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वक्रिमशिला सेतु एप्रोच पथ : दूसरे ठेकेदार का टाइम फेल, एक्सटेंशन पर बन रही सड़क

भागलपुर: दोबारा टेंडर के बाद भी विक्रमशिला सेतु एप्रोच पथ निर्धारित समय पर नहीं बन सका है. दूसरे ठेकेदार बेगूसराय के ब्रॉडवे लिंक्स प्राइवेट लिमिटेड काे सड़क बनाने के लिए मिला समय फेल हो गया है. सड़क का निर्माण कार्य अधूरा है. फिलहाल निर्माण का कार्य एक्सटेंशन पर चल रहा है. पथ निर्माण विभाग के […]

भागलपुर: दोबारा टेंडर के बाद भी विक्रमशिला सेतु एप्रोच पथ निर्धारित समय पर नहीं बन सका है. दूसरे ठेकेदार बेगूसराय के ब्रॉडवे लिंक्स प्राइवेट लिमिटेड काे सड़क बनाने के लिए मिला समय फेल हो गया है. सड़क का निर्माण कार्य अधूरा है. फिलहाल निर्माण का कार्य एक्सटेंशन पर चल रहा है.

पथ निर्माण विभाग के इंजीनियर ने बताया कि समय पर सड़क नहीं बनाने की स्थिति में ठेकेदार को कार्य की उपलब्धता के आधार पर होने वाले हर भुगतान राशि में से एक्सटेंशन चार्ज काटा जायेगा. मालूम हो कि दोबारा टेंडर की प्रक्रिया अपनायी गयी थी, जिसमें ब्रॉडवे लिंक्स प्राइवेट लिमिटेड को सड़क निर्माण की जिम्मेदारी सौंपा गया था. एकरारनामा के अनुसार ठेकेदार को पांच माह में सड़क का निर्माण कार्य पूरा करना था. 13 अक्तूबर को पांच माह पूरा हो गया है.

इसके बावजूद सड़क निर्माण का कार्य अधूरा रह गया है. दोबारा टेंडर की प्रक्रिया के तहत प्राक्कलन राशि में 10.67 कराेड़ रुपये शामिल है. ठेकेदार को 14 मई को वर्क ऑर्डर जारी किया गया था. उन्होंने निर्माण कार्य के दौरान 10.60 किमी लंबी सड़क में 620 मीटर में जीएसबी, 720 मीटर में डब्ल्यूएमएम, एक किमी में डीबीएम, 9.80 किमी में बीसी व 200 मीटर में ब्यूटिशियन का काम कराना है. ठेकेदार की ओर से काम कम, बहाने बाजी ज्यादा हो रही है, जिसका परिणाम है कि यह ठेकेदार भी निर्धारित समय पर सड़क नहीं बना सका है.

तय समय पर पहले के ठेकेदार ने नहीं बनायी सड़क, तो छीन लिया कामपहले के ठेकेदार साईं इंजीकॉन ने तय समय पर विक्रमशिला सेतु एप्रोच रोड नहीं बनाया, तो पथ निर्माण विभाग ने ठेकेदार पर पहले दबाव बनाया और इसके बाद उनसे काम छीन कर ब्लैक लिस्टेड कर दिया. वर्तमान ठेकेदार पर दबाव बनाने के बजाय विभाग मेहरबान है. सात माह में बनने वाला पथ डेढ़ साल बाद भी अधूरा महज सात माह में बनने वाला विक्रमशिला सेतु एप्रोच पथ डेढ़ साल बाद भी अधूरा है. पहले के ठेकेदार को सात माह का समय दिया गया, लेकिन निर्धारित समय के पांच माह बाद भी पथ नहीं बन सका. इसके बाद दोबारा टेंडर हुआ. दूसरे ठेकेदार को पांच माह का समय मिला है, मगर वह भी तय समय में काम पूरा नहीं कर सका है. कुल मिला कर डेढ़ साल बाद भी पथ नहीं बन सका है. जर्जर पथ के कारण आवागमन आसान नहीं रह गया है, जिससे शहरवासी चिंतित हैं. विभाग ने पथ निर्माण कार्य पर अबतक में 14 करोड़ से ज्यादा की राशि खर्च कर दिया है और स्थिति जस की तस है.

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