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सर्द हवा के थपेड़े खाकर स्कूल जा रहे मासूम

सर्द हवा के थपेड़े खाकर स्कूल जा रहे मासूम संवाददाता, भागलपुरऊपर से नीचे गरम लबादा ओढ़े बच्चों की सांसत इस सर्दी में बढ़ रही है. टेंपो, दो पहिया, रिक्शे से स्कूल आने-जाने वाले बच्चे सर्द हवाओं के थपेड़े खाकर मजबूरी में स्कूल जाने को विवश हैं. मंगलवार को चली सर्द हवाओं ने सुबह जाने वाले […]

सर्द हवा के थपेड़े खाकर स्कूल जा रहे मासूम संवाददाता, भागलपुरऊपर से नीचे गरम लबादा ओढ़े बच्चों की सांसत इस सर्दी में बढ़ रही है. टेंपो, दो पहिया, रिक्शे से स्कूल आने-जाने वाले बच्चे सर्द हवाओं के थपेड़े खाकर मजबूरी में स्कूल जाने को विवश हैं. मंगलवार को चली सर्द हवाओं ने सुबह जाने वाले स्कूली बच्चों को मुसीबत में डाल दिया है. सुबह के तापमान और हवा की बेरुखी का यही आलम रहा और स्कूल की टाइमिंग में बदलाव नहीं किया गया, तो बच्चों की सेहत पर सुबह-सुबह की हाड़ कपानेवाली ठंड नकारात्मक प्रभाव डालेगी. मंगलवार की सुबह पूर्व-उत्तरी सर्द हवा रोजाना की अपेक्षा करीब तीन गुना तेज चली. पहाड़ों से उतरी सर्दी ने जब हवा के संग गलबहिया की, तो सुबह का पारा 12.8 से गिर कर 8.2 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया. इसका असर यह हुआ कि घर से निकले बच्चों को सर्द हवा ने परेशान करना शुरू कर दिया. सबसे ज्यादा परेशान वे छात्र हुए जो टेंपो, दो पहिया वाहन व रिक्शे से स्कूल गये. एक तो हवा दूसरा वाहनों की गति के कारण हवा इन बच्चों के आंख-नाक से शरीर को सर्द करती रहीं. चूंकि बच्चों का स्कूल सुबह आठ बजे से शुरू हो जाता है, ऐसे में उन्हें टाइम पर स्कूल पहुंचने के लिए सुबह छह बजे जागना होता है. उन्हें तैयार करने वाली मांओं के लिए सर्द सुबह तो और भारी पड़ रहा है. इस हाड़कंपाऊ सुबह में उन्हें सुबह चार-साढ़े चार बजे जग जाना पड़ता है और अपने बच्चों के लिए नाश्ता आदि तैयार करने के बाद उन्हें तैयार करना पड़ रहा है. क्या करें छात्र-अगर सुबह स्कूल जाना पड़ रहा है तो मफलर इस तरह बांधे कि कान के साथ-साथ नाक-आंख तक सीधी हवा न पहुंचे. हो सके तो मंकी कैप का इस्तेमाल करें.-खेलने के बाद तुरंत ठंडे पानी से हाथ-पैर व मुंह न धोएं, गुनगुने पानी का इस्तेमाल करें.-अस्थमा-एलर्जी से पीड़ित बच्चे खुद को हवा, प्रदूषण व धुएं के सीधे संपर्क में आने से बचें. – खाने में देशी घी, अंडा, दाल व अन्य प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों का इस्तेमाल करें.स्कूल के टाइमिंग में बदलाव वक्त का तकाजा जिस तापमान पर मंगलवार की सुबह पहुंची, उस तापमान पर पहुंचने पर आमतौर पर स्कूलों के टाइमिंग में बदलाव आ जाता है. शहर के स्कूलों में स्कूल जाने-आने की टाइमिंग में बदलाव न होना आश्चर्यजनक है, जबकि सुबह का पारा 8.6 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया हैं. क्या कहते हैं स्कूलों के जिम्मेदारअभी एक-दो दिन मौसम को और देखता हूं. सुबह अगर इसी तरह से सर्द रही, तो सुबह के टाइमिंग में बदलाव करूंगा. फादर अमल राज, प्रधानाचार्य सेंट जोसेफ स्कूलविंटर वेकेशन शुरू होने में नौ दिन बाकी है और एसकेपी विद्या विहार सुबह आठ बजे से शुरू होता है. ऐसे में अभी स्कूल के टाइमिंग में बदलाव का कोई इरादा नहीं है. अगर प्रशासन ने आदेश दिया, तो टाइमिंग में बदलाव होगा.मणिकांत विक्रम, संचालक एसकेपी विद्या विहार

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