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दिसंबर तक मातृ व शिशु मृत्यु दर आधा करने का टारगेट : डीएम

दिसंबर तक मातृ व शिशु मृत्यु दर आधा करने का टारगेट : डीएमफोटो- आशुतोष- जिले में प्रति महिला औसतन चार बच्चे को देती हैं जन्म- दो बच्चे का उदाहरण खुद बनें आशा, एएनएम, सेविका- सामुदायिक स्तर पर स्वास्थ्य सेवा के ये ही हैं तीन स्तंभ- एक महीना के अंदर सभी आशा के घर में हो […]

दिसंबर तक मातृ व शिशु मृत्यु दर आधा करने का टारगेट : डीएमफोटो- आशुतोष- जिले में प्रति महिला औसतन चार बच्चे को देती हैं जन्म- दो बच्चे का उदाहरण खुद बनें आशा, एएनएम, सेविका- सामुदायिक स्तर पर स्वास्थ्य सेवा के ये ही हैं तीन स्तंभ- एक महीना के अंदर सभी आशा के घर में हो शौचालय संवाददाताभागलपुर : जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से रविवार को सैंडिंस कंपाउंड में सुरक्षित मात‍ृत्व व स्वस्थ बच्चा विषय पर एकदिवसीय कार्याशाला आयोजित की गयी. कार्यक्रम का उद्घाटन डीएम आदेश तितरमारे ने किया. मौके पर जिले भर से करीब छह हजार आशा, एएनएम, आंगनबाड़ी सेविका, महिला कार्यकर्ता, सीडीपीओ आदि को डीएम ने गर्भवती माता व शिशु का पूर्ण ध्यान और प्रत्येक गर्भवती महिलाओं का निबंधन करने की शपथ दिलायी. डीएम ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग जिले के 33 लाख लोगों को स्वास्थ्य सेवा दे रहा है. उन्होंने कहा मेरा सपना है कि दिसंबर 2016 तक मातृ व शिशु मृत्यु दर को आधा हो जाये. इसके लिए सामुदायिक स्तर पर तीनों स्तंभ आशा, एएनएम, आंगनबाड़ी सेविका एक-दूसरे से पूरक बन कर काम करें. जिले में प्रति लाख 218 गर्भवती और प्रति हजार 42 शिशुआें की मौत हो जाती है. इसके पहले कार्यक्रम का शुभारंभ स्वागत गान के साथ शुरू हुआ और सभी अतिथियों को पुष्प गुच्छ व अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया. मौके पर सीएस डॉ विजय कुमार, डीडीसी अमित कुमार, एसडीओ कुमार अनुज, प्रशिक्षु आइएएस श्याम बिहारी मीणा, आरडीडी डॉ ओमप्रकाश, एसीएमओ, डीपीएम, डीआइओ, यूनिसेफ प्रतिनिधि के अलावा राज्य स्वास्थ्य समिति के डॉ रामरतन, डॉ जैना, डॉ कुमार गौरव, डॉ अजीत, सीडीपीओ समेत जिले के हजारों की संख्या में आशा, एएनएम, आंगनबाड़ी सेविका व महिला कार्यकर्ता मौजूद थीं. मंच संचालन आकाशवाणी के उद्घोषक विजय कुमार मिश्र ने किया. एनमिक हैं 50 प्रतिशत जिले की महिलाएं प्रशिक्षु आइएएस श्याम बिहारी मीणा ने स्वास्थ्य मिशन की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि जिले की 50 प्रतिशत महिलाएं एनमिक हैं. उन्होंने कहा कि आज भी एक हजार में 208 गर्भवती की मौत का मुख्य कारण एनिमिया ही हैं. इसके अलावा डीडीसी अमित कुमार ने कहा कि आशा का समाज में सम्मान है. वह वर्कर नही है, बल्कि व एक एक्टिविसट की भूमिका में काम करतीं हैं. स्वास्थ्य व हेल्थ की दूरी को पाटना होगासदर एसडीओ कुमार अनुज ने कहा कि जिस प्रकार इंडिया और भारत में दूरी बन गयी है, उसी प्रकार स्वास्थ्य और हेल्थ क्षेत्र में दूरी पैदा हो गयी है. आशा, एएनएम, आंगनबाड़ी सेविका तीनों अपने-अपने पोषक क्षेत्र के परिवार को लक्षित कर काम करें तो इस दूरी को पाट सकते हैं.आशा, एएनएम व सेविका को किया गया सम्मानितकार्यशाला में जिले में बेहतर काम करने वाली प्रत्येक प्रखंड से तीन यानी 48 आशा कार्यकर्ताओं के अलावा एक एनएनएम, आठ आंगनबाड़ी सेविका, सीडीपीओ आदि को स्वास्थ्य विभाग की ओर से सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया गया. सिविल सर्जन डॉ विजय कुमार ने बताया कि सन्हौला की एएनएम भुनेश्वरी देवी को सम्मानित की गयी.बॉक्स में………………मातृत्व मौत से जुड़ी है ताजमहल व दशरथ मांझी की कहानी पटना से आये एनएचआरसी ट्रेनर डॉ अजीत कुमार ने मातृ व शिशु मृत्यु दर का डाटा पेश करते हुए कहा कि 15 से 45 साल की महिलाएं और नवजात से पांच साल तक के बच्चे की मौत को मातृ व शिशु मृत्यु दर में शामिल किया जाता है. इसकी सूचना 24 घंटे के अंदर देनी होती है. इसके लिए सरकार ने टॉल फ्री नंबर 18003456267 है. उन्होंने बताया कि दुनिया में ताजमहल जिसके याद में बनाया गया है, वह मुमताज गर्भवती के दौरान ही मरी थी. इसी प्रकार दशरथ मांझी ने छेनी-हथौड़ी से पहाड़ को काट दिया, उसके पीछे ही पत्नी की मौत भी प्रसव के दौरान ही हो गयी थी. \\\\B

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