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एनएसएस से कर सकेंगे ग्रेजुएशन

भागलपुर: अब विश्वविद्यालयों में एनएसएस (राष्ट्रीय सेवा योजना) केवल कैंप लगाने, रैली निकालने और समारोह आयोजित करने के लिए नहीं जाना जायेगा. विश्वविद्यालय में इसका इस्तेमाल कोर्स के रूप में होगा और छात्र एनएसएस कोर्स की पढ़ाई कर ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल कर सकेंगे. एनएसएस भारत सरकार की महत्वाकांक्षी स्कीम है, लेकिन उच्च शिक्षण संस्थानों […]

भागलपुर: अब विश्वविद्यालयों में एनएसएस (राष्ट्रीय सेवा योजना) केवल कैंप लगाने, रैली निकालने और समारोह आयोजित करने के लिए नहीं जाना जायेगा. विश्वविद्यालय में इसका इस्तेमाल कोर्स के रूप में होगा और छात्र एनएसएस कोर्स की पढ़ाई कर ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल कर सकेंगे. एनएसएस भारत सरकार की महत्वाकांक्षी स्कीम है, लेकिन उच्च शिक्षण संस्थानों में इसे गंभीरता से नहीं लिया जाता है. माना जा रहा है कि इसके कोर्स के रूप में भी लागू हो जाने से इसकी महत्ता बढ़ जायेगी.
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने देश के सभी विश्वविद्यालयों को एनएसएस कोर्स इसी सत्र से लागू करने का निर्देश दिया है. तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में नामांकन प्रक्रिया समाप्त हो जाने के कारण इस सत्र से इसके लागू होने की उम्मीद दिखाई नहीं दे रही है, लेकिन अगले सत्र से एनएसएस विषय से पढ़ाई शुरू होगी.
यूजीसी ने विश्वविद्यालयों को एनएसएस का करिकुलम भी भेजा है, जिसे भारत सरकार की मिनिस्ट्री ऑफ यूथ अफेयर्स एंड स्पोर्ट्स ने डिजाइन किया है. विश्वविद्यालय में किसी भी कोर्स डिजाइन करने में लंबा वक्त लगता है. यह कई प्रक्रियाओं से होकर गुजरने के बाद तैयार हो पाता है, लेकिन यूजीसी द्वारा डिजाइन किया हुआ कोर्स भेज देने से विश्वविद्यालय इसे सामान्य प्रक्रिया अपना कर लागू कर सकता है. लेकिन जानकार बताते हैं कि कोई भी नया कोर्स तभी लागू किया जा सकता है, जब उसकी अनुमति कुलाधिपति से मिल जाये. ऐसे में भागलपुर विश्वविद्यालय को राज्य सरकार से अनुमति लेना आवश्यक होगा. मंत्रलय द्वारा तैयार कोर्स समेस्टर प्रणाली के अंतर्गत है. पूरे कोर्स के छह सेमेस्टर व छह पेपर हैं. प्रत्येक सेमेस्टर में 60 अंक की थ्योरी और 40 अंक का प्रैक्टिकल वर्क होगा.
कोई भी सिलेबस लागू करने के लिए विवि की विभिन्न कमेटियों से अनुमोदित होने के बाद कुलाधिपति से अनुमति लेने की जरूरत होती है. एनएसएस कोर्स शुरू करने में विवि को कोई समस्या नहीं है. कुलाधिपति से अनुमति मिलने के बाद इसे शुरू किया जायेगा. टीएमबीयू इसके लिए हमेशा से प्रयासरत है कि नये-नये कोर्स खुले और अधिक से अधिक छात्र लाभान्वित हों.
प्रो एके राय, प्रतिकुलपति, टीएमबीयू

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