भागलपुर: चर्चित ओमबाबा हत्याकांड में फंसे मेयर दीपक भुवानिया समेत पांचों संदिग्ध आरोपियों के खिलाफ पुलिस को जांच में कोई ठोस सबूत नहीं मिले हैं. सिर्फ शक और संदेह के आधार पर मेयर व अन्य पांचों संदिग्धों को इस कांड में अभियुक्त नहीं बनाया जा सकता.
यह टिप्पणी एसएसपी राजेश कुमार ने ओमबाबा हत्याकांड के सिलसिले में जारी अपनी रिपोर्ट-थ्री में की है. एसएसपी ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि मेयर श्री भुवानिया, पूर्व पार्षद शंकर पोद्दार, कन्हैया शर्मा, संजय कौशिक उर्फ संजू उर्फ संजीव शर्मा व वार्ड पार्षद संतोष कुमार की इस कांड में संलिप्तता का कोई ठोस सबूत नहीं पाया गया है.
यह एक हत्याकांड है. ऐसे कांड में मात्र संदेह के आधार पर किसी को भी अभियुक्त नहीं बनाया जा सकता. विदित हो कि इस हत्याकांड में मेयर समेत उक्त पांचों को पुलिस ने संदिग्ध आरोपित बनाया था, लेकिन अब एसएसपी की रिपोर्ट-थ्री जारी होने के बाद मामले में फंसे मेयर, वार्ड पार्षद समेत अन्य पांचों को राहत मिलने की संभावना है.
इनके खिलाफ सही पाया गया मामला
रिपोर्ट में कांड के अप्राथमिक आरोपित कन्हैया सरावगी, पवन डालुका व देवी बाबू धर्मशाला के दरबान सिंह जी उर्फ संजीव कुंवर के खिलाफ कांड सत्य पाया गया है. इन्हें भादवि की धारा 302 (हत्या), 201 (साक्ष्य छुपाना), 120 बी (आपराधिक षड्यंत्र), 34 (एकमत होकर) के तहत आरोपित बनाया गया है. पवन डालुका व कन्हैया सरावगी के फरार रहने की स्थिति में इनके खिलाफ कुर्की-जब्ती की कार्रवाई की गयी है, जबकि संजीव कुंवर के खिलाफ इश्तेहार जारी करने के लिए कोर्ट से अनुरोध किया गया है. इश्तेहार जारी होने के बाद भी अगर संजीव पकड़ा नहीं जाता, तो उसके खिलाफ कुर्की-जब्ती की कार्रवाई का निर्देश एसएसपी ने दिया है.