बबलू ने तुरंत साजिद को रुखसाना का भाई बना कर फोन पर रेल पुलिस से उसकी बात भी करा दी. साजिद ने भी रुखसाना का भाई बन कर पुलिस से कहा कि उसकी बहन की शादी बबलू से हुई है और वह अपने ससुराल में रहना नहीं चाहती है. रुखसाना को बबलू व उसका जीजा मुरादाबाद रेलवे स्टेशन से छज्जूपुरा गांव ले गये. वहां से रुखसाना फिर भाग गयी और अगवानपुरा-मोगलपुरा के ग्राम प्रधान फराहीम अहमद के पास पहुंची. ग्राम प्रधान को पूरी बात बतायी. ग्राम प्रधान फराहीम रुखसाना को अपने साथ लेकर मुरादाबाद से भागलपुर पहुंचे. मेराज बबलू के सहयोग से रुकसार के माता-पिता का पता लगाया जा रहा है. मेराज बबलू ने बताया कि अगर रुखसाना के माता-पिता नहीं मिलते हंै, तो उसे समाज के शार्ट स्टे होम में रखा जायेगा.
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रुखसाना को मुरादाबाद में बेचा, भाग कर पहुंचीं भागलपुर
भागलपुर: चंपानगर की रहनेवाली रुखसाना (काल्पनिक नाम) मानव तस्करों के चंगुल से भाग कर मुरादाबाद से भागलपुर पहुंच गयी है. रुखसाना को साजिद ने मुरादाबाद के इस्लामनगर निवासी बबलू सैनी के हाथ 25 हजार रुपये में बेच दिया था. रुखसाना अपने आप को चंपानगर की रहनेवाली बताती है, लेकिन उसे अपना घर नहीं मिल रहा […]
भागलपुर: चंपानगर की रहनेवाली रुखसाना (काल्पनिक नाम) मानव तस्करों के चंगुल से भाग कर मुरादाबाद से भागलपुर पहुंच गयी है. रुखसाना को साजिद ने मुरादाबाद के इस्लामनगर निवासी बबलू सैनी के हाथ 25 हजार रुपये में बेच दिया था. रुखसाना अपने आप को चंपानगर की रहनेवाली बताती है, लेकिन उसे अपना घर नहीं मिल रहा है. इस कारण इमामपुर पंचायत (हबीबपुर थाना क्षेत्र) के मुखिया पति मेराज बबलू ने रुखसाना को तत्काल अपने घर में पनाह दी है. लड़की के पिता रेलवे में गार्ड हैं और कोलकाता में पदस्थापित हैं. रुखसाना के पिता को कोलकाता में रेलवे की ओर सरकारी क्वार्टर भी मिला है.
रुखसाना को बचाने में ग्राम प्रधान ने की पहल : रुखसाना ने बताया कि 25 मई को साजिद उसे प्यार का झांसा देकर ले भागा था. घर के बाहर एक वेल्डिंग दुकान में साजिद काम करता था और वह अपने आप को नैनीताल का रहनेवाला बताता था. दोनों भागलपुर रेलवे स्टेशन से ट्रेन पर मुरादाबाद जाने के लिए सवार हुए थे. साजिद ने रुखसाना से कहा कि अगर वह उसके साथ नहीं जायेगी, तो वह जहर खाकर आत्महत्या कर लेगा और उसके पूरे परिवार को फंसा देगा. भोली-भाली रुखसाना साजिद के नापाक इरादों को समझ नहीं पायी और उसके बहकावे में आ गयी. मुरादाबाद में साजिद ने बबलू सैनी (इस्लामनगर) के हाथ रुखसाना को बेच दिया और 25 हजार रुपये लेकर चलते बना. बबलू रुखसाना को अपने घर ले गया. इस दौरान बस्तीवालों को रुखसाना के बारे में पता चला. इस्लामनगर के ग्राम प्रधान रहमत को भी इसकी जानकारी मिली. ग्राम प्रधान रहमत, बबलू के घर पहुंचा और रुखसाना से पूछताछ की. ग्राम प्रधान ने लड़की को मुक्त करने की बात कही, तो बबलू व उसके परिजनों ने कहा: वह इसे खरीद कर लाया है. किसी तरह ग्राम प्रधान की पहल पर रुखसाना को रेसक्यू कर मानव तस्करों के चंगुल से छुड़ाया गया.
साजिद ने भाई बन कर पुलिस को किया गुमराह
ग्राम प्रधान ने रुखसाना को मुरादाबाद रेलवे स्टेशन पर लाकर भागलपुर जानेवाली ट्रेन में बैठा दिया, लेकिन इसी दौरान बबलू सैनी व उसका जीजा वहां पहुंच गया. दोनों रुखसाना को जबरन अपने साथ ले जाना चाह रहे थे. स्टेशन पर हंगामा हो गया. मौके पर पहुंची रेल पुलिस को भी पैसे देकर बबलू व उसके जीजा ने अपने पक्ष में कर लिया और कहा कि रुखसाना उसकी पत्नी है, लेकिन वह अपने ससुराल में नहीं रहना चाहती है.
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