मंटू ने बताया कि उसके पड़ोसी अशोक दास ने उससे 35 हजार रुपये बतौर उधार लिया था. पैसे मांगे तो सोमवार अल सुबह को गोली मार दिया. मंटू के मुताबिक, 1995-96 में मनोहर दास हत्याकांड में अशोक का नाम आया था. चार सितंबर 2010 को उसने केस लड़ने में लिए 35 हजार रुपये लिये थे. इस दौरान छह सितंबर 2010 को पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.
18 सितंबर 2010 को उसे सजा भी सुना दी गयी. 2013 में वह जेल से निकला. जेल से निकलने के बाद अक्सर मंटू अपने उधार पैसों की मांग अशोक से करता था. साल भर के बाद अशोक मुकर गया और कहने लगा कि उसने कोई पैसा नहीं लिया है. अंतत: आठ जून 2015 को पैसे देने को अशोक राजी हुआ. इस दौरान अहले सुबह अशोक अपनी पत्नी पवन देवी के साथ मंटू की झोपड़ी पर आया और उसे गोली मार दी. पत्नी पवन ने देवी ने मंटू की झोपड़ी में आग लगा दी. आनन-फानन में परिजनों ने मंटू को इलाज के लिए भागलपुर लाया. पुलिस मामले की छानबीन कर रही है.