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सड़क चलने लायक बन कर तैयार है साहब!

भागलपुर: शहर की लाइफ लाइन कही जाने वाली एनएच 80 को चलने लायक बनाने का डीएम के निर्देश का गुरुवार को अंतिम डेड लाइन है. विभागीय अभियंता गुरुवार को डीएम को यह मैसेज भी देंगे. सर आपके निर्देश का अक्षरश: पालन करते हुए लोहिया पुल से कैंप जेल तक सड़क को चलने लायक बना दिया […]

भागलपुर: शहर की लाइफ लाइन कही जाने वाली एनएच 80 को चलने लायक बनाने का डीएम के निर्देश का गुरुवार को अंतिम डेड लाइन है. विभागीय अभियंता गुरुवार को डीएम को यह मैसेज भी देंगे. सर आपके निर्देश का अक्षरश: पालन करते हुए लोहिया पुल से कैंप जेल तक सड़क को चलने लायक बना दिया गया है. सरकारी निर्देश व दावे से इतर स्थिति है एनएच 80 की. चलने लायक बनाने के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति हुई है. कुछ बड़े गड्ढों में पत्थर के रोड़े डाल दिये गये हैं जो वाहन के चलने के बाद सड़क पर फैल गये हैं. इन नुकीलें पत्थरों से हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है.

लोहिया पुल से कैंप जेल तक स्थिति में कुछ खास फर्क नहीं आया है. बस बड़े, वाहनों ट्रक और बसों को थोड़ी राहत मिल गयी है. दोपहिया वाहन, रिक्शा और छोटे वाहन चालकों को गड्ढों के बीच रास्ता तलाशना पड़ रहा है.

शहर के बीच से गुजरनेवाली एनएच 80 पिछले कई महीनों से जर्जर है. इसके निर्माण के नाम पर बहुत दावे, प्रतिदावे हुए. मरम्मत के नाम पर विभागीय अभियंताओं व ठेकेदारों ने अपनी झोली भरी. शहरवासियों के हिस्से में आयी सिर्फ परेशानी. जनप्रतिनिधियों ने सड़क के नाम पर अपनी राजनीति चमकाई लेकिन समस्या का समाधान अब तक नहीं हुआ. पिछले दिनों दुर्गापूजा को लेकर शहर के प्रबुद्ध नागरिकों के साथ डीएम की बैठक हुई. बैठक में सड़क की जर्जर हालत पर चर्चा हुई. यह सड़क तो चलने लायक नहीं ही रह गया है. जर्जर स्थिति के कारण आये दिन दुर्घटनाएं होती रहती है. डीएम ने बैठक में एनएच के अभियंता को साफ शब्दों में कहा कि 10 अक्टूबर तक सड़क को चलने लायक बना दें.

ताकि पूजा के दौरान परेशानी नहीं हो. इस सड़क से प्रतिदिन 30 से 35 हजार गाड़िया गुजरती है. शहरवासी इस सड़क होकर मजबूरी में ही गुजरते हैं. डीएम प्रेम सिंह मीणा के निर्देश का पालन हुआ और एनएच विभाग ने सड़क को चलने लायक बना दिया. सड़क को चलने लायक बनाने के नाम पर विभाग ने खानापूर्ति तो नहीं की बल्कि अधिकारियों व शहरवासियों को धोखा भी दिया. मोरंग की जगह कुछ बड़े गड्ढों में पत्थर डाल दिये गये हैं. यह और परेशानी का कारण बन गया है. नुकीले पत्थर से वाहनों के टायर कट रहे हैं. सड़क पर रोड़ा है और ऊपर धूल. लोहिया पुल से कैंप जेल तक की यात्र बेहद त्रसाद है. लोग धूल से सन जा रहे हैं. सड़क किनारे जो दुकान हैं उनके दुकानदारों को भी काफी परेशानी है. अगर हल्की बारिश हो गयी तो सड़क कीचड़ से पट जायेगी. मौसम विभाग ने शनिवार तक बारिश नहीं होने की संभावना तो जतायी है लेकिन यह भी कहा है कि गुरुवार को हल्की बूंदा- बांदी हो सकती है. सड़क जर्जर रहने की वजह से शहर की अन्य सड़कों पर वाहनों का बोझ बढ़ गया है. रिक्शावाले भी इस सड़क होकर गुजरना नहीं चाहते. चलने लायक बनाने के नाम पर सिर्फ छलावा हुआ है.

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