भागलपुर : आइआइटी और एनआइटी काउंसिल की समिति के प्रस्ताव पर अगर एमएचआरडी ने अपनी सहमति जता दी, तो आइआइटी की सालाना ट्यूशन फीस में करीब तीन गुना वृद्धि हो सकती है. यह वृद्धि आइआइटी संस्थानों में बीटेक के लिए है. इसके साथ ही एनआइटी संस्थानों ने भी अंडरग्रेजुएट कोर्स के लिए फीस को तीन गुना करने का प्रस्ताव रखा है. आइआइटी काउंसिल ने इस बाबत एक प्रस्ताव एमएचआरडी को भेजा है.
इस पर जल्द ही मंजूरी मिलने की संभावना है. वर्ष 2011 में परमाणु ऊर्जा आयोग के चेयरमैन रहे डॉ अनिल काकोदकर की अध्यक्षता वाली समिति ने सुझाव दिया था कि लागत के आधार पर फीस वसूलने की पहल होनी चाहिए. इस समिति में पांच और सदस्य भी थे. इस रिपोर्ट में बताया गया कि वर्ष 2012 तक आइआइटी संस्थानों के यूजी कोर्सेज की सालाना फीस 50 हजार रुपये थी, जो अब 90 हजार रुपये है. इसमें करीब 22 प्रतिशत छात्र-छात्राएं एससी-एसटी से हैं.कोट :फीस बढ़ाने को लेकर चर्चा हुई है, लेकिन इस बारे में एनआइटी काउंसिल में कोई तैयारी अभी नहीं हुई है. तकनीकी रूप से देखा जाये, तो आइआइटी की तरह एनआइटी की भी फीस बढ़नी चाहिए.प्रो अशोक डे, डायरेक्टर, एनआइटी, पटना