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रंगकर्म को सिनेमा से कोई खतरा नहीं

रंगकर्म को सिनेमा से कोई खतरा नहीं -भारतेंदु नाट्य अकादमी के रंगकर्मी कुमार चैतन्य प्रकाश भागलपुर के पिछड़े क्षेत्र के बच्चों काे सीखा रहे रंगकर्म के गुरफोटो नंबर : संवाददाता,भागलपुरआधुनिक युग में लोगों का रुझान सिल्वर स्क्रिन पर आने के लिए बढ़ रहा है, वहीं दूसरी ओर भारतेंदु नाट्य अकादमी समेत अंतरराष्ट्रीय स्तर के संस्थानों […]

रंगकर्म को सिनेमा से कोई खतरा नहीं -भारतेंदु नाट्य अकादमी के रंगकर्मी कुमार चैतन्य प्रकाश भागलपुर के पिछड़े क्षेत्र के बच्चों काे सीखा रहे रंगकर्म के गुरफोटो नंबर : संवाददाता,भागलपुरआधुनिक युग में लोगों का रुझान सिल्वर स्क्रिन पर आने के लिए बढ़ रहा है, वहीं दूसरी ओर भारतेंदु नाट्य अकादमी समेत अंतरराष्ट्रीय स्तर के संस्थानों में रंगकर्म, संगीत व कला की अन्य विधा की शिक्षा ले चुके कुमार चैतन्य प्रकाश भागलपुर और आसपास के पिछड़े क्षेत्रों में बच्चों को रंगकर्म के गुर सीखा रहे हैं. कुमार चैतन्य प्रकाश ने प्रभात खबर से बातचीत में बताया कि रंगकर्म को सिनेमा से कोई खतरा नहीं है, बल्कि सिनेमा तो रंगमंच का ही विस्तृत रूप है. आज स्वस्थ सिनेमा को रंगमंच ने ही बचाया है. सिनेमा के जितने भी बड़े नाम है, उनकी जड़ें तो रंगकर्म में ही है. आज अगर युवा और जो भी स्तरीय फिल्मों का निर्माण कर रहे हैं. रंगकर्म को सीढ़ी के रूप में इस्तेमाल करता है. इससे अच्छी बात और क्या हो सकती है. कार्यशाला के जरिये दे रहे रंगकर्म का प्रशिक्षणउन्होंने बताया कि कार्यशाला में प्रतिभागियों को भाव-भंगिमा, आवाज एवं संभाषण के साथ-साथ रंगमंचीय खेल, आलेख पढ़ने के तरीकों, भरत मुनि के नाट्यशास्त्र से लेकर स्तानिस्लावस्की के अभिनय सिद्धांत की मूलभूत जानकारी से अवगत कराया जा रहा है. इससे एक संपूर्ण रंगकर्मी के रूप में उभर सकते हैं. प्रतिवर्ष होगी रंगमंचीय कार्यशाला रंगकर्म को आगे बढ़ाने के लिए परंपरागत रंगकर्म के साथ-साथ देश-विदेश में हो रहे रंगकर्म के साथ चलना होगा. भविष्य में अधिक से अधिक नाट्य मंचन और प्रतिवर्ष एक रंगमंच कार्यशाला आयोजित करने की योजना है.भागलपुर में रंगकर्म का इतिहास सुदृढ़भागलपुर में रंगकर्म का इतिहास सुदृढ़ रहा है. शरतचंद्र से लेकर राधाकृष्ण सहाय जैसे व्यक्तियों ने यहां की धरती में रंगकर्म को बाेया है. यही से उपजे प्रो चंद्रेश, उदय, मदन, शशि शंकर, दिवाकर घोष जैसे मार्गदर्शकों के मार्गदर्शन में युवा पीढ़ी तैयार है. गिरीश कर्नाड के नाटक का होगा मंचनकार्यशाला में प्रस्तुति के बाद यहां के तैयार हुए नाटकों का अधिक से अधिक मंचन होगा. शीघ्र ही गिरीश कर्नाड द्वारा रचित नाटक भागलपुर के दर्शकों के सामने आयेगा. साथ ही युवा रंगकर्मियों को सही दिशा देने की कोशिश है.

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