नवहट्टा (सहरसा). जल संसाधन विभाग ने तटबंध के भीतर बसे व कोसी की धारा में बार-बार समा चुके केदली पंचायत को बचाने के लिए परकोपाइन लगा कर विलेज प्रोटेक्शन का कार्य कराया था. नदी की धारा को मोड़ने व गांव से दूर करने के लिए एराजी कठुआर और केदली गांव के बीच परकोपाइन लगाया गया था. अभियंताओं की सोंच थी कि परकोपाइन कोसी की धारा पश्चिम की ओर कर देगा और गांव कोसी के कहर से बच जायेगा. लेकिन बाढ़ की अवधि शुरू होते ही परकोपाइन की दशा बेकाबू होने लगी है. जीर्ण-शीर्ण तरीके से लगाये गये परकोपाइन ने दूसरे और तीसरे खंभों का अभी से ही साथ छोड़ दिया है. गांव को बचाने के लिए लगाये गये परकोपाइन खुद सो गये हैं. उन्हें बचाने वाला भी कोई नहीं है. विलेज प्रोटेक्शन के नाम पर खानापूर्ति कर केदली गांव को एक बार फिर कोसी की कृपा पर छोड़ दिया है.
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केदली में बाढ़ पूर्व ही सो गया परकोपाइन
नवहट्टा (सहरसा). जल संसाधन विभाग ने तटबंध के भीतर बसे व कोसी की धारा में बार-बार समा चुके केदली पंचायत को बचाने के लिए परकोपाइन लगा कर विलेज प्रोटेक्शन का कार्य कराया था. नदी की धारा को मोड़ने व गांव से दूर करने के लिए एराजी कठुआर और केदली गांव के बीच परकोपाइन लगाया गया […]
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