यहां है परंपराओं-आस्था की समृद्ध श्रृंखला- नाथनगर क्षेत्र में कहीं 113 साल से रखी जा रही प्रतिमा, तो कहीं कंधे पर सवार होकर विसर्जन को जाती हैं मांसंवाददाता, भागलपुरनाथनगर क्षेत्र में मां दुर्गा की पूजा अर्चना वैदिक मंत्रोच्चार से की जाती है. यहां साढ़े चार शताब्दी से मां दुर्गा की प्रतिमा परंपरागत तरीके से स्थापित की जा रही है. इस क्षेत्र में ही मां भगवती की प्रतिमा को कंधे पर रखकर विसर्जन के लिए ले जाने की समृद्ध परंपरा भी जिंदा है. सुजापुर दुर्गा पूजा समिति के मेढ़पति राजेश मोहन घोष बताते हैं कि जहां समिति ने मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की है.यहां करीब 450 सालों से मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की जा रही है. श्री घोष बताते हैं कि हर साल नवरात्र में दुर्गा अष्टमी की शाम सात से रात नौ बजे मां दुर्गा की भव्य महाआरती की जाती है. इस बार भी परंपरागत रूप से महाअष्टमी की शाम को महाआरती और रात में भजन संध्या का आयोजन किया जायेगा. सुजागंज के लोग मां दुर्गा की प्रतिमा को हर साल की तरह इस साल भी 22 अक्टूबर को कंधे पर विसर्जन के लिए ले जायेंगे. नाथनगर में मां दुर्गा की प्रतिमा की स्थापना करने वाले जिला पासी नवयुवक संघ के मेढ़पति शंकर प्रसाद चौधरी बताते हैं कि उन्हें नहीं याद कि यहां पर कब से मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की जाती है, लेकिन उन्हें एक चंदे की रसीद मिली जो सन् 1902 की है. इस तरह कम से कम यह तो कहा ही जा सकता है कि कम से कम 113 सालों से यहां पर मां की प्रतिमा स्थापित की जा रही है.
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यहां है परंपराओं-आस्था की समृद्ध श्रृंखला
यहां है परंपराओं-आस्था की समृद्ध श्रृंखला- नाथनगर क्षेत्र में कहीं 113 साल से रखी जा रही प्रतिमा, तो कहीं कंधे पर सवार होकर विसर्जन को जाती हैं मांसंवाददाता, भागलपुरनाथनगर क्षेत्र में मां दुर्गा की पूजा अर्चना वैदिक मंत्रोच्चार से की जाती है. यहां साढ़े चार शताब्दी से मां दुर्गा की प्रतिमा परंपरागत तरीके से स्थापित […]
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