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टीएमबीयू में फर्जी बहाली, होगा केस
भागलपुर: तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में फर्जी बहाली का मामला सामने आया है. मामला वर्ष 1997 का है, जिसके अनुसार कुल छह कर्मी अवैध तरीके से विश्वविद्यालय कार्यालय व अन्य विभागों में सफाईकर्मी के रूप में नौकरी कर रहे थे. इस संबंध में विवि प्रशासन ने फर्जी कर्मियों पर एफआइआर के लिए विश्वविद्यालय थाना को आवेदन […]
भागलपुर: तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में फर्जी बहाली का मामला सामने आया है. मामला वर्ष 1997 का है, जिसके अनुसार कुल छह कर्मी अवैध तरीके से विश्वविद्यालय कार्यालय व अन्य विभागों में सफाईकर्मी के रूप में नौकरी कर रहे थे. इस संबंध में विवि प्रशासन ने फर्जी कर्मियों पर एफआइआर के लिए विश्वविद्यालय थाना को आवेदन दिया है. आंतरिक जांच में फर्जी पाये जाने के बाद शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव के आदेश पर इन पर शिकंजा कसा गया है.
नियुक्ति की बात लेकर पहुंचे थे हाइकोर्ट : कुलसचिव के पत्र के अनुसार ने डॉ रामाश्रय यादव के कुलपति कार्यकाल में 365 कर्मियों की नियुक्ति की गयी थी. उसी समय ये छह कर्मी खुद की भी नियुक्ति होने की बात लेकर उच्च न्यायालय पहुंचे थे. इन कर्मियों ने कार्यालय आदेश संख्या 230/97 के ज्ञापांक बी/13320-50 दिनांक 03.01.1997 के आधार पर अपनी नियुक्ति का दावा ठोका था. मूलत: विवि क्षेत्र, चंपानगर व लोदीपुर के निवासी ये कर्मी कई वर्षो से विश्वविद्यालय से वेतन उठा रहे थे जिससे विश्वविद्यालय को लाखों का चूना लग चुका है. माना जा रहा है कि फर्जी कर्मियों से राशि की वसूली भी की जा सकती है.
ऐसे पकड़ाया मामला
स्वीपर के रूप में काम कर रहे छह कर्मियों ने जिस कार्यालय आदेश पर अपनी बहाली का दावा प्रस्तुत किया था, वह कंप्यूटराइज्ड लेटर है. नियुक्ति का मामला वर्ष 1997 का है, जिस समय कंप्यूटर का विस्तार उतना नहीं हुआ था. टीएमबीयू में भी उस समय कंप्यूटर नहीं लगे थे. साधारण टाइपराइटर द्वारा नोटिफिकेशन जारी किया जाता था. दूसरी बात जो जांच में सामने आयी, वह कुलसचिव के हस्ताक्षर को लेकर है. फर्जी नोटिफिकेशन लेटर में जो आधिकारिक हस्ताक्षर है, वह कुलसचिव का स्कैन किया हुआ हस्ताक्षर है.
डॉ रामाश्रय यादव के कुलपति कार्यकाल में टीएमबीयू में 365 कर्मियों की नियुक्ति की गयी थी. छह लोग हाइकोर्ट गये थे कि उनकी भी नियुक्ति हुई है. उन्होंने फर्जी नोटिफिकेशन भी प्रस्तुत किया था, जिसका पता जांच में चला है. शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव ने एफआइआर दर्ज कराने का निर्देश दिया, जिसके अनुसार कुलपति से आदेश लेकर थाना को आवेदन दिया गया है.
प्रो मो गुलाम मुस्तफा
कुलसचिव, तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय
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