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सैकड़ों छात्रों को फर्जी प्रमाणपत्र बेच चुका है सरगना एसके बप्पी
भागलपुर: टीएमबीयू के पीजी बांग्ला विभाग से वर्ष 2013 में एसके बप्पी पास आउट हुआ था. विश्वविद्यालय से पास आउट करने के बाद भी वह डिग्री की खरीद-बिक्री का धंधा जारी रखा. विवि में बुधवार को पकड़ाये गये छात्रों का कहना था कि बप्पी 10 हजार में अंक पत्र और 20 हजार में प्रमाणपत्र बेचा […]
भागलपुर: टीएमबीयू के पीजी बांग्ला विभाग से वर्ष 2013 में एसके बप्पी पास आउट हुआ था. विश्वविद्यालय से पास आउट करने के बाद भी वह डिग्री की खरीद-बिक्री का धंधा जारी रखा. विवि में बुधवार को पकड़ाये गये छात्रों का कहना था कि बप्पी 10 हजार में अंक पत्र और 20 हजार में प्रमाणपत्र बेचा करता है. उन दोनों ने इसी वर्ष जनवरी में बप्पी से अंक पत्र खरीदा था.
इस तरह छात्रों को लेता है झांसे में : छात्रों का कहना था कि उसे किसी ने बताया कि बीए ऑनर्स का पास मार्क्स चाहिए, तो बप्पी से संपर्क करो. उसने बप्पी से संपर्क किया. उससे पूछा कि डिग्री की सत्यता क्या होगी, तो उसका कहना था कि उसका भागलपुर विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग से सेटिंग है. परीक्षा विभाग में वह टीआर तक बदलवा देता है. इसी कारण उन दोनों ने बप्पी से अंक पत्र खरीद करने की बात मान ली. अपनी बातों को वह इस तरीके से करता है कि कोई यह मान ही नहीं सकता है कि वह फर्जी डिग्री बनानेवाले रैकेट का सरगना है.
कई और भी लोग हैं डिग्री बनानेवाले : पकड़े गये छात्रों का कहना था कि विवि के आसपास कई और लोग भी रहते हैं, जो डिग्री बना कर बेचते हैं. उनमें कुछ लोग तो प्रशासनिक भवन परिसर में भी घूमते रहते हैं. छात्र इसलिए विश्वास कर लेते हैं कि उन्हें कई बार परीक्षा विभाग में घुसते, कर्मचारियों से दोस्ताना बातचीत करते देखा जाता है. लेकिन उन दोनों ने बप्पी से ही अंक पत्र इसलिए खरीदा कि एक तो वह मालदा का यानी अपने जिले का है और दूसरा कभी किसी तरह की गड़बड़ी मिलने पर उसे आसानी से पकड़ लेगा.
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