संवेदनशील क्षेत्र वर्ग पांच की श्रेणी में उत्तर बिहार
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कांपी धरती, तो बचायेंगे दक्ष
संवेदनशील क्षेत्र वर्ग पांच की श्रेणी में उत्तर बिहार भूकंप के साथ बाढ़ को लेकर 100 लोगों को दिया जायेगा प्रशिक्षण गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के बाद 8.2 तीव्रता वाले भूकंप का जतायी आशंका भागलपुर : आपदा प्रबंधन विभाग ने भूकंप की त्रासदी से निबटने के लिए दक्ष लोगों की टीम बनाने की कवायद शुरू […]
भूकंप के साथ बाढ़ को लेकर 100 लोगों को दिया जायेगा प्रशिक्षण
गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के बाद 8.2 तीव्रता वाले भूकंप का जतायी आशंका
भागलपुर : आपदा प्रबंधन विभाग ने भूकंप की त्रासदी से निबटने के लिए दक्ष लोगों की टीम बनाने की कवायद शुरू की है. इसको लेकर प्रखंड स्तर पर लोगों को प्रशिक्षण देकर दक्ष किया जायेगा. इन्हें भूकंप आने व उसके बाद तक के कदम के बारे में जानकारी दी जायेगी. प्रशिक्षण के बाद दक्ष लोग अन्य लोगों को इस बारे में ट्रेनिंग देंगे.
भूकंप की त्रासदी से निबटने के साथ बाढ़ के दौरान राहत कार्य के बारे में भी प्रशिक्षण में बताया जायेगा. गृह मंत्रालय की भूकंप को लेकर जारी अलर्ट के बाद आपदा प्रबंधन ने सामान्य दिशा-निर्देश भी जारी किया है. इसमें भूकंप रोधी इमारत बनाने जैसे मामलों पर लोगों को जागरूक करेगा. इसके साथ नये बनने वाले सरकारी इमारत को भूकंप रोधी तकनीक से बनाने पर जोर दिया जायेगा.
यह है गृह मंत्रालय का अलर्ट
गृह मंत्रालय ने उत्तर बिहार को भूकंप के मामले में संवेदनशील क्षेत्र वर्ग पांच की श्रेणी में रखा है. भूकंप को देखते हुए एक कॉमन बिल्डिंग कोड अपनाने को कहा है. विशेषज्ञ के मुताबिक, उत्तर में हिमालय क्षेत्र के भूगर्भीय प्लेटों के पूर्व में इंडो-बर्मीज प्लेटों से टकराने के कारण एक संकट और जोखिम खड़ा हो गया है, जो फिलहाल सबसे ज्यादा है.
उन्होंने आशंका जाहिर की 8.2 या फिर इससे भी अधिक तीव्रता वाला भूकंप पहले से ही तबाही झेल चुके हिमालय क्षेत्र को हिलाकर रख सकता है. अब तक मणिपुर में 6.7(जनवरी 2016), नेपाल में 7.3(मई 2015) और सिक्किम में 6.9(वर्ष 2011) तीव्रता वाला भूकंप आ चुका है.
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