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शिक्षक ने बचायी महिला व बच्चे की जान
नवगछिया : नवगछिया के कोसी पार कदवा गांव के एक विद्यालय में कार्यरत खरीक के मिरजफरी गांव के शिक्षक राजाराम साह ने मानवता धर्म का परिचय देते हुए एक विक्षिप्त महिला और उसके बच्चे की जान बचा ली. शिक्षक ने बेहोशी की हालत में उक्त महिला और उसके दुधमुंहे बच्चे को अस्पताल पहुंचाया. अस्पताल में […]
नवगछिया : नवगछिया के कोसी पार कदवा गांव के एक विद्यालय में कार्यरत खरीक के मिरजफरी गांव के शिक्षक राजाराम साह ने मानवता धर्म का परिचय देते हुए एक विक्षिप्त महिला और उसके बच्चे की जान बचा ली. शिक्षक ने बेहोशी की हालत में उक्त महिला और उसके दुधमुंहे बच्चे को अस्पताल पहुंचाया. अस्पताल में महिला का इलाज हुआ और उसे होश भी आया.
शिक्षक राजाराम साह के अनुसार वे कदवा गांव स्थित अपने स्कूल में पढ़ाने जाते हैं. तीन दिनों से वे देख रहे थे कि एक विक्षिप्त महिला बाबा बिशुराउत सेतु पथ के निर्माणाधीन संपर्क पथ के नीचे अपने बच्चे के साथ एक ही जगह पर पड़ी रहती थी.
बुधवार को शाम में महिला बेहोश पड़ी थी और उसका बच्चा उसके बगल में खेल रहा था. करीब जा कर जगाने का प्रयास किया तो बच्चा शिक्षक राजाराम साह को गौर से देखने लगा. बस श्री साह की मानवता जाग गयी. उन्होंने महिला को होश में लाना चाहा लेकिन वह होश में नहीं आयी.
इसके बाद श्री साह ने वहीं पर एक ऑटो रिजर्व किया और महिला को लेकर अनुमंडलीय अस्पताल चले गये. वहां से उन्होंने नवगछिया के थानाध्यक्ष संजय कुमार सुधांशु को को भी सूचना दी. मौके पर पुलिस ने भी पहुंच कर पड़ताल की. अस्पताल में डॉ बीपी राय ने महिला का इलाज किया, जिसके बाद वह होश में आयी. महिला कभी अपना नाम तेतरी बताती है और पिता का नाम शेख तुज्जन बताती है. कभी कहती है कि उसका घर मोतीहारी के घोरासन है. फिर कहती है कि इसी जिले में उसका घर हरकटवा है.
महिला अत्यधिक भूखी थी
कहते हैं डॉक्टर : नवगछिया अनुमंडलीय अस्पताल में चिकित्सकों के अनुसार महिला काफी भूखी थी. बच्चे की उम्र लगभग एक वर्ष होगी. डॉक्टर ने कहा कि महिला पूरी तरह से स्वस्थ है, लेकिन उसकी मानसिक हालात ठीक नहीं हैं. फिलहाल अस्पताल में है. सदर अस्पताल में सरकार की ऐसी व्यवस्था है कि वहां पर महिला व उसके बच्चे की देखरेख हो सकती है. लेकिन उसके लिए किसी परिजन या स्वयं सेवी संस्था के लोगों की जरूरत होगी.
कहते हैं शिक्षक : शिक्षक राजाराम साह ने कहा कि महिला की हर संभव मदद की जायेगी. खास कर बच्चे का भविष्य खतरे में हैं. इस आधार पर अकेले महिला और बच्चे को छोड़ा नहीं जा सकता है.
कहती है पुलिस : थानाध्यक्ष संजय कुमार सुधांशु ने कहा कि अगर महिला के परिजन नहीं मिले तो फिर दूसरा रास्ता निकाला जायेगा.
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