भागलपुर: बम से हमला कर लोगों को मौत की नींद सुलाने वाला कुख्यात बरारी निवासी अभय यादव को न्यायिक हिरासत में बुधवार को जेल भेज दिया गया. जेल जाने से पूर्व बातचीत में अभय यादव ने बताया कि बड़े भाई के हत्यारे से बदला लेने के लिए अपराध जगत में कदम रखा.
कुछ दबंग लोग परिवार पर जुल्म कर रहे थे. परिवार पर हो रहे अन्याय को खत्म करने के लिए गिरोह तैयार किया. वर्ष 1995 में मैट्रिक पास करने के बाद आइएससी में नामांकन भी कराया था. परिवार के लोग डॉक्टर बनाना चाहते थे, लेकिन इसी वर्ष अपराधियों ने बड़े भाई अनूप प्रसाद यादव की हत्या कर दी व पिता को भी गोली मार कर जख्मी किया. तभी से बदला लेने के लिए गिरोह बना कर अपराध जगत में सक्रिय हुआ.
वार्ड संख्या 28 के पार्षद पति मो जफर साजिश कर बम मामले में उसे फंसाया है. पार्षद चुनाव के दौरान उनके आदमी चुनाव जीत रहे थे, लेकिन मो जफर हार की डर से परिवार के लोगों का तंग करने लगा. पिछले साल उसकी शादी हुई है. वह समाज की मुख्य धारा में शामिल होना चाहता है, लेकिन मो जफर व उसके साथी हमेशा परेशान करते है. पुलिस उसे इस लिए नहीं पकड़ती है कि उसका नाता नामचीन नेताओं से है. अभय यादव पर लूटकांड, बमबाजी व रंगदारी के पांच मामले बरारी थाना में है. वर्ष 2012 में चार माह की सजा काट कर जेल से वह बाहर आया था.
आर्म्स एक्ट में भी गया है जेल
बताया जाता है कि अभय यादव 2006 में कोतवाली थाने में आर्म्स एक्ट में पकड़ा गया था. इस मामले में सत्तन यादव भी उसके साथ, जबकि अभय को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था.
सत्तन यादव को देता था संरक्षण
अभय यादव के बारे कहा जाता है कि उसके पास कई नामी अपराधी संरक्षण लेने आता है. नाथनगर का कुख्यात सत्तन यादव को भी अभय सरंक्षण देता था. बताया जाता है कि अभय का बरारी में इतना दहशत है कि उसकी सूचना भी कोई डर से पुलिस को नहीं देता है.
श्मशान घाट पर चलता है राज
अभय यादव का श्मशान घाट पर राज चलता है. कहा जाता है कि वहांलकड़ी गोला वाले और पूड़ी जलेबी बेचने वाले दुकानदार उसकी आर्थिक मदद करते हैं. गंगा पार के भी कई अपराधी अभय के पास आकर सुरक्षित रहते हैं.
पार्षद पति के लोगों पर खतरा
वार्ड 28 के पार्षद पति जफर ने बरारी थाने में अभय यादव के खिलाफ बम मारने की प्राथमिकी दर्ज करायी थी. सूत्रों की माने तो अभय के आदमियों का कहना है कि पार्षद पति के लोगों ने ही पुलिस को अभय के छिपने के ठिकाने का पता बताया है.
हो सकता गैंगवार
सूत्र बताते है कि अभय यादव के साथी अब रंगदारी मांगने की पुलिस को शिकायत करने वाले को निशाना बना सकते हैं. दूसरी तरफ अभय यादव का विरोधी गुट भी हमला कर सकता है. इससे गैंगवार की आशंका है.
टीम में थे शामिल
अभय यादव को दबोचने में बरारी थानाध्यक्ष अमर कुमार, टाइगर मोबाइल पुलिस राजेश कुमार, प्रकाश चौधरी, सब इंस्पेक्टर विकास कुमार सिंह, मो रहमान , इंद्रजीत सिंह आदि शामिल थे. मो रहमान ने गंगा नदी की ओर से, इंद्रजीत ने बनिया टोली की ओर से, थानाध्यक्ष अमर कुमार ने पिपलीधाम में और राजेश कुमार व प्रकाश ने सभी रास्ते पर घेराबंदी कर रखी थी.