भागलपुर: जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में रविवार को उस वक्त चिकित्सकों की परेशानी बढ़ गयी, जब एक महिला को खून चढ़ाने की जरूरत हो गयी. दरअसल खगड़िया गोगरी से आयी महिला कृष्णा देवी को प्रसव पीड़ा होने पर अस्पताल में भरती कराया गया. चिकित्सकों ने जांच के बाद कहा कि इसे खून चढ़ाना […]
भागलपुर: जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में रविवार को उस वक्त चिकित्सकों की परेशानी बढ़ गयी, जब एक महिला को खून चढ़ाने की जरूरत हो गयी. दरअसल खगड़िया गोगरी से आयी महिला कृष्णा देवी को प्रसव पीड़ा होने पर अस्पताल में भरती कराया गया. चिकित्सकों ने जांच के बाद कहा कि इसे खून चढ़ाना पड़ेगा. इतना सुनते ही परिजन महिला को वहां से छोड़ फरार हो गये. वहीं दूसरी ओर महिला की स्थिति बिगड़ती जा रही थी.
इसके बाद वहां मौजूद डॉ कृष्णा ने कर्मचारियों को परिजनों को ढ़ूंढ़ने का निर्देश दिया. जब परिजन अस्पताल में नहीं मिले, तो चिकित्सक ने अधीक्षक डॉ आरसी मंडल को सूचना दी और अधीक्षक के आदेश पर महिला का ऑपरेशन किया गया. वहां मौजूद चिकित्सकों ने बताया कि ऑपरेशन के पूर्व परिजनों से रिस्क बांड पर हस्ताक्षर कराया जाता है. इसके बाद ही मरीज का ऑपरेशन होता है. दरअसल ऑपरेशन के दौरान मरीज के साथ किसी तरह की दिक्कत होने पर बाद में परिजन हंगामा करते हैं.
इतना ही नहीं परिजनों से पूछे बिना ऑपरेशन करने पर भी हंगामा होने का खतरा बना रहता है. लेकिन कृष्णा देवी के बांड पर साइन करने के लिए एक भी परिजन मौजूद नहीं थे.अगर महिला का ऑपरेशन नहीं होता तो उसकी जान जा सकती थी. चिकित्सक का कहना है कि कमोबेश इस तरह की स्थिति आये दिन होते रहती है. खून देने के नाम पर परिजन भाग खड़े होते हैं. इधर अधीक्षक डॉ आरसी मंडल ने बताया कि हमने चिकित्सक से कहा है कि पूरी बात उसके बीएचटी पर लिख दें और ऑपरेशन करें. इसके बाद महिला का ऑपरेशन कर दिया गया है.
अधीक्षक के आदेश पर मिला दो यूनिट रक्त
वरीय संवाददाता, भागलपुर
जेएलएनएमसीएच में खगड़िया के गोगरी की गर्भवती महिला कृष्णा देवी के ऑपरेशन के लिए दो यूनिट रक्त अधीक्षक के आदेश पर दिया गया. डॉ आरसी मंडल ने बताया कि परिजन मरीज को छोड़ कर चले गये थे. उन्होंने बताया कि मुश्किल हालात में महिला को लाया गया था. हालांकि मरीज का ऑपरेशन हो गया.