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जगदीशपुर में धान से लदी ट्रैक्टर ट्रॉली पलटी, तीन की मौत, तीन घायल

जगदीशपुर में धान से लदी ट्रैक्टर ट्रॉली पलटी, तीन की मौत, तीन घायल कजरैली-जगदीशपुर रोड में कुशवाहा होटल के पास हुआ हादसा ट्रैक्टर को किसी भारी वाहन ने मारी टक्कर और ट्रॉली पलट गयी ट्रॉली में लदा था सवा सौ बोरी धान, नौ लोग भी थे सवार बोरी और ट्राॅली के नीचे दबने से तीन […]

जगदीशपुर में धान से लदी ट्रैक्टर ट्रॉली पलटी, तीन की मौत, तीन घायल कजरैली-जगदीशपुर रोड में कुशवाहा होटल के पास हुआ हादसा ट्रैक्टर को किसी भारी वाहन ने मारी टक्कर और ट्रॉली पलट गयी ट्रॉली में लदा था सवा सौ बोरी धान, नौ लोग भी थे सवार बोरी और ट्राॅली के नीचे दबने से तीन लोगों की मौके पर ही मौत तीन घायलों का मायागंज में चल रहा इलाज सभी मजदूर बांका से धान तैयार कर आ रहे थे फोटो सुरेंद्र, छोटू वरीय संवाददाता, भागलपुर जगदीशपुर थाना क्षेत्र स्थित कजरैली-जगदीशपुर रोड पर कुशवाहा होटल के पास बुधवार की देर रात ट्रक की ठोकर से धान की बोरी लदी ट्रैक्टर ट्रॉली पलट गयी. इस घटना में तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गयी, जबकि तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हो गये. घायलों का इलाज जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कराया जा रहा है. सभी मृतक और घायल एक ही गांव चौधरी बासा इस्माइलपुर के निवासी हैं. मृतकों में संतलाल मंडल(40), कैलाश मंडल (35) और राजीव मंडल (25)शामिल हैं, जबकि घायलों में अजय मंडल (30), अर्जुन मंडल (28) और साहेब मंडल(30) शामिल हैं. संतलाल और कैलाश मंडल चचेरे भाई थे. बाकी के तीन लोग ट्रैक्टर पर बैठे थे, जो घायल होने से बच गये. ट्रैक्टर चालक भी उसी गांव का रहनेवाला परशुराम मंडल है, जो मौके से भाग निकला. दुर्घटना की खबर मिलते ही कजरैली और जगदीशपुर थाना पुलिस मौके पर पहुंची. उसके बाद बोरी काे हटाकर ट्रैक्टर और ट्रॉली को सीधा किया गया. तीनाें शवों का गुरुवार को पोस्टमार्टम कराया गया. ट्रॉली और बोरी के नीचे दब गये थे लोग ट्रैक्टर पर सवार मनोज मंडल ने बताया कि ट्रैक्टर ट्रॉली पर सवा सौ बोरी धान लाद कर सभी लोग बांका से आ रहे थे. ट्रॉली पर कुल छह लोग सवार थे. इसी दौरान जगदीशपुर थाना क्षेत्र स्थित कुशवाहा होटल के पास पीछे से आ रहे एक भारी वाहन ने ट्रैक्टर ट्रॉली में ठोकर मार दी. ठोकर लगते ही धान की बोरी से लदी ट्रॉली ट्रैक्टर सहित पलट गयी. इस कारण ट्रॉली पर बोरी के ऊपर बैठे छह मजदूरों में तीन की वहीं बोरी और ट्रॉली से दब कर मौत हो गयी, जबकि तीन लोग जख्मी हो गये. जान भी गयी, मेहनत का फल भी गया राजीव मंडल पांच भाइयों में सबसे बड़ा था. सभी को उसके आने का और उसकी मेहनत का फल घर तक आने का इंतजार था. 20 दिनों की मेहनत के बाद वह घर वापस आ रहा था. बांका में धान काटने के बाद अपनी मजदूरी लेकर वह घर आ रहा था, पर समय को कुछ और ही मंजूर था. अपने माता-पिता और छोटे भाइयों को इंतजार करता छोड़ वह दुनिया छोड़ गया. मौत की खबर पर घर वालों को विश्वास नहीं हो रहा था. लाश देखी तो पिता कुछ बोल पाने की स्थिति में नहीं थे. सिर्फ राजीव ही नहीं उसके साथ भगवान को प्यारे हुए संतलाल और कैलाश के घर का माहौल भी मातम वाला है. पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे उनके परिजनों की जुबान बंद थी और आंखें सिर्फ आंसू बहा रही थी. दुर्घटना में मरने वाले और घायलों के परिजनों का कहना है कि वे डीएम से मुआवजे की मांग करेंगे.

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