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सुलग रही भिट्ठी की भट्ठी, बुझ रहे घर के चिराग

भागलपुर: सबौर भिट्ठी गांव के दर्जनों घरों से उठते धुएं को दूर से देख आपको शायद किसी औद्योगिक नगरी के हाेने का भ्रम हो जाये, लेकिन जब इसकी असलियत से आप रूबरू होंगे तो सारा भ्रम पल भर में ही छू मंतर हो जायेगा. कारण इस गांव से दिन-रात उठने वाले धुएं के गुबार किसी […]

भागलपुर: सबौर भिट्ठी गांव के दर्जनों घरों से उठते धुएं को दूर से देख आपको शायद किसी औद्योगिक नगरी के हाेने का भ्रम हो जाये, लेकिन जब इसकी असलियत से आप रूबरू होंगे तो सारा भ्रम पल भर में ही छू मंतर हो जायेगा. कारण इस गांव से दिन-रात उठने वाले धुएं के गुबार किसी कारखाने से नहीं, बल्कि मौत का सामान बनानेवाली शराब की भट्ठी से निकलती है. मौत का सामान इसलिए कहा जा सकता है कि यहां की भट्ठी में बननेवाली कच्ची देसी शराब अब तक कई घरों का चिराग बुझा चुकी है. सैकड़ों युवा व किशोर इस शराब को पीकर बरबाद हो रहे हैं.

हाल ही में 10 दिन पहले भी भिट्ठी गांव में गाड़ी चला कर जिंदगी बसर करनेवाले मो औरंगजेब (30 वर्ष ) की शराब की लत के कारण मौत हो गयी. इसके एक माह पहले इसी गांव के मजदूरी कर घर गृहस्थी चलानेवाले मो अनवार (40वर्ष) की भी शराब पी कर स्वास्थ्य खराब होने से मौत हो गयी. इसके पहले भी भिट्ठी गांव व उसके आसपास के मिर्जापुर और चंदेरी गांव के सुनील यादव, मंगल पासवान, प्रहलाद यादव, शंकर दास, सुशील दास की मौत शराब के कारण हो चुकी है.

स्थानीय लोग बताते हैं आज भी दर्जनों लोग शराब की लत के कारण गंभीर बीमारी की चपेट में आ चुके हैं. इनमें मो इसराइल, रघुदास, विकास दास, नवल दास, दिनेश दास आदि की शराब तेजी से सेहत खराब कर रही है. भिट्ठी गांव के लोगों का कहना है कि सरकार भले ही शराब बंदी की घोषणा कर ले, लेकिन सबौर भिट‍्टी के भट‍्टी से टपकती शराब पर रोक लगना संभव नहीं है.

शादी नहीं करना चाहता है अच्छा परिवार
नगर निगम में एनजीओ के माध्यम से एमडीएम चलानेवाले ग्रामीण कैलाश यादव, नेहरू युवा केंद्र के अमल किशोर पासवान, गौरी शंकर पासवान, नंदलाल यादव ने बताया कि यहां शराब का निर्माण कभी भी बंद नहीं होगा. कारण शराब के इस धंधे से लाखों करोड़ों का व्यवसाय होता है. इसमें नीचे से लेकर ऊपर तक माइनेज किया जाता है.
बोले जनप्रतिनिधि
अवैध शराब निर्माण बंद कराने के लिए हमलोगों ने काफी प्रयास किया. लेकिन इसके बेहिसाब आमदनी के लालच के कारण लोग इस धंधे को छोड़ना नहीं चाहते हैं. कई बार प्रशासन की ओर से भी प्रयास किया गया, लेकिन कुछ दिन के बाद फिर से चालू हो गया.
प्रकाश यादव, मुखिया, खानकित्ता, भिट्ठी

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