भागलपुर: सरकारी स्कूल में नौनिहाल को मिलनेवाले मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता व आपूर्ति की लचर व्यवस्था पर गंभीर आरोप लगाये गये हैं. इस बारे में मध्याह्न भोजन के जिला परियोजना पदाधिकारी(डीपीएम) ने डीएम व राज्य खाद्य निगम के पदाधिकारी को पत्र लिखा है.
डीपीएम ने प्रखंड के सभी सहायक गोदाम प्रबंधक पर उचित कार्रवाई करने की बात कही है. उन्होंने कहा कि प्रखंड गोदाम सहायक मध्याह्न भोजन का राशन सही समय पर स्कूलों में नहीं भेजते हैं. इसके अलावा राशन की खेप की गुणवत्ता पर भी ध्यान नहीं दिया जाता है. कई बार स्कूल में सड़ा हुआ राशन दे दिया जाता है. इस कारण स्कूल में राशन को फेंकना भी पड़ जाता है. डीपीएम के पत्र के मुताबिक राज्य खाद्य गोदाम से स्कूलों में मध्याह्न भोजन का राशन आता है.
प्रखंड सहायक गोदाम प्रबंधक को मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता को लेकर कई बार अवगत कराया जा चुका है. प्रखंड के गोदाम से राशन की खेप आने में कई बार दो से तीन सप्ताह तक की देरी हो जाती है. इस देरी का असर सीधे तौर पर मध्याह्न भोजन पर पड़ता है.
राशन डीलर भी उठा चुके हैं सवाल : मध्याह्न भोजन में सड़े हुए राशन देने का सवाल डीलर भी उठा चुके हैं. डीलर खुद आकर अपना राशन गाड़ी में लोड करवाते हैं, जिससे उन्हें राशन वितरण में लाभुकों का कोपभाजन नहीं होना पड़े.