाहत है. विश्वविद्यालय में शैक्षणिक माहौल कायम करना और छात्र-छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कराना मेरी पहली प्राथमिकता होगी. किसानों के आर्थिक लाभ को बढ़ाने वाले शोध व योजनाओं के लिए हर संभव कदम उठायेंगे. उक्त बातें नये वीसी डॉ अजय कुमार सिंह ने गुरुवार को पदभार ग्रहण करने के उपरांत प्रेस वार्ता व स्वागत समारोह कार्यक्रम के दौरान कही. उन्होंने कहा कि स्टूडेंट के बीच रहना अच्छा लगता है.
इसके लिए वह क्लास भी लेंगे. कृषि की नयी तकनीक हाइड्रोफोनिक्स, एयरोफोनिक्स के साथ-साथ जैविक खेती व समेकित कृषि प्रणाली को बढ़ावा देंगे. विश्वविद्यालय के प्रेक्षागृह में आयोजित स्वागत समारोह में सभी अधिष्ठाता, निदेशक, वैज्ञानिक, छात्र-छात्राओं और चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों ने नये वीसी व मैडम वीसी को पुष्पगुच्छ और अंगवस्त्र प्रदान कर स्वागत किया.
कार्यक्रम में प्रभारी वीसी डॉ अरुण कुमार, बीबी मिश्रा, आलोक कुमार, योगेन्द्र यादव, संजय मिश्रा, प्राचार्य पूर्णिया कॉलेज डॉ राजेश कुमार, रामदत्त आदि ने अपने उद्गार व्यक्त किये. मौके पर प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ आरके सोहने, डॉ फिजा अहमद, मीडिया प्रभारी डॉ एम हक सहित बड़ी संख्या में पदाधिकारी, वैज्ञानिक, छात्र -छात्राएं व कर्मचारी उपस्थित थे.
नये वीसी का परिचय
बीएयू के नये कुलपति डॉ अजय कुमार सिंह का जन्म 14 जनवरी 1956 में बिहार के लखीसराय गरहिविशनपुर में हुआ है. प्रथम श्रेणी से मैट्रिक परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से 1976 में प्रथम श्रेणी में स्नातक कृषि की डिग्री हासिल की है. अपनी सेवा की शुरुआत वर्ष 1981 में कनीय वैज्ञानिक सह सहायक प्राध्यापक अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना दियारा भूमि सुधार के अंतगर्त बिहार कृषि महाविद्यालय सबौर से की. उन्होंने अपनी सेवा वर्ष 1990 में राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय पूसा और वर्ष 1998 मोदीपुर आइसीएआर में दी. वर्ष 1996 में फिलीपिंस में पांच महीने रह कर प्रशिक्षण प्राप्त किया और वर्ष 2005 में आइसीएआर कोलकाता में कृषि विज्ञान केंद्रों का सफल संचालन किया. वह इंडियन सोसाइटी ऑफ एग्रोनॉमी, प्रसार व शिक्षा के मानक सदस्य भी है. इनके नाम 101 शोध पत्र, 73 तकनीक बुलेटिन व आर्टिकल, 171 कांफ्रेंस प्रोसिडिंग व दो इन्ट्रक्शन मेनुअल है. इन्होंने 43 किताबों का संपादन, लेखन का कार्य किया है, जिनमें एक पेंटेट भी है.
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