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डीपीओ कार्यालय में पसरा सन्नाटा

– निगरानी की टीम ने शनिवार को की थी छापेमारी प्रतिनिधि, कटिहारनिगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम द्वारा आय से अधिक संपत्ति के मामले में मध्यान भोजन के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी वीरेंद्र नारायण के ठिकानों पर छापामारी के बाद शनिवार को मध्यान भोजन कार्यालय में सन्नाटा पसरा रहा है. कार्यालय पहुंचे एमडीएम कर्मियों के बीच बस […]

– निगरानी की टीम ने शनिवार को की थी छापेमारी प्रतिनिधि, कटिहारनिगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम द्वारा आय से अधिक संपत्ति के मामले में मध्यान भोजन के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी वीरेंद्र नारायण के ठिकानों पर छापामारी के बाद शनिवार को मध्यान भोजन कार्यालय में सन्नाटा पसरा रहा है. कार्यालय पहुंचे एमडीएम कर्मियों के बीच बस छापेमारी को लेकर चर्चाएं हो रही थी. यद्यपि आम दिनों की तुलना में आज एमडीएम कार्यालय में चहल-पहल कम रही. हालांकि डीपीओ वीरेंद्र के ठिकानों पर हुई छापेमारी को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं भी शुरू हो गयी है. एमडीएम के डीपीओ के कार्य-कलाप को शिक्षा जगत से जुड़े लोग अपने-अपने हिसाब से विश्लेषण कर रहे हैं.-लाभ वाले काम पर रहती थी नजरजानकारी बताते हैं कि जिस संचिका में उसे लाभ नजर आता, उसी में उनकी अधिक दिलचस्पी होती है. यही वजह रहा कि जन शिकायत के निष्पादन सहित कई मामले उनके कार्यालय में स्थापना में ठंडे बस्ते में रहा. नाम नहीं छापने के शर्त पर कई शिक्षक बताते हैं कि वीरेंद्र के कार्य-कलाप व प्रभाव को लेकर उच्चाधिकारी तक शिकायत की गयी. लेकिन उनके विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं हुई. जानकारी के अनुसार नियोजित शिक्षकों के हड़ताल से करीब 35-40 दिन तक विद्यालय का पठन-पाठन बाधित रहा. कहीं-कहीं एक-दो नियमित शिक्षक होने के बावजूद उस विद्यालय में पठन-पाठन प्रभावित रहा. लेकिन उस अवधि में कागज पर मध्यान भोजन चलता रहा. हड़ताल अवधि के दौरान मध्यान भोजन के फर्जीवाड़ा की भौतिक जांच होने से बड़ा घोटाला सामने आ सकता है. एमडीएम के वेबसाइट पर साफ दिखाया गया है कि हड़ताल अवधि में विद्यालय बच्चों को एमडीएम दिया गया.

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