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दुष्कर्मी व हत्यारे फिरोज को फांसी

भागलपुर: मध्य प्रदेश के सिवनी जिला के धनसोर थाना क्षेत्र में चार वर्षीया मासूम बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म व हत्या मामले में मुख्य आरोपित फिरोज (35) को स्थानीय एक कोर्ट ने शनिवार को फांसी की सजा सुनायी. दुष्कर्मी व हत्यारा फिरोज बांका जिले के अमरपुर प्रखंड के ढीबरा गांव के मो मोइद का पुत्र […]

भागलपुर: मध्य प्रदेश के सिवनी जिला के धनसोर थाना क्षेत्र में चार वर्षीया मासूम बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म व हत्या मामले में मुख्य आरोपित फिरोज (35) को स्थानीय एक कोर्ट ने शनिवार को फांसी की सजा सुनायी. दुष्कर्मी व हत्यारा फिरोज बांका जिले के अमरपुर प्रखंड के ढीबरा गांव के मो मोइद का पुत्र है. घटना 17 अप्रैल 2013 की है.

घटना के बाद मध्य प्रदेश पुलिस ने बंबरगंज थाना क्षेत्र के हुसैनाबाद मोहल्ले से 23 अप्रैल को फिरोज को गिरफ्तार किया था. इस मामले में दूसरे आरोपित राकेश चौधरी को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनायी है तथा अर्थदंड लगाया है.

इन धाराओं के तहत सुनायी गयी सजा : सिवनी के जिला व विशेष सत्र न्यायाधीश दुर्गा डाबर ने भादवि की धारा 302 के तहत फिरोज को दोषी मानते हुए फांसी की सजा, धारा 363, 366 के तहत क्रमश: 7 और 10 साल की सजा, धारा 376-2 एम और धारा 376-2 आइके के तहत आजीवन कारावास और लैगिंग अपराध बाल अधिनियम की धारा 5 एम/6,5 आइ/6 के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनायी है. पूरे मामले में 23 गवाहों की पेशी हुई और छह माह बाद शनिवार को कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया.

क्या था मामला
मध्यप्रदेश के सिवनी जिले के धनसोर थाना क्षेत्र में 17 अप्रैल को चार वर्षीय बच्ची के साथ ढीबरा गांव निवासी मो मोइद के पुत्र फिरोज ने दुष्कर्म किया था और बच्ची को बदहवास छोड़ कर भाग खड़ा हुआ था. बाद में इलाज के दौरान चार बाद अस्पताल में बच्ची की मौत हो गयी थी. फिरोज ने अपनी स्वीकारोक्ति बयान में पुलिस के समक्ष जुर्म कबूल किया था. उसने बताया कि दुष्कर्म करने के दौरान वह नशे में था.

बच्ची के पिता से उसकी मित्रता थी. बच्ची को केला खिलाने के लिए 10 रुपये देकर शाम 7.30 बजे के करीब झाड़ी में ले गया जहां उसके साथ दुष्कर्म किया. इसके बाद बच्ची को तड़पता छोड़ कर लोकल ट्रेन से जबलपुर पहुंच गया. वहां से 17 अप्रैल को लोकमान्य तिलक एक्सप्रेस से भागलपुर के लिए रवाना हुआ. 19 अप्रैल की रात लगभग नौ बजे वह अपनी खाला (मौसी) के घर हुसैनाबाद पहुंचा. अगले दिन वह अपने गांव ढीबरा (अमरपुर प्रखंड) गया. जहां परिजनों ने उसे भाग जाने की सलाह दी. मध्यप्रदेश पुलिस की दबिश बढ़ी तो फिरोज पुन: भाग कर अपनी खाला के घर हुसैनाबाद में जाकर छुप गया. जहां से मध्यप्रदेश पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था. इस गिरफ्तारी में फिरोज की मौसेरी तथा ग्रामीणों ने पुलिस का भरपूर सहयोग किया था. घटना से गुस्साये गांववालों फिरोज को पीट-पीट कर मार डालने चाहते थे. लेकिन पुलिस ने फिरोज को लोगों के चंगुल से बचा कर निकाला था.

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